पितृ पक्ष के पहले दिन काशी के पिशाच मोचन के पौराणिकुंड पर तर्पण करने वालों की लगी भारी भीड़ जाने क्या है श्राद्ध कर्म
काशी में मोक्ष का द्वार कहे जाने वाले पिशाच मोचन कुंड पर वैसे तो साल के 365 दिन मृत आत्माओं के तर्पण विधि के लिए जाना जाता है मगर पितृ पक्ष के दौरान तर्पण कर्म के लिए इस पिशाच मोचन का विशेष महत्व है जिसको लेकर पिशाच मोचन पर आज श्राद्ध कर्म करने वालों की पहले ही दिन भीड़ काफी दिखाई पड़ी
पितृ पक्ष के पहले दिन काशी के पिशाच मोचन के पौराणिकुंड पर तर्पण करने वालों की लगी भारी भीड़ जाने क्या है श्राद्ध कर्म
काशी में मोक्ष का द्वार कहे जाने वाले पिशाच मोचन कुंड पर वैसे तो साल के 365 दिन मृत आत्माओं के तर्पण विधि के लिए जाना जाता है मगर पितृ पक्ष के दौरान तर्पण कर्म के लिए इस पिशाच मोचन का विशेष महत्व है जिसको लेकर पिशाच मोचन पर आज श्राद्ध कर्म करने वालों की पहले ही दिन भीड़ काफी दिखाई पड़ी
पूर्वजों के निमित्त तर्पण करने का नियम बताया गया है. पिशाच मोचन श्राद्ध तिथि पर अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पितरों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन शांति के उपाय करने से प्रेत योनि और जिन लोगों को भूत प्रेत से डर लगता है उन्हें पितृदोष से मुक्ति मिलती है. पित्र दोष को शांत करने के लिए शास्त्रों में पिशाच मोचन श्राद्ध को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. हमारे शास्त्रों में श्राद्ध के बहुत सारे विधि विधान बताए गए हैं. जिनके द्वारा पितरों की शांति और मुक्ति होती है.
पिशाच मोचन श्राद्ध का महत्व-
श्राद्ध कर्म के द्वारा मनुष्य अपने पितरों को शांति प्रदान करता है और उन्हें प्रेत योनि से मुक्ति दिलाता है.
शास्त्रों में बताया गया है कि अगर कोई मनुष्य अपने पितरों की मुक्ति और शांति के लिए श्राद्ध कर्म या तर्पण नहीं करता है तो उसे पितृदोष भुगतना पड़ता है और उसके जीवन में कई प्रकार के कष्ट उत्पन्न होने लगते हैं.
जो लोग अकाल मृत्यु या किसी एक्सीडेंट में मारे जाते हैं उनके लिए पिशाच मोचन श्राद्ध बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन श्राद्ध कर्म संपन्न करते हुए पूर्वजों को मुक्ति मिलती है.
पिशाच मोचन श्राद्ध पितरों को अभीष्ट सिद्धि देने वाला होता है. इसलिए इस दिन किया गया श्राद्ध कर्म अक्षय होता है. इससे पितृ संतुष्ट होते हैं.
पिशाचमोचन श्राद्ध के दिन श्राद्ध कर्म करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामना को पूर्ण करते हैं.
इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
पिशाच मोचन श्राद्ध के दिन तीर्थ, स्नान, जप, तप और व्रत करने से पुण्य प्राप्त होता है और सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है.
यह दिन संयम साधना और तपस्या के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.
पिशाचमोचन श्राद्ध के दिन भगवान विष्णु की विशेष आराधना की जाती है. जिससे तन मन और धन से जुड़े सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
पिशाच मोचन श्राद्ध विधान-
इस दिन व्रत, स्नान ,दान, जप, होम और पितरों के लिए भोजन वस्त्र आदि का दान देना बहुत उत्तम माना जाता है.
शास्त्रों में बताया गया है इस दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के पश्चात संकल्प लेकर उपवास करें.
सबसे पहले दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं. अब किसी पात्र में जल भरकर अपने सामने स्थापित करें, और सभी पितरों को जल अर्पित करें.
अब अपने पितरों से अपने घर परिवार स्वास्थ्य आदि की के लिए प्रार्थना करें.
तिलक और आचमन करने के बाद पीतल या तांबे के बर्तन में पानी लेकर उसमें दूध, दही, शहद, कुमकुम, अक्षत तिल और कुश रखे.
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