वाराणसी में मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस शनिवार को जनपद के 38 स्वास्थ्य इकाइयों

वाराणसी  में मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

वाराणसी  में मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार प्रसव पूर्व जाँच बेहद जरूरी – सीएमओ 

- राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस पर भी मानेगा पीएमएसएमए दिवस
 
- प्रसव पूर्व जांच के साथ-साथ परिवार नियोजन परामर्श भी जरूरी

- स्वस्थ व संतुलित खान-पान के साथ आयरन की गोली लेने की दी सलाह

वाराणसी, 09 अप्रैल 2022 – आदर्श ब्लॉक सेवापुरी पीएचसी पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर पहुंची नीतू ने बताया कि आज उन्होने प्रसव पूर्व जांच जैसे ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, वजन व अन्य जाँचे निःशुल्क करवाई। इसके साथ महिला डॉक्टर ने खान-पान पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। एक अन्य करुणावती ने बताया कि आशा कार्यकर्ता की मदद से उन्होने केंद्र पर शुगर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन आदि जाँचें निःशुल्क कराई। डॉक्टर ने नियमित रूप से आयरन की गोली और स्वस्थ व संतुलित आहार खाने की सलाह दी। 
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि हर माह की नौ तारीख को मनाए जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस शनिवार को जनपद के 38 स्वास्थ्य इकाइयों पर उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों पर आईं गर्भवती की महिला चिकित्सकों द्वारा प्रसव पूर्व सभी जाँचें, यूरिन जांच, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, सिफ़लिस, हीमोग्लोबिन व पेट से जुड़ी अन्य जांच की निःशुल्क सुविधा दी गई। इसके साथ ही नव दंपति व परिवार नियोजन लाभार्थियों को स्वस्थ परिवार-खुशहाल परिवार के लिए परामर्श भी दिया गया। उन्होने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिला को कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जाँच अवश्य करानी चाहिए जिससे उन्हें उपयुक्त चिकित्सीय परामर्श मिलता रहे।


 कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, गर्भवती की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच एवं उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए पीएमएसएमए दिवस प्रत्येक माह की नौ

तारीख को मनाया जाता है। दिवस पर चिकित्सालय पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा प्रसव पूर्व जांच की गयी। जांच के बाद उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को चिन्हित किया गया और उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित किया गया एवं निःशुल्क दवा, आवश्यक चिकित्सीय व पोषण परामर्श भी दिया गया। 


         एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एके मौर्या ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही सजग रहने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्हें संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए जिससे गर्भस्थ शिशु को भी बेहतर आहार मिलता रहे । गर्भावस्था के दौरान कम से कम 180 आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए ताकि  रक्त अल्पता की बीमारी को दूर किया जा सके।   
   डॉ मौर्य ने बताया कि दिवस के दौरान यदि किसी गर्भवती में कोई गंभीर लक्षण जैसे तेज बुखार, तेज सिरदर्द, धुंधला दिखना, त्वचा का पीलापन होना, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, योनि से रक्तस्राव, हाथ पैरों या चेहरे पर सूजन, भ्रूण का कम हिलना या निकलना आदि दिखते हैं तो उन्हें उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की श्रेणी में रखा जाता है, जिससे उच्च स्वास्थ्य इकाइयों पर प्राथमिकता के आधार 
चिकित्सीय सुविधा दी जा सके और सुरक्षित प्रसव कराया जा सके ।

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस पर भी मानेगा पीएमएसएमए दिवस - डॉ मौर्य ने बताया कि सोमवार (11 अप्रैल) को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर भी जनपद की चिन्हित 38 स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का पुनः आयोजन किया जाएगा। उन्होने बताया कि कस्तूरबा गाँधी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर साल इस दिन को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है कि गर्भवती महिलाओ की उचित देखभाल की जा सके और उनकी मृत्यु दर को कम किया जा सके। पूरे विश्व में भारत पहला देश है जिसने राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस की घोषणा की थी।

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