भ्रष्टाचार के भेट चढ़ा प्रयागराज का येपुल ,मुख्यमंत्री ने दो दिन पूर्व ही किया था उद्घाटन पल में आगई दरार

प्रयागराज (शंकरगढ ) यूपी और एमपी को जोड़ने वाला 66 करोड़ की लागत से टोंस नदी पर बना पुल,चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट,पुल के किनारे बना पैदल मार्ग में दरारें पड़ गई, कमियों को छिपाने के लिए कल 10 घण्टे तक पुल को बाधित करके पुल के आसपास रंगरोगन कर दिया गया। दो दिन पहले प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस पल का किया था उद्धघाटन। स्थानीय लोगों में आक्रोश,लोगों ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।

भ्रष्टाचार के भेट चढ़ा  प्रयागराज का  येपुल  ,मुख्यमंत्री  ने दो दिन पूर्व ही किया था उद्घाटन पल में आगई दरार सीएम के उद्धघाटन करने के दो दिन बाद ही 66 करोड़ की लागत से बने पुल पर आई दरार

नारीबारी क्षेत्र के मवैया गांव के पास टोंस नदी में लगभग 8 सौ मीटर का 66 करोड़ की लागत से बना है पुल

प्रतापपुर से भारतगंज तक लगभग 100 किमी तक लगभग 200 से ज्यादा गांवों और बाज़ारो को जोड़ता है यह पुल

यूपी एमपी के बॉर्डर के साथ साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 30 एवं 35 को भी जोड़ता है यह पुल

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2 पहले प्रयागराज दौरे पर डिजिटल द्वारा इस पुल का किया था उद्धघाटन

प्रयागराज (शंकरगढ ) यूपी और एमपी को जोड़ने वाला 66 करोड़ की लागत से टोंस नदी पर बना पुल,चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट,पुल के किनारे बना पैदल मार्ग में दरारें पड़ गई, कमियों को छिपाने के लिए कल 10 घण्टे तक पुल को बाधित करके पुल के आसपास रंगरोगन कर दिया गया। दो दिन पहले प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस पल का किया था उद्धघाटन।  स्थानीय लोगों में आक्रोश,लोगों ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।

बता दें नारीबारी के मवैया गांव के पास 66 करोड़ रुपए की लागत बना टोंस नदी पर पर बना पुल सीएम योगी आदित्यनाथ जी उद्धघाटन के 24 घण्टे बाद ही दरारे पड़ गई,ये पुल कौशाम्बी बार्डर के प्रतापपुर से भारतगंज को जोड़ती है,जिसकी दूरी लगभग 100 किमी के आसपास है। ये पुल यूपी एमपी के लगभग 200 गांवों एवं बाज़ारो को जोड़ती है। ये पुल कई जिलों और राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से बांदा,महोबा एवं झांसी और राष्ट्रीय राजमार्ग के 35 रीवा,सतना, पन्ना, छतरपुर एवं जबलपुर होते हुए नागपुर को भी जोड़ती है। जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का सपना है यूपी के सभी रोड पुल और पुलिया अच्छी बन जाए जिससे आम जनता को कोई परेशानी न हो,वही उत्तर प्रदेश के सेतुनिगम के अधिकारी एवं ठीकेदार के कारण ये पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया,वही स्थानीय लोगो और राहगीरों ने सरकार से मांग की है कि इस भ्रष्टाचार की जांच करके दोषियों के खिलाफ जांच की जाए। 

आपको बता दे कि  इसी पुल के 10 मीटर बगल में 1952 का 21 लाख की लागत से बना पुल आज भी आवागमन करता है,इस पुल से नहर भी निकलती है जिस पर बहुत लोड रहता है फिर भी आज तक चल रहा है। लोगों के मानना है कि अगर इसी पुल पर 5 से 10 करोड़ खर्च करके मरम्मत करवा दिया जाता तो ये मजबूत हो जाता।

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