12 जून से गोवा में होगा दशवाँ ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन !’
इस वर्ष के हिन्दू अधिवेशन की विशेेषता - ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ !
उत्तर प्रदेश से 36 हिन्दू संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधि आमंत्रित !
varanasi वाराणसी - गोवा में गत 9 वर्षों से होनेवाले ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के कारण देश में हिन्दू राष्ट्र की चर्चा प्रारंभ हुई । उसके पश्चात हिन्दू राष्ट्र का ध्येय सामने रखकर विविध क्षेत्रों में कार्य करना प्रारंभ हुआ ।
इस 10 वें अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र की कार्यपद्धति अंकित करने का प्रयत्न किया जानेवाला है । ‘हिन्दू राष्ट्र में आदर्श राजव्यवहार कैसा होना चाहिए ?’, इस संबंध में दिशादर्शन करने के लिए इस वर्ष के अधिवेशन में ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ का विशिष्ट आयोजन किया गया है । अधिवेशन के तीन दिन ‘हिन्दू राष्ट्र संसद’ का आयोजन होगा ।
उसमें ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए संसदीय और संवैधानिक मार्ग’, ‘मंदिरों का उचित प्रबंधन’ और ‘हिन्दू शैक्षणिक नीतियों का अवलंबन कैसा करना चाहिए ?’
इन विषयों पर विशेषज्ञ मान्यवरों द्वारा विस्तृत चर्चा होनेवाली है । हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य को गति देने के लिए इस वर्ष 12 से 18 जून 2022 की अवधि में ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ आयोजित किया गया है और इसमें उत्तर प्रदेश से 36 हिन्दू संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधि आमंत्रित किए गए हैं, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक पूजनीय निलेश सिंगबाळजी ने पत्रकार परिषद में दी ।
पराडकर भवन में आयोजित पत्रकार परिषद में कथित ज्ञानवापी मस्जिद से श्री काशी विश्वनाथजी की मुक्ति के लिए सक्रीय हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता श्री. मदन मोहन यादव, हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री. मनीष पांडेय, सनातन संस्था के श्री. गुरुराज प्रभु एवं हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी उपस्थित थे ।
पूजनीय निलेशजी ने आगे कहा कि, हाल ही ‘जमीयत उलेमा-ए-हिन्द’ के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने खुली धमकी दी है कि ‘समान नागरिक संहिता कानून के आधार पर शरीयत में हस्तक्षेप नहीं चलेगा । हिन्दुओ को मुसलमान नहीं पसंद हों,
तो हिन्दू भारत छोडकर चले जाएं ।’ मुसलमानों ने धमकाकर कश्मीर से हिन्दुओ को बाहर निकाला, अब शेष भारत से बाहर निकालने की उनकी यह धमकी है । भारत के मुसलमानों को अल्पसंख्यांकों की विशेष सुविधाएं दी जाने पर भी बहुसंख्यक हिन्दुओ ने उनके साथ बंधुत्त्व बनाए रखा है, यह उन्हें ध्यान में रखना चाहिए । आज का भारत गांधीगिरी करनेवाला नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज को आदर्श मानकर स्वराज्य की रक्षा करनेवाला है, यह भी वे ध्यान रखें ।
हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी के बताया कि, कोरोना के कारण गत दो वर्ष यह अधिवेशन प्रत्यक्ष नहीं हो पाया । वर्ष 2020 में ‘ऑनलाइन’ अधिवेशन लिया गया । इस वर्ष प्रत्यक्ष अधिवेशन हो रहा है । इसलिए देशभर के हिन्दुत्वनिष्ठों में प्रचंड उत्साह है ।
इस अधिवेशन में अमेरिका, इंग्लैंड, हांगकांग, सिंगापुर, फिजी, नेपाल आदि देशों सहित भारत के 26 राज्यों के 350 से अधिक हिन्दू संगठनों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों को निमंत्रित किया गया है । इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘काशी की ज्ञानवापी मस्जिद’, ‘मथुरा मुक्ति आंदोलन’, ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’, ‘कश्मीरी हिन्दुआें का नरसंहार’, ‘मस्जिदों पर लगे भोंपुओ का ध्वनि प्रदूषण’, ‘हिजाब आंदोलन’, ‘हलाल सर्टिफिकेट एक आर्थिक जिहाद’, ‘हिन्दुओ की सुरक्षा’, ‘मंदिर-संस्कृति-इतिहास की रक्षा’, ‘धर्मांतरण’ आदि विविध विषयों पर चर्चा की जानेवाली है ।
सनातन संस्था के श्री. गुरुराज प्रभु ने कहा कि, केंद्र में तथा अनेक राज्यों में हिन्दुत्वनिष्ठ दल की सरकार आने के कारण राममंदिर निर्माण, लव जिहाद और धर्मांतरण के विरोध में कानून लागू होना और अनुच्छेद 370 हटाना आदि सकारात्मक कार्य हुआ है, तथापि काशी-मथुरा सहित हिन्दुओ के अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की मुक्ति होना शेष है ।
ओवैसी कह रहे हैं, ‘बाबरी ले ली; परंतु ज्ञानवापी मस्जिद नहीं लेने देंगे ।’ देशभर में हिन्दुओ की शोभायात्राओ तथा धार्मिक उत्सवों पर भीषण आक्रमण हो रहे हैं । मिशनरियों द्वारा बलपूर्वक होनेवाले धर्मांतरण के कारण ‘लावण्या’ जैसी हिन्दू लडकी को आत्महत्या करनी पड रही है । कश्मीरी हिन्दुओ के वंशविच्छेद को 32 वर्ष होकर भी कश्मीरी हिन्दुआें की हत्या आज भी नहीं रुकी हैं ।
आज भी कश्मीर से हिन्दुओ का पलायन हो रहा है । कुल मिलाकर हिन्दू सर्वत्र असुरक्षित हैं । इसलिए हिन्दुओ को संवैधानिक अधिकारों के लिए संगठित होना आवश्यक हो गया है । हिन्दुओ के व्यापक संगठन के लिए यह अधिवेशन दिशादर्शक सिद्ध होगा ।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर मुक्ति के लिए लड रहे अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा कि भगवान विश्वनाथजी के असीम कृपा से ही ज्ञानवापी में हिंदुओं के लिए समाधानकारक तथ्य सामने आ रहे हैं । केवल काशी, मथुरा, कुतुबमिनार, ताजमहल ही नही अपितु हिंदुओं के जिन हजारों धार्मिक तथा ऐतिहासिक स्थलों को अवैध पद्धति से हथियाया गया, उन सभी को पुन: प्राप्त किए बिना हम स्वस्थ नही बैठेंगे । इस दृष्टि से हिंदू राष्ट्र अधिवेशन में विचार-विमर्श करेंगे ।
हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री. मनीष पांडेय ने बताया कि सभी हिन्दू संगठनों को संगठित करना यही अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य है । समान सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत सभी संगठन एकत्रित आकर ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन’ के माध्यम से हिन्दूओपर होनेवाले आक्रमणों के विरोध करने के संदर्भ रणनीति बनाएंगे ।
इस अधिवेशन में प्रमुखता से ‘सी.बी.आई.’ के भूतपूर्व संचालक श्री. नागेश्वर राव, काशी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के विरुद्ध न्यायालयीन संघर्ष करनेवाले अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैन और उनके सुपुत्र ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, उत्तर प्रदेश से हिन्दू पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष अधिवक्ता अशोक पांडे, इंडिया विथ विजडम के अध्यक्ष अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी, सनातन एकता मिशन के
अध्यक्ष श्री. अशोक पाठक, भाजपा के तेलंगाना के प्रख्यात विधायक टी. राजासिंह, ‘पनून काश्मीर’ के श्री. राहुल कौल,अरुणाचल प्रदेश के ‘बांस संसाधन और विकास एजेंसी’ के उपाध्यक्ष श्री कुरु थाई सहित अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता, उद्योगपति, विचारक, लेखक, पत्रकार, मंदिर न्यासी तथा अनेक समवैचारिक सामाजिक, राष्ट्रीय और आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहनेवाले हैं ।
‘भारत सेवाश्रम संघ’ के स्वामी सयुंक्तानंदजी महाराज, ‘इंटरनेशनल वेदांत सोसायटी’ के स्वामी निर्गुणानंदगिरीजी महाराज आदि संतों की वंदनीय उपस्थिति भी इस अधिवेशन को मिलनेवाली है ।
इस अधिवेशन को अब तक देशभर के अनेक हिन्दू संगठन, संप्रदाय, विश्वविद्यालय, अधिवक्ता संगठन, पत्रकार, उद्योगपति आदि ने समर्थन पत्र दिए हैं । दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का सीधा प्रक्षेपण
हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल (वेबसाईट) तथा समिति के ‘HinduJagruti’ इस ‘यू-ट्यूब’ चैनल द्वारा भी किया जाएगा । विश्वभर के हिन्दू इसका अवलोकन करें, ऐसा आवाहन भी पत्रकार वार्ता में किया गया ।