प्रधानमंत्री बोले 10 वर्षों में सुधरा है देश का स्वास्थ्य
प्रधानमंत्री बोले 10 वर्षों में सुधरा है देश का स्वास्थ्य
टीकाकरण के ग्राफ को बढ़ाया गया, ताकि बच्चे कम बीमार हों-नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री ने हर-हर महादेव के उद्घोष से शुरू किया अपना संबोधन
“तमसो मा ज्योतिर्गमय” का समय चल रहा है-नरेन्द्र मोदी
यूपी में शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर काफी मजबूत हुआ है-मुख्यमंत्री
पिछले 10 वर्ष में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा है-योगी आदित्यनाथ
शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नए प्रतिमान बन रहे हैं
विकास और सेवा के क्षेत्र में नए-नए प्रकल्प यहां जुड़े हैं
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया में अत्याधुनिक आर झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन
यह विश्व स्तरीय नेत्र देखभाल अस्पताल लगभग 110 करोड़ रुपये के निवेश से बनाई गई है
यह 1.26 लाख वर्ग फुट के भवन में फैला एक सुपर- स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल होगा
यह अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सालाना 30,000 निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा उपलब्ध कराएगा
यह उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों और पड़ोसी राज्यों के रोगियों को भी अपनी सेवाएँ प्रदान करेगा
निःशुल्क सेवाओं के अलावा मध्यम आय एवं संपन्न परिवारों को सशुल्क सेवाओं के रूप में विश्व स्तरीय नेत्र चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की जाएँगी
अच्छे नेता ईश्वर की कृपा से मिलते हैं-शंकराचार्य
यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शांति के लिए बेहतर काम कर रहे हैं-विजयेंद्र सरस्वती
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकदिवसीय दौरे पर रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और काशीवासियों को 90 करोड़ रुपए से बने आर झुनझुनवाला शंकरा सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल का उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांची कामकोटि पीठम कांचीपुरम तमिलनाडु के 70वें जगद्गुरु पीठाधिपति जगद्गुरु श्री शंकरा विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल की गरिमामयी उपस्थिति में फीता काटकर उद्घाटन कर सौगात दी। प्रधानमंत्री ने चिकित्सालय का उद्घाटन करने के बाद पूरे परिसर एवं व्यवस्था का भी निरीक्षण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि इस पावन महीने में काशी आना एक पुण्य अनुभूति का अवसर होता है। यहां काशीवासियों के साथ ही संत जनों और परोपकारी लोग भी हैं। इस सुखद सहयोग भला क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य के आशीर्वाद से ही काशी से पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है। भगवान शंकर की नगरी में शंकरा आई हॉस्पिटल आज से जन-जन के लिए समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि तमसो मा ज्योतिर्गमय यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह हॉस्पिटल वाराणसी और इस क्षेत्र के आने वाले लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा, उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। अभी अस्पताल एक प्रकार से आध्यात्मिकता आधुनिकता का संगम है। अस्पताल बुजुर्गों को भी सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रौशनी देगा। बड़ी संख्या में बच्चों को निःशुल्क इलाज मिलने वाला है। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी लेकर आया है। मेडिकल कॉलेज के छात्र इंटर्नशिप कर पाएंगे। प्रेक्टिस करने का भी अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में एम्स, मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के साथ छोटे शहरों में अस्पताल खोले गए हैं। मेडिकल कॉलेज में नई सीट भी जोड़ी गई है। आने वाले सालों में 75,000 नई मेडिकल की सीट जुड़ेंगे। लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा रही है। ई-संजीवनी में 30 करोड़ लोग ऑनलाइन परामर्श ले चुके हैं। द्रोण टेक्नोलॉजी से भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं। बिहार में भी एक शंकरा आई हॉस्पिटल खोलना चाहिए इससे यहां के रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीमारी गरीब को और गरीब बनाती है। 10 साल में 25 करोड़ लोग बीमारी से बाहर निकले। बीमारी हो ही नहीं, इसके लिए सरकार जोर दे रही है। सरकार योग, साफ-सफाई पोषण, खान-पान पर विशेष ध्यान दे रही है। टीकाकरण को भी ज्यादा से ज्यादा घरों तक ले जाया जा रहा है। 10 साल पहले देश में टीकाकरण का ग्राफ 60% तक की थी। बहुत से बच्चे टीकाकरण के दायरे में नहीं थे। हर साल टीकाकरण का ग्राफ 1 प्रतिशत बढ़ रहा था, अगर ऐसा ही रहता तो बच्चों को टीकाकरण के दायरे में लाने में 40 से 50 साल लग जाते। यह देश की नई पीढ़ी के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा था। अब सरकार की ओर से बच्चों का टीकाकरण का कवरेज बढ़ाया दिया गया है। मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाया गया। इसमें एक साथ कई मंत्रालयों को भी लगाया गया। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बीमारी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि समय से बीमारी का पता चल जाए। इसके लिए क्रिटिकल केयर ब्लॉक और आधुनिक लैब भी बनाए जा रहै हैं। इससे लाखों लोगों की जान बच रही है। सस्ता इलाज और सस्ती दवा भी लोगों को मिल रही है। देश में लोगों की बीमारी पर खर्च होने वाले रुपये का 25% औसत खर्च कम हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर की दवाओं के साथ ही स्टंट, इंप्लांट का दाम भी कम कर दिया गया। गरीबों को मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना संजीवनी साबित हो रही है। मुफ्त इलाज का लाभ 7.50 करोड़ लोग लाभ ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस हॉस्पिटल के खुलने से हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। यह नेत्र अस्पताल यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आया है। वाराणसी मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। बीएचयू में ट्रामा सेंटर, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल, कबीरचौरा में सुविधाएं बढ़ाना हो, अनेक कार्य काशी में एक दशक में हुए हैं। बनारस में कैंसर के अस्पताल के लिए भी आधुनिक अस्पताल हैं। पहले इलाज के लिए मुंबई दिल्ली जाना होता था। अब यहीं पर इलाज हो जा रहा है। झारखंड बिहार से भी लोग यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। काशी नवजीवन दायिनी भी बन रही है। हेल्थ केयर के प्रति लोगे की सोच बदली है। दस साल पहले दिमाग बुखार के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार के केंद्र तक नहीं थे। पहले की सरकार कुछ नहीं करती थीं। बीते दशक में काशी ही नहीं पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है। दस सालों में दस हजार से ज्यादा नए बेड जोड़े गए हैं। पांच हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं। आज बीस से ज्यादा डायलसिस की सुविधा मिल रही है। जो हेल्थ केयर के प्रति पुरानी सोच को बदल दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि आर के शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन से काशी की सेवा और विकास के अभियान में एक नई कड़ी जुड़ गई है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि एक नया संकरा आई फाउंडेशन देश के अंदर नेत्र रोगियों को एक नया जीवन देने का एक प्रतिष्ठित अभियान है। जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज की प्रेरणा से 1977 से शुरू हुआ, अभियान देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन में नई रोशनी लाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नए प्रतिमान बन रहे हैं। विकास और सेवा के क्षेत्र में नए-नए प्रकल्प यहां जुड़े हैं। ढाई हजार करोड़ रुपये की लागत से केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में यहां पर कार्य संपन्न हुआ है। बीएचयू में 430 बेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और ईएसआईसी हॉस्पिटल में 150 बेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण करके उत्तर प्रदेश, बिहार और आसपास के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कार्रवाई यहां पर आगे बढ़ी है।
इससे पूर्व शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने कहा कि समाज में व्यक्ति भी मुख्य है और व्यक्तित्व भी मुख्य है और सबको जोड़ने का नेता भी चाहिए। विश्व में बहुत बड़ा प्रजातंत्र है। अच्छे नेता अभी ईश्वर कृपा से मिलते हैं। ईश्वर की कृपा की वजह से ही नरेंद्र दामोदरदास मोदी मिले हैं। शंकराचार्य ने एनडीए को नरेंद्र दामोदरदास का अनुशासन बताया। सभी की सुरक्षा के रूप में काम कर रहा है विश्व में एक आदर्श सरकार के रूप में काम कर रहा है। इलेक्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 140 करोड़ जनता के साथ ही सबके प्रति श्रद्धा, प्रेम, दया प्रेम भाव के साथ काम कर रहे हैं। सामान्य व्यक्ति को क्या जरूरत है उनकी क्या पीड़ा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समझते हैं। उनके पास काम करने का अनुभव है। कल्याणकारी योजनाएं सजा साकार हो रही है। भारत की विशेषता के लिए धर्म और संस्कृति का भी विकास होना बहुत जरूरी है। बहुमुखी प्रदेश के उज्जवल के लिए यह सब जरुरी है। इसके लिए यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शांति के लिए बेहतर काम कर रहे हैं।
गौरतलब हैं कि वाराणसी का आर अस्पताल देश में शंकरा का 14वां अस्पताल है और यह सबसे गरीब रोगियों के लिए प्रति वर्ष 30,000 निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा उपलब्ध कराएगा। इस अस्पताल की स्थापना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से दक्षिण भारत (तमिलनाडु) के प्रसिद्ध कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट, जो शंकरा आई हॉस्पिटल का समर्थन करता है, का वाराणसी के अत्यधिक प्रतिष्ठित, ऐतिहासिक-सांस्कृतिक शहर के साथ समामेल हो रहा है। यह विश्व स्तरीय आर झुनझुनवाला शंकरा सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल, जो लगभग 110 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार हुआ है, में 30 हजार सर्जरी करने की क्षमता, 9 ऑपरेशन थिएटर और कई अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। अपने संचालन की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के साथ-साथ नेत्र देखभाल और उपचार में सबसे गरीब लोगों की मदद करने के लिए अस्पताल एक क्रॉस-सब्सिडी मॉडल (75:25 मॉडल) पर काम करेगा, जिसके तहत भुगतान करने वाले रोगियों (हमारे 25% लाभार्थी 75% लाभार्थियों की निःशुल्क सर्जरी की लागत में आर्थिक रूप से सहायता करेंगे) से प्राप्त आय का इस्तेमाल जरूरतमंदों की सहायता के लिए किया जाएगा। शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली कृष्णमूर्ति ने कहा: "शंकरा ने ऐसे समय में वाराणसी में एक बड़ा नेत्र अस्पताल स्थापित किया है जब नेत्र देखभाल की लागत बहुत अधिक है। इस अस्पताल से वाराणसी और आसपास के शहरों और गांवों में रहने वाले और उत्तर प्रदेश तथा अन्य पड़ोसी राज्यों के लोग उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल का लाभ उठाने में सक्षम हो पाएंगे। हम अपनी ओर से सभी आवश्यक सहायता प्रदान करना ज़ारी रखेंगे जिससे शंकरा अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुँच सके।"
शंकरा आई फाउंडेशन के संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी डॉ. आर.वी. रमणी ने कहा, "पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा संख्या में अंधे लोग भारत में रहते हैं और इनमें से 80% से अधिक मामलों में सफल इलाज संभव है। शंकरा आई हॉस्पिटल की स्थापना सभी को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल प्रदान करने के लिए की गई थी। हमारा लक्ष्य 2030 तक पूरे भारत में सालाना 5 लाख निःशुल्क सर्जरी करना है। देश भर में स्थित हमारे सभी अस्पतालों की तरह, यह अस्पताल भी अनोखे आर्थिक हाइब्रिड मॉडल पर काम करेगा, जिसके तहत उन लोगों, जो आँखों के इलाज का खर्च उठा सकते हैं, के संसाधनों का उपयोग कर वाराणसी सहित यूपी के 8 जिलों और साथ ही पड़ोसी राज्यों के आस-पास के गाँवों के गरीबों को सब्सिडी वाली सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।"
डॉ. एस वी बालासुब्रमण्यम, अध्यक्ष, एसईएफआई ने कहा: "फाउंडेशन का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक नेत्र देखभाल की सुविधा पहुँचाना है। हम उत्तर भारत में भी अपना पदचिन्ह बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि वहाँ ऐसे गाँवों और शहर हैं जहां नेत्र देखभाल अवसंरचनाओं की आवश्यकता है। जबकि प्रमुख महानगरों में अच्छी सुविधाएँ मौजूद हैं परन्तु परिधीय क्षेत्रों को सहायता और सुविधाओं की आवश्यकता है। ये हमारा एक राष्ट्रीय मिशन भी है। इस प्रकार शंकरा आई फाउंडेशन देश भर के लोगों के लिए नेत्र देखभाल सुलभ बनाकर बदलाव ला रहा है।" श्री कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट की बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज श्रीमती रेखा झुनझुनवाला ने कहा: “डॉ. आर.वी. रमणी के नेतृत्व में शंकरा आई फाउंडेशन सभी लोगों तक पहुँचने में सफल रहा है, विशेष रूप से देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक, और दृष्टि का उपहार पाने में उनकी मदद कर रहा है। वाराणसी का अस्पताल उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की सहायता करने की दिशा में एक और कदम है। हमारा और शंकरा का लक्ष्य एक ही है और इसलिए यह सहयोग आदर्श है क्योंकि यह हाई-टेक नेत्र देखभाल सुनिश्चित करता है।” अस्पताल में हाई-टेक और आधुनिक कई स्पेशियलिटीज़ हैं और यह मोतियाबिंद, कॉर्निया, रेटिना, ग्लूकोमा से संबंधित कई नेत्र रोगों और बाल नेत्र रोगियों का इलाज करेगा एवं ओकुलोप्लास्टी, आई बैंक और कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन, क्लिनिकल और माइक्रो बायोलॉजिकल लेबोरेटरी, फार्मेसी और ऑप्टिकल की सुविधाएं भी उपलब्ध है। शंकरा आई हॉस्पिटल ने उत्तर प्रदेश के लिए कई बड़ी पहल की योजना बनाई है-जिसमें दृष्टि का उपहार - निःशुल्क नेत्र देखभाल सेवाएँ, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र जांच, रोगियों को बेस अस्पताल तक पहुंचाना और वापस लाना, आवास, अन्वेषण, आईओएल के साथ सर्जरी, भोजन, दवाइयाँ और एक महीने तक फॉलो-अप-सभी गरीबों के लिए निःशुल्क है, रेनबो- स्कूली बच्चों के लिए एक निवारक नेत्र देखभाल कार्यक्रम; नेत्र यज्ञ, वाराणसी जिले के सभी स्कूलों के लिए एक कार्यक्रम शामिल है। अस्पताल चरणबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, एसआर नगर, प्रयागराज जिलों और बाद में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों में अपनी सेवाएँ शुरू करेगा।
भारत भर में, शंकरा ने अब तक 6.7 मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज किया है और 2.6 मिलियन से अधिक नेत्र शल्यचिकित्सा की गई हैं। अस्पताल ने कई प्रमुख कार्यक्रमों जैसे कि दृष्टि का उपहार, मैत्री, टेक्नोलॉजी पहल और रेनबो आदि का संचालन किया है। शंकरा आई हॉस्पिटल देश में सुपर स्पेशियलिटी आई केयर अस्पतालों का प्रबंधन करने वाले सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते सामाजिक उद्यमों में से एक है, जो तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में स्थित है। यह अस्पताल सुलभता और सामर्थ्य की चिंताओं से निपटकर नेत्र देखभाल के परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए समर्पित है। विश्व में मोतियाबिंद के कारण अंधेपन के मामले बढ़ते जा रहे हैं इसलिए शंकरा अनावश्यक दृष्टि दोष को मिटाने के अपने मिशन में दृढ़ बना हुआ है।
शंकरा आई फाउंडेशन के बारे में
शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया एक गैर-लाभकारी संगठन है जो समाज के गरीब और वंचित वर्गों को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1977 में एक छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के रूप में डॉ. आर.वी. रमणी और डॉ राधा रमणी द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी, जबकि आज शंकरा 10 से अधिक राज्यों में स्थित 14 सुपर स्पेशियलिटी आई केयर अस्पतालों का प्रबंधन करने वाले सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते सामाजिक उद्यमों में से एक बन गया है। हमारे नेटवर्क अस्पताल उन्नत नेत्र सर्जरी करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया भारत में नेशनल आई हेल्थ केयर मूवमेंट का नायक है, जो विभिन्न आयु समूहों, अत्याधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, नवाचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण के माध्यम से नेत्र देखभाल वितरण संरचना को लगातार रूपांतरित कर रहा है।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, एस वी बालासुब्रमण्यम, अध्यक्ष, एसईएफआई, पद्म डॉ. आर.वी.रमणी, शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया के संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी, मुरली कृष्णमूर्ति, कार्यकारी अध्यक्ष, शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए, रेखा झुनझुनवाला, ट्रस्टी बोर्ड की सदस्य ने भी भाग लिया।
इससे पूर्व लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधायक डॉ अवधेश सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम सहित अन्य लोगों ने किया।
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