शिक्षकों का लखनऊ में रेला देख पिघली सरकार वार्ता को हुई तैयार,

वाराणसी। शिक्षक महासंघ व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को दिक्कत सरकार से नहीं महानिदेशक के गलत कार्यप्रणाली से है, जिससे शिक्षक काफी क्षुब्ध होकर आज लखनऊ में धरने में शिक्षकों का रेला लगा हुआ है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ शिक्षक नेता सनत कुमार सिंह ने बताया कि बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर सोमवार को प्रदेश भर से बड़ी संख्या में शिक्षक लखनऊ पहुंचकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर सभा की। सनत कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने अभी आगे और बड़े आंदोलन का ऐलान करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षक, सरकार से नहीं महानिदेशक विजय किरण आनंद की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। शिक्षकों की हुंकार के आगे शासन झुका और लंबित मांगों पर वार्ता के लिए 16 अक्टूबर की तिथि तय की।

शिक्षकों का लखनऊ में रेला देख पिघली  सरकार  वार्ता  को हुई तैयार,

शिक्षकों का लखनऊ में रेला देख पिघली  सरकार  वार्ता  को हुई तैयार, 

शिक्षक, सरकार से नहीं महानिदेशक की कार्यप्रणाली से हैं नाराज,लंबित मांगों पर वार्ता के लिए 16 अक्तूबर की तिथि तय की

वाराणसी। शिक्षक महासंघ व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को दिक्कत सरकार से नहीं महानिदेशक के गलत कार्यप्रणाली से है, जिससे शिक्षक काफी क्षुब्ध होकर आज लखनऊ में धरने में शिक्षकों का रेला लगा हुआ है।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ शिक्षक नेता सनत कुमार सिंह ने बताया कि बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर सोमवार को प्रदेश भर से बड़ी संख्या में शिक्षक लखनऊ पहुंचकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर सभा की।

सनत कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा ने अभी आगे और बड़े आंदोलन का ऐलान करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षक, सरकार से नहीं महानिदेशक विजय किरण आनंद की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। शिक्षकों की हुंकार के आगे शासन झुका

और लंबित मांगों पर वार्ता के लिए 16 अक्टूबर की तिथि तय की। इसके साथ शिक्षकों ने एक महीने के लिए धरना स्थगित कर दिया।21 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर धरना-प्रदर्शन किया। इसमें शामिल होने के लिए बसों से शिक्षक पहुंचे तो निदेशालय के आस-पास जाम लग गया।

धरने में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा की महानिदेशक भ्रम फैलाते हैं कि सरकार शिक्षकों से नाराज है, इसलिए शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसी

भ्रम में विभागीय अधिकारी, शिक्षकों को अपमानित व उत्पीड़न कर रहे हैं। महानिदेशक हर दिन शिक्षकों को नुकसान करने वाले निर्देश जारी करते हैं। इससे प्रदेश भर का शिक्षक नाराज है।उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश भर के शिक्षक सरकार से नहीं बल्कि महानिदेशक की कार्यप्रणाली से नाराज हैं।

महासंघ के संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा-21 सेवा चयन आयोग से हटाकर शिक्षकों को प्रबंध तंत्र का गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश का शिक्षक उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। विधान परिषद में

शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा किए जा रहे शिक्षक विरोधी कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री से मिलकर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अपमान करने वाले अधिकारियों का विरोध किया जाएगा।

महानिदेशक से वार्ता के बाद शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि धरना एक माह के लिए स्थगित किया जाता है।यदि शिक्षकों की मांगों का निस्तारण नहीं किया जाता है तो एक माह बाद फिर से धरना देंगे।

धरने में पूर्व एमएलसी हेमसिंह पुंडीर, सुभाष शर्मा, जगबीर किशोर जैन,संजय सिंह,नरेंद्र कुमार वर्मा, शिव शंकर पांडेय, राधेरमण त्रिपाठी, कृष्णानंद राय, देवेन्द्र श्रीवास्तव, सुभाष तिवारी,सुधांशु मोहन, देवेन्द्र यादव,अरविन्द शुक्ला,सनत कुमार सिंह, कैलाशनाथ यादव, संजय राय, अनूप सिंह,कौशल सिंह,सान्तेश्वर मिश्र,संजय सिंह,सुनील सिंह,मनीष, विवेक,

राजकुमार समेत बेसिक व माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी व शिक्षक उपस्थित रहे।सनत कुमार सिंह ने बताया कि जो अधिकारी वाराणसी में जिम्मेदार पद पर रहकर श्री जयगुरुदेव जी के सत्संग मेले को सम्भाल न सका उसे प्रदेश में इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है,यह उचित नहीं है।


यह हैं शिक्षकों की प्रमुख मांग
पुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश, दूसरे शनिवार को अवकाश, प्रतिकर अवकाश, कैशलेस चिकित्सा, हर विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति व तैनाती, शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, 10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा, जिले के अंदर व बाहर पारस्परिक स्थानांतरण, माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधित धारा 21 को शिक्षा सेवा चयन आयोग में शामिल किया जाए।

जब विधानसभा कूच का किया ऐलान

शिक्षकों के धरने के तीन घंटे बाद भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा एक बजे तक कार्यालय नहीं आए। इससे नाराज शिक्षक नेताओं ने मंच से घोषणा की, कि यदि दो बजे तक वह वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो शिक्षक विधानसभा कूच करेगा। इसके बाद तुरंत महानिदेशक पहुंचे और महासंघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की। वार्ता में उपार्जित अवकाश, जिले के अंदर परस्पर स्थानांतरण, निशुल्क चिकित्सा सुविधा आदि सभी बिंदुओं पर वार्ता हुई और सहमति बनी की मांगों पर 16 अक्तूबर को शासन में वार्ता होगी। इसके बाद शासन आदेश जारी करेगा।

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