लंका क्षेत्र के चर्चित नरिया के दोहरे हत्याकांड का खुलासा, दो हत्यारे व एक साजिशकर्ता चढ़े हत्थे

लंका क्षेत्र के चर्चित नरिया के दोहरे हत्याकांड का खुलासा, दो हत्यारे व एक साजिशकर्ता चढ़े हत्थे

वाराणसी:- कहावत है कि अपराधी कितना ही बड़ा शातिर क्यों न हो वह जुर्म के निशान छोड़ ही जाता है। दूसरी कहावत यह भी है कि कानून के हाथ बहुत लम्बे होते हैं। एक न एक दिन गर्दन तक पहुंच ही जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहावतें चरितार्थ हुई वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के नरिया मोहल्ले में करीब डेढ़ माह पहले हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में। पुलिस की तमाम जांच के बाद इस चर्चित घटना के दो हत्यारोपित सगे भाई और एक सूत्रधार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। पुलिस ने गुरूवार को सगे भाई अमन विश्वकर्मा व अतुल विश्वकर्मा के अलावा मृत मां-बेटी के पड़ोसी विजय पाल को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के खुलासे पर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान ने पुलिस टीम को बधाई दी है।

गौरतलब है कि दो जुलाई की रात नरिया प्राथमिक विद्यालय के पास बंद मकान में मां सुनीता पांडेय 55 वर्ष बेटी दीपिका पांडेय 28 वर्ष की सिर पर हथौड़ा और राड से मारकर हत्य कर दी गई थी। करीब दस दिन बाद जब शवों से दुर्गंध आने लगी तक घटना को आसपास के लोगों और पुलिस को पता चला। घटना के खुलासे में पता चला कि हत्या लूट व चोरी के इरादे से हुई थी। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि अमन और अतुल मूलरूप से भदोही के निवासी हैं। विजय पाल पड़ोसी ही हत्याकांड का सूत्रधार रहा है। उसी ने अमन और अतुल को आइडिया दिया था। पुलिस की पूछताछ में हत्यारों ने बताया कि घटना से पहले उन्होंने तीन दिन तक रेकी की थी। 


घर के पीछेवाले रास्ते से प्रवेश कर घटना को अंजाम देकर निकल जाने का आइडिया विजय पाल ने दिया। बताया था कि हम तुम लोगों की मदद करेंगे और किसी को कानोकान खबर तक नही हो पाएगी और हुआ भी यही। अमन और अतुल ने बताया कि दोनों घर के पीछे वाले रास्ते से अंदर प्रवेश किये। वहीं मां-बेटी की हत्या के बाद आभूषण और नकदी लूटे और वापस पीछेवाले रास्ते से निकल गए। पुलिस ने हत्यारों की निशानदेही पर मां-बेटी के मोबाईल फोन, लूटे गये आभूषण और नकदी बरामद किये हैं। अमन शातिर अपराधी है। वह इससे पहले महाराष्ट्र के नागपुर में हत्या व चोरी के मामले में जेल जा चुका है। पुलिस ने तीनों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया।


बता दें कि जुलाई माह के इस बहुचर्चित दोहरा हत्याकांड पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द हो गया था। अब तक इस मामले में करीब दो दर्जन से अधिक संदिग्धों को पकड़ कर पुलिस पूछताछ कर चुकी थी। लेकिन हत्यारों तक पुलिस के हाथ नही पहुंच पा रहे थे। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, अपर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, फारेंसिक टीम, तीन-तीन थानों की पुलिस, खुफिया विभाग इस जांच में जुटे रहे लेकिन मामले की कड़ी सुलझने के वजाय उलझती ही गई। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी को लाइन हाजिर और संकटमोचन चौकी इंचार्ज को निलम्बित किया जा चुका है। पुलिस मृतका के बेटे अंजनी और अधिवक्ता पुत्र को कई बार हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी थी।

मृतका सुनीता पांडेय रिटायर्ड बिजलीकर्मी बालमुकुंद पांडेय की पत्नी थी। बालमुकुंद का दो साल पहले निधन हो चुका है। एक बेटा हाई कोर्ट प्रयागराज में अधिवक्ता है जबकि दूसरा चोलापुर में फार्म हाउस खोलकर वहीं रहता है। बेटे अलग रहते है। मां व बेटी नरियावाले मकान में रहती थीं। इस मकान को लेकर काफी दिनों से विवाद था।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow