हरियाणा के नूह का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, दिये गये यह आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हिंसा और नफरत भरी बातें न हों। याचिकाकर्ता की ओर से रैलियों और भाषणों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। नूह और हरियाणा के अन्य इलाकों में हिंसा से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हिंसा और नफरत भरी बातें न हों। याचिकाकर्ता की ओर से रैलियों और भाषणों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। नूह और हरियाणा के अन्य इलाकों में हिंसा से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, हेट स्पीच पर ये बेंच का फैसला है, हेट स्पीच नहीं होनी चाहिए। यह व्यवस्था और सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई हिंसा या नफरत फैलाने वाला भाषण न हो। अब हम इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे।
वकील ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि चूंकि बार-बार भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं, इसलिए हमारी मांग है कि रैलियों, प्रदर्शनों, भाषणों और सभाओं पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने पूछा कि किस रैली में भड़काऊ भाषण दिए गए थे।
कोर्ट ने कहा कि हमने अखबारों में देखा है, कई जगहों पर हिंसा हुई है। कोर्ट ने कहा है कि अगर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने की जरूरत हो तो तैनात करें, सीसीटीवी और वीडियो रिकॉर्ड रखें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर, 2022 के फैसले (घृणास्पद भाषण) के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच पर 11 सदस्यीय बेंच ने फैसला सुनाया है।
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