तीर्थराज प्रयाग में अध्यापकों के दल का हुआ स्वागत

तीर्थराज प्रयाग की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से रूबरू होने ने के लिए गुरूवार को काशी तमिल संगमम में शामिल होने पहुंचे अध्यापकों का दल प्रयागराज पहुंचा। मेहमान संगमनगरी की समृद्ध धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के साक्षी बने। स्कूली विद्यार्थियों ने मेहमानों के स्वागत स्वागत किया। स्वस्तिवाचन और फूलों की वर्षा से संगमनगरी में अपने अतिथि देवो भव के भाव से भी परिचित कराया।

तीर्थराज प्रयाग में अध्यापकों के दल का हुआ स्वागत

तीर्थराज प्रयाग में अध्यापकों के दल का हुआ स्वागत 
अतिथि देवो भव के भाव से हुआ भव्य स्वागत 
धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर के साक्षी बने मेहमान


तीर्थराज प्रयाग की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से रूबरू होने ने के लिए गुरूवार को काशी तमिल संगमम में शामिल होने पहुंचे अध्यापकों का दल प्रयागराज पहुंचा। मेहमान संगमनगरी की समृद्ध धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के साक्षी बने। स्कूली विद्यार्थियों ने मेहमानों के स्वागत स्वागत किया। स्वस्तिवाचन और फूलों की वर्षा से संगमनगरी में अपने अतिथि देवो भव के भाव से भी परिचित कराया। 

अतिथियों का हुआ सम्मान,स्टीमर से किया संगम भ्रमण 

अध्यपकों के दल में शामिल 216 सदस्यों का डीएम नवनीत सिंह चहल ने भव्य स्वागत किया। संगम स्थित वीआईपी घाट पर शिविर में ठहरे मेहमानों के स्वागत में शास्त्रीय गीत, नृत्य की मोहक प्रस्तुति की गई अतिथियों को शॉल, स्मृति चिह्न भेंटकर करके जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सम्मानित किया गया। उनके उपरांत मेहमान स्टीमर से संगम पहुंचे। स्टीमर पर मेहमान यमुना की लहरों संग अठखेलियां कर रहे प्रवासी पक्षियों को देखकर आनंदित हुए। 

धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर के साक्षी बने मेहमान

संगम के बाद मेहमानों के दल ने बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन कर आशीष प्राप्त किया। हनुमान मंदिर के बाद मेहमान स्वामी नारायण मंदिर पहुंचे। मंदिर में मेहमानों ने दक्षिण भारत के लजीज व्यंजन का आनंद लिया। भोजन के बाद दल ने आजाद पार्क में स्थित अमर शहीद चंदशेखर आजाद की प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर नमन किया। आजाद प्रतिमा स्थल पर संस्कृति विभाग के अभिलेखागार विभाग की ओर से क्रांतिकारियों पर केंद्रित अभिलेख प्रदर्शनी को देखा और सराहा। 


मेहमानों ने साझा किया यात्रा का अनुभव 

अध्यापकों के दल में शामिल मानवती जी ने कहा कि काशी में गंगा जी की आरती देखी और प्रयागराज में संगम का विहंगम नजारा। यह देखकर अलौकिक अहसास हुआ। उन्होंने बताया कि कल्चर में नार्थ और साउथ में काफी अंतर है। दोनों के यहां के मंदिरों की बनावट अलग है। लेकिन एक चीज कामन है और वह है स्प्रिचुएलिटी, दोनो प्रदेश इसमें कहीं आगे हैं। उन्होंने इस पूरी यात्रा को लेकर खुशी जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद बोला। मेहमानों का अगला दल 23 को आएगा। इस क्रम में 25, 27, 29 और 31 दिसंबर को दल संगमनगरी पहुंचेगा।

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