डिजिटल इंडिया की मुहिम से जुड़ रहा वाराणसी का एसएलएओ
वाराणसी, 29 नवंबर: किसी कार्यालय में दस्तावेजाें के लिए चक्कर लगाना अब बीते दिनों की बात होगी। योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम ,सुविधा और पारदर्शिता ला रही है। अब एक क्लिक पर आपकी फ़ाइल का स्टेट्स का पता चल जाएगा और आपका काम चुटकियों में हो जाएगा।
डिजिटल इंडिया की मुहिम से जुड़ रहा वाराणसी का एसएलएओ
एक क्लिक पर 30 लाख पेज की मिलेगी सम्पूर्ण जानकारी
एसएलओ में 60 साल पुराने दस्तावेजों का किया जा रहा है डिजिटलाइजेशन
योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम ,सुविधा और पारदर्शिता ला रही
वाराणसी, 29 नवंबर: किसी कार्यालय में दस्तावेजाें के लिए चक्कर लगाना अब बीते दिनों की बात होगी। योगी सरकार ई-ऑफिस के तहत काम में सुगम ,सुविधा और पारदर्शिता ला रही है। अब एक क्लिक पर आपकी फ़ाइल का स्टेट्स का पता चल जाएगा और आपका काम चुटकियों में हो जाएगा। किसी भी दस्तावेज के लिए कर्मचारी अब आपको घुमा नहीं पाएंगे। दरअसल, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के जर्ज़र हो चुके करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज डिजिटल किये जा रहे हैं। दशकों पुराने जर्जर हो चुके क़ागजों को अब सहेजने में आसानी होगी है।
मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी
योगी सरकार में पूर्वांचल में विकास के काम तेजी से किये जा रहे हैं। इन कामों को गति देने, भूमि अधिग्रहण, मुआवज़ा देने व वाद की प्रक्रिया में भूमि अध्याप्ति कार्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइलें अटके, लटके और भटके नहीं इसके लिए योगी सरकार पुख्ता इंतज़ाम कर रही है।विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (स्पेशल लैंड एक्वीजिशन ऑफिसर ) मीनाक्षी पांडेय ने बताया कि वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर, जौनपुर के भूमि अधिग्रहण और उनसे संबंधित दस्तावेज़ व नक्शों को डिजिटलाइज किया जा रहा है। करीब 50 से 60 वर्ष पुराने दस्तावेज काफी जर्जर होते जा रहे हैं, जिनके छूते ही फटने का डर रहता है। ऐसे लगभग 30 लाख पन्नों को डिजिटलाइज किया जा रहा। मीनाक्षी पांडेय ने बताया कि एसएलओ कार्यालय में करीब वर्ष 1968 से लेकर अब तक के दस्तावेज हैं, अनुमानतः पहले के करीब 300 से 400 परियोजनाओं और गतिमान प्रोजेक्ट के दस्तावेज़ कार्यालय में हैं जो काफी महत्वपूर्ण हैं। डिजिटलाइजेशन होने से भूमि स्वामी को मुकदमों, दस्तावेज उपलब्ध कराने, मुआवजा देने में आसानी और पारदर्शिता रहेगी।
सीएसआर फंड से दस्तावेजों को किया जा रहा डिजिटलाइजेशन
एसएलओ कार्यालय जिले में निजी भूमि का सार्वजनिक उद्देश्य से अधिग्रहण की कार्यवाही करता है। अधिग्रहित हुई भू-मालिकों को भूमि का उचित मूल्य और उनके पुनर्वास के लिए मुआवजा प्रदान किया जाता है। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया, सुधार, पुनर्वास, विवाद, क्षतिपूर्ति का निपटारा एसएलओ कार्यालय द्वारा किया जाता है। कोटक महिंद्रा बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर संदीप मिश्रा ने बताया कि एसएलओ कार्यालय के दस्तावेजों को सीएसआर फंड से डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया एक्सपर्ट की देखरेख में हो रही है। मार्च 2023 तक दस्तावेजों को डिजिटलाइज़ेशन कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों को पहले डिजिटलाइज किया जा चुका है।
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