अब नए टीबी मरीजों के परिजनों की सिर्फ तीन माह चलेगी ‘प्रिवेंटिव थेरेपी’

वाराणसी, 06 जुलाई 2024 । ऐसे टीबी मरीज जिन्हें फेंफड़े (पल्मोनरी) की टीबी है। उनके संपर्क में आने वाले या साथ रहने वाले परिजन के लिए टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) का कोर्स कम कर दिया गया है, जिससे उन्हें प्रतिदिन दवा खाने से राहत मिलेगी।

अब नए टीबी मरीजों के परिजनों की सिर्फ तीन माह चलेगी ‘प्रिवेंटिव थेरेपी’
अब नए टीबी मरीजों के परिजनों की सिर्फ तीन माह चलेगी ‘प्रिवेंटिव थेरेपी’
फेंफड़े की टीबी से बचाव के लिए ‘टीपीटी’ की दवा का कोर्स कम किया गया
सप्ताह में सिर्फ एक दिन खानी होगी गोली, थेरेपी पूरी होने पर होगा फॉलो अप
एसटीएस व टीबी एचवी को किया गया प्रशिक्षित, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

वाराणसी, 06 जुलाई 2024 । ऐसे टीबी मरीज जिन्हें फेंफड़े (पल्मोनरी) की टीबी है। उनके संपर्क में आने वाले या साथ रहने वाले परिजन के लिए टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) का कोर्स कम कर दिया गया है, जिससे उन्हें प्रतिदिन दवा खाने से राहत मिलेगी।  
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने और प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब टीबी मरीजों के संपर्कियों को सिर्फ तीन माह तक टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) दी जाएगी। इसके लिए जिला क्षय रोग केंद्र (डीटीसी) ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइज़र (एसटीएस) और टीबी हेल्थ विजिटर (टीबीएचवी) को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगामी दिवसों में यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत जनपद के टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले परिजनों को अब सिर्फ तीन माह तक ही टीबी से बचाव की दवा खानी होगी। इसकी नई दवा केंद्र पर आ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी के अंतर्गत पहले कोंट्रेक्ट पर्सन को छह माह तक दवा का सेवन करना पड़ता था। ऐसे में वह प्रतिदिन दवा का सेवन करना भूल जाते थे, जिससे अब उन्हें राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में ड्रग सेंसेटिव टीबी (डीएसटीबी) के 7566 मरीज हैं। इसमें पल्मोनरी के 4366 मरीज हैं। इन सभी मरीजों को परिजनों को अब तक छह माह की टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी दी जा चुकी है। लेकिन अब जितने भी टीबी के नए मरीज नोटिफ़ाई किए जाएंगे, उनके परिजनों को अब सिर्फ तीन माह की थेरेपी चलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एनटीईपी के कर्मियों के द्वारा पूर्व की तरह सभी नए टीबी मरीजों के घर पर विजिट की जाएगी। सभी सदस्यों की जानकारी लेकर व जांच कराकर उनकी टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी तीन माह के लिए शुरू की जाएगी। थेरेपी पूरी होने के बाद उनका फॉलो अप भी किया जाएगा। 
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को फेंफड़े की टीबी हो जाती है तो वह कम से कम 15 व्यक्तियों को टीबी से संक्रमित कर सकता है। इसलिए परिवार के लोगों के ऊपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह दवा टीबी मरीजों के संपर्कियों को तीन माह तक दी जाएगी। प्रत्येक सप्ताह उन्हें सिर्फ एक दिन गोली खानी होगी, जिससे वह टीबी से बचे रहेंगे। 
लक्षण दिखे तो कराएं जांच - अगर लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे तो नजदीकी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, टीबी यूनिट पर निःशुल्क टीबी जांच करवा सकते हैं। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज चलाना है। इस दौरान उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत छह माह तक पोषण के लिए हर माह 500 रुपये सीधे मरीज के खाते में पहुंचाए जाते हैं।

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