सामूहिक विवाह योजना के तहत लिए सात फेरे, सात जन्मों तक साथ निभाने का किया वादा
varanasi वाराणसी जिले के सात ब्लॉकों पर करीब तीन सौ जोड़ों ने आज वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लिए। सात जन्म तक साथ निभाने का वादा भी किया। खास बात ये देखने को मिली जनप्रतिनिधि और अफसर अपने कार्य से इतर अभिभावक की भूमिका में नजर आए। मौका था मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाली शादियों का। सरकार के तरफ से नव युगलों को कपड़े, जेवर, बर्तन, पंखा आदि उपहार देकर नम आंखों से विदाई दी गई। काशी विद्यापीठ, चिरईगांव, आराजी लाइन, सेवापुरी, बड़ागांव, पिंडरा और चोलापुर विकास खंडों में सामूहिक विवाह सम्पन्न कराए गए। हरहुआ के जोड़ों का भी विवाह पिंडरा में हुआ।
मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजनान्तर्गत 314 जोड़ों का सामुहिक विवाह कार्यक्रम संपन्न
08 अल्पसंख्यक वर्ग का भी हुआ निकाह
उपहार में साड़ी सेट, शर्ट-पैण्ट, वर्तन सेट, पंखा, मोबाइल फोन इत्यादी का विवतरण कराया गया
वाराणसी। शासन के निर्देशानुसार शुक्रवार को मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजनान्तर्गत जनपद के सभी विकास खण्डों में कुल 314 जोड़ो में 08 अल्पसंख्यक वर्ग का विवाह विकास खण्ड मुख्यालय परिसर में सकुशल सम्पन्न कराया गया।
उक्त जानकारी देते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी जी०आर० प्रजापति ने बताया कि
आराजीलाइन–29, बडागॉव–36, चिरईगॉव-43, चोलापुर-44, हरहुआ- 56, पिण्डरा-62, काशी विद्यापीठ–19 तथा सेवापुरी–25 कुल 314 जोड़ो में 08 अल्पसंख्यक वर्ग का विवाह विकास खण्ड मुख्यालय परिसर में सकुशल सम्पन्न कराया गया। विवाह कार्यक्रम में विधायक, ब्लाक प्रमुख, जनप्रतिनिधि, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी उपस्थिति रहकर वर-वधू को आर्शिवाद प्रदान किये तथा विभाग द्वारा दिये जाने वाले
उपहार सामग्री यथा-साड़ी सेट, शर्ट-पैण्ट, वर्तन सेट, पंखा, मोबाइल फोन इत्यादी का विवतरण कराया गया।
बताते चलें कि शासन के निर्देशानुसार 10 जून शुक्रवार को एक ही तिथि में पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजनान्तर्गत मेगा इवेन्ट/वृहद स्तर पर विवाह कार्यक्रम का आयेजन कराये जाने का निर्देश प्राप्त रहा।
सामूहिक विवाह योजना के तहत लिए सात फेरे, सात जन्मों तक साथ निभाने का किया वादा
varanasi वाराणसी जिले के सात ब्लॉकों पर करीब तीन सौ जोड़ों ने आज वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सात फेरे लिए। सात जन्म तक साथ निभाने का वादा भी किया। खास बात ये देखने को मिली जनप्रतिनिधि और अफसर अपने कार्य से इतर अभिभावक की भूमिका में नजर आए।
मौका था मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाली शादियों का। सरकार के तरफ से नव युगलों को कपड़े, जेवर, बर्तन, पंखा आदि उपहार देकर नम आंखों से विदाई दी गई। काशी विद्यापीठ, चिरईगांव, आराजी लाइन, सेवापुरी, बड़ागांव, पिंडरा और चोलापुर विकास खंडों में सामूहिक विवाह सम्पन्न कराए गए। हरहुआ के जोड़ों का भी विवाह पिंडरा में हुआ।
शासन के आदेश पर सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। ये आयोजन दो लाख रुपये वार्षिक आय से कम वालों के लिए था। नियम के मुताबिक वधू की आयु 18 वर्ष और वर वर्ग की आयु 21 वर्ष होना अनिवार्य है।
वर और वधू के द्वारा दिए गए प्रमाण पत्रों की जांच के बाद आयोजन में किया गया शामिल। गरीब कल्याण योजना के तहत गरीब बच्चे बच्चियों का विवाह हुआ सम्पन्न।
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