बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब “डोर-टू-डोर” चिकित्सकीय सेवा

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब “डोर-टू-डोर” चिकित्सकीय सेवा

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब “डोर-टू-डोर” चिकित्सकीय सेवा 
 • आरबीएसके की 16 अतिरिक्त टीम लगाई गयी 
 • प्रभावित क्षेत्रों में नाव से पहुंच कर शुरू किया उपचार 
 • सीएमओ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा 

 वाराणसी, 31 अगस्त 2022 
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का प्रयास लगातार जारी है। बाढ़ चौकियों पर हो रहे उपचार के अतिरिक्त अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ‘डोर-टू-डोर’ चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की गयी है। इसके लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम लगाई गयी है। नाव के जरिये इस टीम ने बाढ़ पीड़ितों के घर तक पहुंच कर उपचार व दवाओं का वितरण शरू कर दिया है । इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चिकित्सकीय व्यवस्था का जायजा लिया।


 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के उपचार के लिए सभी बाढ़ चौकियों पर पहले से चिकित्सकों की टीम पर्याप्त दवाओं के साथ मौजूद है और लोगों का उपचार भी कर रही है। बावजूद इसके बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में बहुत से ऐसे लोग जो अपने घरों में है और बाढ़ चौकियों तक उपचार के लिए नहीं पहुंच पा रहे। ऐसे लोगों को चिकित्सकीय सेवा उनके घर पर ही उपलब्ध कराने के लिए बुधवार से आरबीएसके की 16 टीम लगा दी गयी है। प्रत्येक टीम में दो चिकित्सक व पैरामेडिकल कर्मी शामिल हैं। आरबीएसके की ये सभी टीम नाव के जरिये लोगों के घरों तक पहुंचकर उन्हें चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायेगी। उन्होंने बताया कि आरबीएसके की सभी टीमों ने  काम करना शुरू कर दिया है। 


इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने चिकित्साधिकारी डा. अतुल सिंह के साथ बाढ़ प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर चिकित्सकीय सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्सी से रविदास घाट क्षेत्र में नाव से भ्रमण कर लोगों से उनके स्वास्थ की जानकारी ली और संक्रामक रोगों से सचेत रहने की सलाह दी। इस दौरान आवश्यक दवाओं के साथ ही ओआरएस के पैकेट व क्लोरीन की गोलियां भी वितरित की गयी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा के पर्याप्त प्रबंध है। प्रभावित क्षेत्रों में यदि कोई बीमार है तो वह बाढ़ चौकियों पर अपना उपचार करा सकता है। जरूरत हुई तो उसके घर पर भी चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध करायी जायेगी।


 बीमार दो गर्भवती का किया उपचार- शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आनंदमयी की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सोनाली त्रिपाठी को सूचना मिली कि भदैनी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गर्भवती मानसी (20 वर्ष) व रूबी वर्मा (28 वर्ष) बीमार हैं। उन्हें गोयनका महाविद्यालय में बनाये गये बाढ़ सहायता केन्द्र में लाया गया। डा. सोनाली त्रिपाठी ने दोनों गर्भवती का उपचार किया और उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही आराम करने की सलाह दी। दोनों ही गर्भवती की हालत में अब सुधार है।
 उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पीयूष राय ने बताया कि बुधवार को बाढ़ राहत शिविरों में 482 मरीज देखे गये। साथ ही ओआरएस के 372 पैकेट व क्लोरीन टेबलेट की 2560 गोलियां वितरित की गयी। 
इस तरह सात दिनों में .बाढ़ राहत शिविरों में कुल 2139  मरीज देखे जा चुके है। साथ ही ओआरएस के 1583 पैकेट व क्लोरीन टेबलेट की 1120  गोलियां वितरित की गयी है।

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