7 पुराने मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को हो सकती है जेल , अदालत ने ख़ारिज की अग्रिम गर्मी जमानत याचिका |
7 पुराने मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को हो सकती है जेल , अदालत ने ख़ारिज की अग्रिम गर्मी जमानत याचिका | वाराणसी 7 साल पुरानी अन्याय प्रतिकार यात्रा के मामले में आरोपित ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश (एमपी -एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने खारिज कर दी।
7 पुराने मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को हो सकती है जेल , अदालत ने ख़ारिज की अग्रिम गर्मी जमानत याचिका | वाराणसी 7 साल पुरानी अन्याय प्रतिकार यात्रा के मामले में आरोपित ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश (एमपी -एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने खारिज कर दी।
अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने किया। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपित महंत बालक दास की ओर से भी जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी के लिए आवेदन दिया गया है।
बतादें कि वर्ष 2015 में गणेश प्रतिमा के गंगा में विसर्जन नहीं करने के विरोध में निकाले गए प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल में दशाश्वमेध थाने में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में बीते दिनों अदालत ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास सहित 25 लोगों को फरार घोषित किया था। साथ ही, सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी संपत्ति की कुर्की का आदेश पुलिस को दिया था। अदालत ने कहा था कि इस मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट ADCP काशी जोन पेश करेंगे। कोर्ट के सख्त रुख के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन पत्र दाखिल किया गया था।
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हिंदुत्व को लेकर बनी योगी सरकार धार्मिक मुद्दों से जुड़े मामले ले वापस-अधि.विकास सिंह
वाराणसी। हिंदुत्व को लेकर बनी प्रदेश की योगी सरकार धार्मिक मुद्दों से जुड़े मामलों को वापस ले। उक्त बातें शुक्रवार को युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर प्रदेश में भाजपा की सरकार केंद्र व प्रदेश में बनी, उन मुद्दों को अब भाजपा भूल गयी है। वर्ष 2017 से प्रदेश में भाजपा सरकार योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काम कर रही है और इस समय दूसरी पारी खेल रही है, लेकिन वर्ष 2015 में गणेश प्रतिमा का गंगा में विसर्जन करने पर रोक लगाने के तत्कालीन प्रदेश सरकार के विरोध में प्रतिकार यात्रा निकलने के दौरान हुए बवाल के बाद दर्ज हुए मुकदमे को अब तक वापस नहीं ले पायी है। इसको लेकर हिन्दू समाज मे खासी नाराजगी है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग किया कि वह उक्त धार्मिक मुद्दे को लेकर दर्ज मुकदमे को तत्काल वापस ले। जिससे हिंदुत्व को लेकर बनी इस सरकार पर लोगों का भरोसा कायम रहे।
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