बकाया गृहकर वसूली या हो रही है खानापूर्ति, अधिकारी ढूंढ रहे हैं आपदा में अवसर

वाराणसी। शहर में नगर निगम द्वारा बकाया गृहकर वसूली का अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी आपदा में अवसर तलाश कर गृहकर वसूली का अभियान का बंटाधार कर रहे हैं, ऐसा ही मामला संकटमोचन मंदिर के समीप स्थित भवन सं.बी 31/34 में देखने को मिला। जिसमे पांच लाख रूपये से ज्यादा का गृहकर बकाया है। जिसकी वसूली के लिए जोनल अधिकारी भेलूपुर की टीम मंगलवार को पहुंची और तथाकथित भवन स्वामिनी से न तो गृहकर वसूला और न ही उसकी भवन, गेस्ट हाउस, लान व रेस्टोरेंट ही सील किया। इसके विपरित उसके घोर विरोधी चुनिन्दा किरायेदारो की दुकानें सील कर लौट गयी। जिससे उक्त भवन में आवंटित अन्य दर्जनो दुकानदारों सहित क्षेत्रीय लोगो में जबरदस्त रोष व्याप्त है।

बकाया गृहकर वसूली  या हो रही है खानापूर्ति, अधिकारी ढूंढ रहे हैं आपदा में अवसर

बकाया गृहकर वसूली  या हो रही है खानापूर्ति, अधिकारी ढूंढ रहे हैं आपदा में अवसर

बड़े बकायेदार का दुकान, भवन, लान, गेस्टहाऊस, रेस्टोरेंट धड़ल्ले से चल रहा, सील किये जा रहे हैं छोटी दुकाने

वाराणसी। शहर में नगर निगम द्वारा बकाया गृहकर वसूली का अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी आपदा में अवसर तलाश कर गृहकर वसूली का अभियान का बंटाधार कर रहे हैं, ऐसा ही मामला संकटमोचन मंदिर के समीप स्थित भवन सं.बी 31/34 में देखने को मिला। जिसमे पांच लाख रूपये से ज्यादा का गृहकर बकाया है। जिसकी वसूली के लिए जोनल अधिकारी भेलूपुर की टीम मंगलवार को पहुंची और तथाकथित भवन स्वामिनी से न तो गृहकर वसूला और न ही उसकी भवन, गेस्ट हाउस, लान व रेस्टोरेंट ही सील किया। इसके विपरित उसके घोर विरोधी चुनिन्दा किरायेदारो की दुकानें सील कर लौट गयी। जिससे उक्त भवन में आवंटित अन्य दर्जनो दुकानदारों सहित क्षेत्रीय लोगो में जबरदस्त रोष व्याप्त है।


क्षेत्र में जबरदस्त चर्चा है कि गृहकर वसूली के लिए नगरनिगम की टीम जोनल अधिकारी के नेतृत्व में बड़े बकायेदार भवन सं. बी 31/34 में स्थित कथित मकान स्वामिनी के मुहुर्त कलेक्शन नामक दुकान पर पहुंची, परन्तु उसके खिलाफ गृहकर वसूली सम्बन्धित कोई कार्यवाही नही किया। आरोप है कि उसके कहने पर नगर निगम ने गृहकर वसूली की कार्यवाही उसके विवादित दुकानदार राजेश कुमार, बृजेश  कुमार आदि से करने हेतु उसका दुकान सील कर खानापूर्ति कर दिया। आरोप है कि नगरनिगम की टीम ने दुकानो को सील करते समय दुकान के अन्दर रखा अत्यन्त जरूरी सामान व हेलमेट को भी बाहर निकालने से मना कर दिया। नगरनिगम की गृहकर वसूली टीम के कार्य से नगरनिगम को फायदा हो या न हो परन्तु उक्त भवन स्वामिनीयों को अवश्य होगा।
दुकानदारों का आरोप है कि उक्त भवन का क्षेत्रफल काफी लम्बा-चौड़ा है। जिसमे अवैध तरीके से वैवाहिक लान, गेस्टहाऊस, रेस्टोरेंट का संचालन तथाकथित भवन स्वामिनी के द्वारा किया जाता है। उक्त भवन में लगभग पचास की संख्या में दुकानें है जिसका किराया भी तथाकथित भवन स्वामिनी ही वसूलती है। उक्त भवन के अन्दर आने-जाने के तीन मार्ग है। जिसकी सील कार्यवाही कर नगर निगम गृहकर की वसूली आसानी से कर सकता है परन्तु नगर निगम उसपर मेहरबान है।

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