पुलिस आरोपी को बचाने के चक्कर में किशोरी को बरामद करने में है नाकाम
वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के अखरी से फरवरी माह से लापता खुशी (15) को पुलिस आठ माह बाद भी बरामद करने में असफल है। पुलिस को जांच से पता चला कि पड़ोस दीपक राजभर ने उक्त किशोरी को स्कूटी पर बैठाकर विश्वसुंदरी पुल पर ले गया था। इसके बावजूद भी पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ कर किशोरी को बरामद न किये जाने से क्षेत्रीय नागरिको में जबरदस्त रोष व्याप्त है।
पुलिस आरोपी को बचाने के चक्कर में किशोरी को बरामद करने में है नाकाम
पुलिस के आलाधिकारियों से गुहार, नही मिला न्याय
दर-दर की ठोकरें खाते फिर रहे गरीब किशोरी के माता-पिता
वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के अखरी से फरवरी माह से लापता खुशी (15) को पुलिस आठ माह बाद भी बरामद करने में असफल है। पुलिस को जांच से पता चला कि पड़ोस दीपक राजभर ने उक्त किशोरी को स्कूटी पर बैठाकर विश्वसुंदरी पुल पर ले गया था। इसके बावजूद भी पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ कर किशोरी को बरामद न किये जाने से क्षेत्रीय नागरिको में जबरदस्त रोष व्याप्त है।
अखरी निवासी राकेश तिवारी का आरोप है कि उनकी पुत्री खुशी घर से सामान लेने निकली, परन्तु वापस नही लौटी, तो पुलिस ने क्षेत्र का सीसीटीवी फुटेज की जांच कर पाया कि पड़ोस में रहने वाला दीपक राजभर अपनी स्कूटी पर किशोरी को बैठाकर ले जा रहा है। पुलिस की जांच में इस तथ्य का भी खुलासा हुआ कि दीपक राजभर ने एक सुसाइड पत्र सौपकर विश्वसुंदरी पुल से गंगा नदी में कूद गई। परन्तु उस वावत पुलिस के सामने चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि एनडीआरएफ व जल पुलिस ने ऐसी कोई घटना से इन्कार किया है। आरोप है कि एक तरफ स्थानीय पुलिस शासन के मंशा के विपरीत कार्य कर किशोरी को आठ माह बाद भी बरामद करने में असफल है, तो वहीं दूसरी तरफ आरोपी दीपक राजभर को बचाने का भी भरपूर प्रयास कर रही है। आरोप है कि दीपक राजभर के पटीदार बिक्की राजभर हिस्ट्रीशीटर है जिसपर नारी व किशोरी के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमा दर्ज है। उनका आरोप है कि किशोरी के बरामदगी के सम्बन्ध में आलाधिकारियों से गुहार लगाई गयी, परन्तु न्याय नही मिला।
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