ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली फिल्म महाराज को लेकर वाराणसी के वैष्णो संप्रदाय के लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
वाराणसी ;- देश में इन दोनों सोशल मीडिया नेटवर्क का एक बड़ा प्लेटफार्म तैयार हो रहा है उन्हें में से एक है ओटीटी प्लेटफॉर्म इन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर समाज में कुरीतियों फैलाई जा रही हैं इन्हीं कुरीतियों के तहत कहीं फिल्में पूर्व में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई गई जो पूरी तरह से सत्य से परे थी
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली फिल्म महाराज को लेकर वाराणसी के वैष्णो संप्रदाय के लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
वाराणसी ;- देश में इन दोनों सोशल मीडिया नेटवर्क का एक बड़ा प्लेटफार्म तैयार हो रहा है उन्हें में से एक है ओटीटी प्लेटफॉर्म इन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर समाज में कुरीतियों फैलाई जा रही हैं इन्हीं कुरीतियों के तहत कहीं फिल्में पूर्व में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई गई जो पूरी तरह से सत्य से परे थी
इसी तरह का एक फिल्म महाराज का प्रदर्शन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर होने जा रहा है जिसको लेकर वाराणसी के वैष्णव संप्रदाय के धर्माचार्य ने जनता के बीच में उतरकर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया इस विरोध प्रदर्शन में सुबह ही सैकड़ों की संख्या में वाराणसी के गोलघर स्थित चौराहे पर चौराहे पर उतरकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर था की हमेशा फिल्म उद्योग के लोग सनातन धर्म के ऊपर ही। कुठाराघात
करते हुए सनातन धर्म को बदनाम करने का काम कर रहे हैं ऐसे में प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से या मांग करते हैं कि जब भी धर्म से संबंधित कोई फिल्म भरे तो उसे धर्माचार्य के समूह द्वारा सेंसर बोर्ड का गठन कर अनुमति लेने का काम करें तभी ऐसी फिल्मों का प्रसारण किया जाए
वैष्णो संप्रदाय के सभी लोगों ने अपनी प्रमुख मांगे अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जनसंपर्क कार्यालय में पहुंचकर सौपा और सरकार से मांग की की एक धर्माचार्य के गठन कर सेंसर बोर्ड का निर्माण किया जाए जिससे ऐसी फिल्मों को रोका जा सके और सनातन धर्म अपमानित होने से बच सकें
वैष्णव संप्रदाय के लोगों का मांग पत्र कुछ इस प्रकार से था
सेवा में. परम श्रद्धेय श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी, माननीय सांसद, वाराणसी एवं प्रधानमंत्री (भारत सरकार)।
विषय :- फिल्मों एवं सीरियल के माध्यम से लगातार हो रहे सनातनी निष्ठा पर प्रहार के सन्दर्भ में।
महोदय,
1. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सिद्धार्थ पी मल्होत्रा द्वारा निर्देशित और आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्मित, यशराज फिल्म्स के बैनर के अन्तर्गत बनी फिल्म "महाराज" नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हो चुकी है, जिसमें आमिर खान के बेटे जुन्नैद खान ने अभिनय किया है। यह फिल्म सनातन धर्म को निशाना बना रही है और विशेष रूप से जगद्गुरु श्री वल्लभाचार्य जी द्वारा प्रतिपादित पुष्टि सम्प्रदाय की निंदा कर रही है, जो स्वयं हर पहलू में क्रान्तिकारी थे। यहाँ पर यह भी संज्ञान लेने योग्य है कि स्वयं श्री आमिर खान द्वारा अभिनीत पी. के. फिल्म में भी सनातन धर्म के देवी-द…
व्यक्ति के चरित्र का हनन करने का अधिकार किसी भी व्यक्ति को किस कानून के तहत है, ये हम भारत के सनातनी समझ नहीं पा रहे हैं।
3. संविधान की प्रस्तावना सभी नागरिकों के लिये विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुरक्षित करती है, जो लोकतंत्र का आधार है और यह अनुच्छेद रचनात्मकता और मुक्त अभिव्यक्तियों की रक्षा करता है, हालांकि ऐसा अधिकार निरपेक्ष नहीं है। अनुच्छेद 19 (2) के तहत उचित प्रतिबंध किसी को भी दूसरों के खिलाफ हिंसा करने या अपमान करने, न ही सामंजस्य फैलाने या सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता को बिगाड़ने की अनुमति नहीं देते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल दूसरों को बदनाम करने या उनकी प्रतिष्ठा में बाधा डालने के लिये नहीं किया जा सकता है। यदि इसका इस्तेमाल दूसरों की छवि खराब करने के लिये किया जाता है या समुदायों के बीच असामंजस्य पैदा करन…
शक्तिशाली उपकरण है और इससे भी अधिक, क्योंकि यह रिलीज ओटीटी प्लेटफार्म पर है। फिर से, केवल इसलिए कि फिल्म में सच्ची घटना को दर्शाया गया है, इसका कोई कारण नहीं है कि इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए, कानून की आवश्यकता है कि आरोप सार्वजनिक भलाई के लिये होने चाहिए और उनका सामाजिक मूल्य होना चाहिए। फिर, इससे पूरे धर्म का अपमान नहीं होना चाहिए।
6. नीचे हस्ताक्षरकर्ता को हाल ही में पता चला है कि उक्त फिल्म को 29.05.2023 को सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 के प्रावधानों के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत वैधानिक निकाय सी.बी. एफ.सी. (केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) का प्रमाणन प्राप्त हुआ है, हालांकि केन्द्र सरकार के पास रिलीज के बाद की अवधि में, उक्त पहलू पर फिर से विचार करने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आई.टी. अधिनियम) की धारा 69-ए और आई.टी. नियम 2021 के नियम 16 के …
प्रार्थना
आप स्वयं काशी के जन प्रतिनिधि हैं और काशी के हर हृदय में आप वास करते हैं एवं हम आपको यह याद दिलाना चाहते हैं कि काशी ने समय-समय पर कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है। उपरोक्त विषय पर भी काशी की सनातनी जनता आगे आकर आपसे निम्नलिखित अपेक्षा करती है :-
1. यह बात संज्ञान में लेने योग्य है कि तथाकथित पुस्तक जिस मुकदमे पर आधारित है, वह मुकदमा अंग्रेजी शासनकाल में निर्मित हुआ था और उसी समय की सरकार एवं न्यायालय कितनी सनातन विरोधी थी, इसके अनगिनत उदाहरण हैं। ऐसे में उस समय के किसी निर्णय को आधार बनाकर जगद्गुरु श्री वल्लभाचार्य जी के वंशावली पर उंगली उठाना सर्वथा अनुचित है और इस पर तत्काल प्रभाव से न्यायोचित कार्यवाही होनी चाहिए।
2. गुजरात हाईकोर्ट द्वारा स्थगन आदेश को निरस्त करने के कारणों में सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट का जिक्र है। इस बात की भी तुरंत जांच करान…
देश के सनातन प्रेमी लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द कार्यवाही की जाय एवं अपनी अनुकम्पा बनाये रखेंगे।
ऐसी हमें आशा ही नहीं अपितु विश्वास है।
दिनांक: 26.06.2024
उपाध्यक्ष
श्री मुकुन्द गोपाल सेवा संस्थान मो.नं. 9628356715
उक्त 'महराज' फिल्म के विरोध में निम्न संस्थाओं ने भी जमकर जोरदार विरोध किया :-
श्रीमद्वल्लभ सिद्धान्त सेवा संस्थान
श्री अग्रवाल समाज
श्री मारवाड़ी समाज
श्री माहेश्वरी समाज
श्री वल्लभ युवक परिषद्
श्री भगवदीय मण्डल
श्री केन्द्रीय देव दीपावली महासमिति
वीसा नागर वैश्य सभा
मोढ़ समाज
श्री धर्म जागरण भाष्य संस्थान
श्री काशी गुजराती समाज
श्री काशी विकास समिति ट्रस्ट
श्री उत्तर क्षेत्र वाज खेड़ावाल गुजरात समाज
पहल समाज उत्कर्ष समिति
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