बजरडीहा में सम्पन्न हुए मेले में लापरवाही पर उठा सवाल

वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा में चार दिवसीय बउरा मेला बिना किसी अतिरिक्त पुलिस बल के मंगलवार को सम्पन्न हुआ। क्षेत्र के सम्भ्रांत नागरिको ने पुलिस प्रशासन पर मनोरंजन में घोर लापरवाही व उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी से जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगा है। जिसको लेकर क्षेत्र में जबरदस्त चर्चा है।

बजरडीहा में सम्पन्न हुए  मेले में लापरवाही पर उठा सवाल

बजरडीहा में सम्पन्न हुए  मेले में लापरवाही पर उठा सवाल

सामाजिक कार्यकर्ता नसीम हाजी ने कहा संवेदनशील क्षेत्र में सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश 

वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के बजरडीहा में चार दिवसीय बउरा मेला बिना किसी अतिरिक्त पुलिस बल के मंगलवार को सम्पन्न हुआ। क्षेत्र के सम्भ्रांत नागरिको ने पुलिस प्रशासन पर मनोरंजन में घोर लापरवाही व उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी से जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगा है। जिसको लेकर क्षेत्र में जबरदस्त चर्चा है।


बजरडीहा निवासी नसीम हाजी का आरोप है कि भेलूपुर पुलिस ने अपने स्वयं के लाभ के लिए नियम कानून को नजरंदाज कर क्षेत्र में घोर लापरवाही व उदासीनता बरतते हुए छोटी सी जगह व सकरे सड़क पर बउरा मेला का आयोजन करा दिया। जिसमे मानक के विपरीत बड़ी बड़ी खतरनाक झूले लगाये गये। रविवार को झूला झूलने के शौकीन लाखो की संख्या में दूर दराज से आये दर्शनार्थियों की भारी भीड़ को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था नही देखी गयी। पुलिस चौकी के कर्मचारी की सहयोग से मुख्य मार्ग पर बैरिकेटिंग कर वाहनो का आवागमन बाधित कर दिया गया, जिससे मुहल्ले में भीषण जाम लग गयी। जाम की समस्या को दूर करने के लिए क्षेत्र में यातायात पुलिस बल नदारत रही। मेला क्षेत्र में एम्बुलेंस की भी व्यवस्था नही की गयी थी। अचानक उमड़ी भीड़ को सम्भालने में पुलिस चौकी प्रभारी सौरभ तिवारी का पसीना छूट गया। झूला संचालक द्वारा मनमाना किराया वसूलने की शिकायत को लेकर कई चरण में जबरदस्त हंगामा हुआ। आरोप है कि मेला क्षेत्र में किसी प्रकार का हादसा होने या भगदड़ की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी। आरोप है कि परम्परागत बउरा मेला तकिया मैदान में लगाया जाता था। जहां से बिना मेला कमेटी बनाये व पीस कमेटी बनाये ही छोटे से स्थान व सकरे सड़क पर स्थानांतरित कराकर सम्पन्न कराया जा रहा है। उनका आरोप है कि चन्द लोग अपनी लाभ के लिए मेला का आयोजन कर क्षेत्र में सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उनका आरोप है कि स्थानीय क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में खानापूर्ति के लिए पीस कमेटी की मीटिंग कराई गई, जो सिर्फ पांच मिनट तक चली, जिसमे गिने-चुने चार की संख्या में एक ही सम्प्रदाय के लोग उपस्थित हुए। सामाजिक कार्यकर्ता नसीम हाजी ने पुलिस प्रशासन से मेला क्षेत्र में बरती गयी लापरवाही पर सवाल उठाते हुए आवश्यक जानकारी की मांग किया है।

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