पेनियरबाय की डिजिटल नारी ने भारत की महिला कारोबारियों को सशक्त करने के लिए बचत, हेल्थकेयर एवं हाइजीन समाधान लॉन्च किये
पेनियरबाय की डिजिटल नारी ने भारत की महिला कारोबारियों को सशक्त करने के लिए बचत, हेल्थकेयर एवं हाइजीन समाधान लॉन्च किये
आजमगढ़ में हुए सखी मिलन कार्यक्रम में नई सेवाएं पेश की गईं, इससे बीसी सखी और महिला कारोबारियों की आय बढ़ेगी , और उन्हें ज़रूरी वित्तीय एवं डिजिटल सेवाओं का भी लाभ मिलेगा।
आजमगढ़, 6 मार्च, 2025 : पेनियरबाय, भारत का प्रमुख ब्रांचलेस बैंकिंग एवं डिजिटल नेटवर्क है, ने आजमगढ़ में ग्रामीण फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पैक्ट के साथ मिलकर "सखी मिलन" कार्यक्रम में अपनी "डिजिटल नारी" पहल का विस्तार किया। इस कार्यक्रम में, पूरे भारत की बीसी सखियों और महिला कारोबारियों को सशक्त बनाने के लिए नई सेवाएं शुरू की गईं। इन सेवाओं से उनकी कमाई के मौके बढ़ेंगे और उन्हें ज़रूरी वित्तीय और डिजिटल सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इन नई सेवाओं में बचत खाते, स्वास्थ्य सेवाएं और साफ-सफाई के समाधान शामिल हैं। इससे उन महिलाओं को बहुत फायदा होगा जिन्हें आम तौर पर ये सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं।
पेनियरबाय की "डिजिटल नारी" पहल भारत की महिलाओं के लिए वित्तीय और डिजिटल पहुंच को बदल रही है। 10,000 से अधिक पिन कोड में 60,000 से ज्यादा महिलाएं सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इनमें से 60% से ज्यादा महिलाएं पहली बार उद्यमी बनी हैं, जो हर महीने लगभग 3,000-5,000 रुपये कमा रही हैं। कई महिलाएं इस काम के साथ-साथ खेती या छोटे पारिवारिक व्यवसाय भी संभाल रही हैं। लगभग 25-30% महिलाओं ने तो अपने डिजिटल सेवा केंद्र भी खोल लिए हैं। खास बात यह है कि 65% महिलाएं पहले साल के बाद भी अपने व्यवसाय को बढ़ा रही हैं, इससे पता चलता है कि यह कार्यक्रम लंबे समय तक चलने वाला और स्थिर प्रभाव डालने वाला है।
डिजिटल नारी" योजना मुख्य रूप से महिलाओं को कमाई के लिए काम करने के मौके देना चाहती है, और उन इलाकों में बैंक और दूसरी जरूरी चीजें पहुंचाना चाहती है जहां ये आसानी से नहीं मिलतीं। पेनियरबाय डिजिटल नारी अलग-अलग संस्थाओं के साथ मिलकर अपनी सेवाओं को बढ़ा रही है, जिससे महिला उद्यमियों को वित्तीय और सामाजिक बदलाव लाने के लिए जरूरी साधन मिल रहे हैं।
डिजिटल नारी पहल ने सबको आर्थिक सेवाओं से जोड़ने को बढ़ावा देने के लिए, एनएसडीएल पेमेंट्स बैंक के साथ साझेदारी की है। अब महिलाएं आसानी से बचत खाते खोल सकती हैं, जिससे महिला एजेंट और ग्राहकों दोनों को फायदा होगा। महिला ग्राहकों को सुरक्षित बचत, नियमित बैंकिंग सुविधा और ब्याज मिलेगा, वहीं महिला एजेंट अपनी सेवाएं बढ़ाकर, ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करके और खाते खुलवाकर अतिरिक्त कमाई कर सकती हैं। इस पहल से न केवल वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि भारत भर में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता भी बढ़ेगी।
डिजिटल नारी पहल एम-स्वस्थ के साथ मिलकर 3,000 से ज्यादा विशेष ई-क्लीनिकों के जरिए कम सेवा वाले समुदायों में सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं ला रही है। अब परिवार 24 घंटे डिजिटल ओपीडी परामर्श, अनलिमिटेड वीडियो टेली-चेकअप और 22 विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे संपर्क कर सकते हैं, जिससे लगातार चिकित्सा सहायता मिलेगी। इसके अलावा, एम-स्वस्थ ई-क्लीनिकों में मुफ्त निर्धारित दवाएं मिलती हैं और एक साल के लिए परिवार के छह सदस्यों को हेल्थ कवरेज भी मिलता है। जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को ज्यादा सुलभ और किफायती बनाकर, इस साझेदारी ने सभी तक इलाज पहुंचाने की व्यवस्था को मजबूत किया है, जिससे जरूरतमंदों को समय पर उपचार मिलता है।
पेनियरबाय, मिरी के साथ मिलकर, मासिक धर्म से जुड़े हाईजीनिक उत्पादों को ज्यादा सुलभ और किफायती बना रहा है। किफायती सैनिटरी पैड उपलब्ध कराकर, यह पहल महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करती है और उनकी संपूर्ण सेहत को बढ़ावा देती है। इससे महिला एजेंटों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत भी बनता है, जिससे उन्हें वित्तीय आजादी मिलती है। डिजिटल नारी प्लेटफॉर्म में स्वच्छता समाधानों को शामिल करके, पेनियरबाय एक जरूरी सामाजिक जरूरत को पूरा कर रहा है और महिला कारोबारियों का समर्थन कर रहा है।
इस लॉन्च के बारे में पेनियरबाय के संस्थापक, एमडी और सीईओ, आनंद कुमार बजाज ने कहा, "हमारा मानना है कि सिर्फ बैंक खाते खोलना काफी नहीं है। हमें महिलाओं को ऐसे काम देने होंगे जिससे उनकी कमाई हमेशा होती रहे। डिजिटल नारी की मदद से हम महिलाओं को सिर्फ सेवाएं नहीं दे रहे, बल्कि उन्हें इतना ताकतवर बना रहे हैं कि वो अपने इलाके में लोगों की आर्थिक मदद कर सकें। इन नई पहलों से पूरे देश की बीसी सखियां और महिला उद्यमी अपना व्यवसाय बढ़ा सकेंगी, ज्यादा पैसा कमा सकेंगी और दूसरों की भी मदद कर सकेंगी। हमारा सपना है कि हर महिला, चाहे वो कहीं भी हो, उसके पास पास वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनने के लिए संसाधन और आत्मविश्वास हो।"
पेनियरबाय की सीएमओ और डिजिटल नारी की कार्यक्रम निदेशक, जयत्री दासगुप्ता ने कहा, "महिलाएं हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी हैं। 'डिजिटल नारी' योजना से हम उन्हें ऐसे मौके दे रहे हैं जिससे उनकी जिंदगी बेहतर हो सके। कई बार सर्वे में ये सामने आया है कि 90% से ज्यादा महिलाओं को दूसरी महिलाओं से पैसे के बारे में सलाह लेना ज्यादा अच्छा लगता है। इसीलिए हमें ऐसी महिलाओं की जरूरत है जो दूसरों को सही रास्ता दिखा सकें। हम अपनी योजना में बचत, स्वास्थ्य और सफाई से जुड़ी चीजें जोड़ रहे हैं। इससे हम न केवल अपनी डिजिटल नारियों के लिए आय के स्रोत बढ़ा रहे हैं, बल्कि वे अपने इलाके में बदलाव भी ला सकेंगी। हमारे देश का भविष्य महिलाओं की तरक्की से जुड़ा है, और हम इस काम को तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं।"
भारती जोशी, सीईओ, ग्रामीण फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पैक्ट ने कहा "ग्रामीण फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पैक्ट में, हम यह समझते हैं कि वित्तीय समावेशन केवल पहुँच तक सीमित नहीं है—बल्कि यह संसाधनों, अवसरों और सम्मान से भी जुड़ा है। संपूर्ण वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए हमें केवल महिलाओं को शक्ति नहीं बनाना है, बल्कि पूरी व्यवस्था में बदलाव लाना होगा। हमें महिलाओं की क्षमता में निवेश करना होगा।
पेनियरबाय के साथ अपने सहयोग और डिजिटल नारी पहल के विस्तार के माध्यम से, हम महिलाओं के लिए नए अवसर और मंच तैयार कर रहे हैं, ताकि वे अपने समुदायों में आर्थिक बदलाव की वाहक बन सकें और वे अपने समुदायों में वित्तीय परिवर्तन की एजेंट के रूप में अपनी ऊर्जा का उपयोग कर सकें।" अपनी सेवाओं में बचत, स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े समाधानों को नवाचार के साथ जोड़कर, महिलाएं न केवल अपनी आय बढ़ा रही हैं और समाज में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए अपनी क्षमता को सशक्त कर रही हैं ।
महिलाएं भारत के आर्थिक भविष्य की रीढ़ हैं, और हम मिलकर लाखों महिलाओं को आगे बढ़ने का रास्ता दिखा रहे हैं।"
डिजिटल नारी के माध्यम से, पेनियरबाय एक ऐसा सिस्टम बना रहा है जिसमें महिलाओं को छोटे-मोटे बिजनेस शुरू करने में मदद मिलेगी। यहां महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें जरूरी चीजें मिलेंगी ताकि वे अपने इलाके में लोगों को बैंक से जुड़ी और डिजिटल सेवाएं दे सकें। महिलाएं घर या दुकान से काम कर सकती हैं।वे अपने इलाके की जरूरत के हिसाब से सेवाएं चुन सकती हैं , जिससे उनकी कमाई होगी और उनके इलाके की दूसरी महिलाओं को भी बैंक से जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी। बचत खाते, स्वास्थ्य सेवाएं और साफ-सफाई की चीजें देकर, पेनियरबाय का लक्ष्य है कि 2030 तक 2 करोड़ से ज्यादा लखपति दीदियों को सशक्त बनाया जाए। इससे भारत में डिजिटल और बैंक से जुड़े काम बेहतर होंगे।
What's Your Reaction?






