स्मार्ट सिटी कंपनी के काम पर उठे सवाल,घाट पर बाढ़ की चोट.घटित निमार्ण के कारण बिखरते मोदी के सपने
वाराणसी :- गंगा पर स्मार्ट सिटी परियोजना में खिड़किया घाट पर बने नमो घाट इन दिनों खूब चर्चा में है। कभी घाट पर जाने के पैसे वसूलने के लिए टिकट लगाना तो कभी घाट पर वाहन स्टैंड के नाम पर कमाई करना। स्मार्ट सिटी कंपनी के इस अनोखे कमाई के जरिए को लेकर जहां शासन और प्रशासन पर विपक्ष हमलावर है वहीं बाढ़ में पूरा घाट डूबने से पखवारे भर से घाट पर आवाजाही बंद रही है।
वाराणसी :- गंगा पर स्मार्ट सिटी परियोजना में खिड़किया घाट पर बने नमो घाट इन दिनों खूब चर्चा में है। कभी घाट पर जाने के पैसे वसूलने के लिए टिकट लगाना तो कभी घाट पर वाहन स्टैंड के नाम पर कमाई करना। स्मार्ट सिटी कंपनी के इस अनोखे कमाई के जरिए को लेकर जहां शासन और प्रशासन पर विपक्ष हमलावर है
वहीं बाढ़ में पूरा घाट डूबने से पखवारे भर से घाट पर आवाजाही बंद रही है। बाढ़ का पानी उतरा तो किनारे हाथ जोड़ने की मुद्रा में बने प्रतीक के नीचे खोखले निर्माण के टूट की घटना सामने आ गई। माना जा रहा है कि निर्माण की गुणवत्ता ठीक न होने से किसी नाव से टच होते ही निर्माण का नीचे का हिस्सा टूटकर अलग हो गया। इंटरनेट मीडिया (सोशल मीडिया) में यह जानकारी वायरल होने के बाद बाढ़ के उतरते पानी में आनन फानन निर्माण एजेंसी की ओर से पैबंद लगाकर यह टूटा हुआ हिस्सा रिपेयर कर दिया गया।
वाराणसी में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पीएम नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना नमो घाट पर निर्माण की गुणवत्ता अब सवालों के घेरे में है। बाढ़ के दौरान किसी समय बाढ़ के दबाव, नाव अथवा किसी वस्तु के टकराने से नमो घाट के प्रणाम की मुद्रा वाला एक हाथ का निचला भाग क्षतिग्रस्त हो गया। बाढ़ का पानी कम होने के बाद यह हिस्सा दिखने लगा तो निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े होने लगे। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद आनन फानन बाढ़ की चोट को शनिवार को ही रिपेयर कर दिया गया।
हालांकि, रिपेयर करने वाला स्थान भी साफ दिख रहा है। नमो घाट के बनने के बाद से ही लोगों के बीच चर्चा में रहा है। विपक्षी दलों ने पहली बार गंगा घाट जाने के लिए कीमत चुकाने की बात कहते हुए विरोध भी किया था।
इसके बाद से ही जिला प्रशासन की पहल के बाद घाट पर किराया खत्म करने की जानकारी दी गई लेकिन अगले ही दिन वाहन स्टैंड पर किराया शुरू कर दिया गया। इसके बाद गंगा में बाढ़ आनें के बाद नदी का विकराल रूप सामने आया और पखवारे भर तक नमो घाट गंगा में डूबा ही रहा। बाढ़ का पानी कम होने के बाद प्रणाम मुद्रा का निचला हिस्सा टूटा नजर आने के बाद कंपनी की ओर से इसपर दोबारा पैबंद लगा दिया गया है।
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