वाराणसी में थप्पड़ बाज नायब तहसील का मामला तूल पकड़ता जा रहा है ग्रामीण और जिला प्रशासन आमने सामने नजर आ रहा है

वाराणसी घटना के बारे में बताया जाता है कि विगत दिनों उच्च न्यायालय के आदेश पर कब्जा दिलाने पहुंची नायब तहसीलदार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा उस दौरान एक नाबालिक बिटिया के सवालों से तिल मिलाएं मैं तहसीलदार ने अपने प्रशासनिक ताकत का रोग दिखाते हुए थप्पड़ रसीद कर दिया था जिसको लेकर वहां का माहौल कुछ देर बिगड़ गया था

वाराणसी में थप्पड़ बाज नायब तहसील का मामला तूल पकड़ता जा रहा है ग्रामीण और जिला प्रशासन आमने सामने नजर आ रहा है वाराणसी घटना के बारे में बताया जाता है कि विगत दिनों उच्च न्यायालय के आदेश पर कब्जा दिलाने पहुंची नायब तहसीलदार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा उस दौरान एक नाबालिक बिटिया के सवालों से तिल मिलाएं मैं तहसीलदार ने अपने प्रशासनिक ताकत का रोग दिखाते हुए थप्पड़ रसीद कर दिया था जिसको लेकर वहां का माहौल कुछ देर बिगड़ गया था

इस मामले में कपसेठी पुलिस ने आधा दर्जन नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की थी लेकिन वहीं जिले के प्रशासनिक अधिकारियों का आरोप है कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने में जुटे जिला प्रशासन के लोगों के साथ हुए दुर्व्यवहार का मुकदमा प्रभारी निरीक्षक कपसेठी द्वारा दर्ज नहीं किया गया जबकि नायब तहसीलदार प्राची केसरवानी अपना तहरीर लिखकर प्रभारी निरीक्षक कब से ठीक हो दे दिया है

उसके बाद भी अभी तक मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है दरअसल प्रकरण कुछ इस प्रकार से है कि कुछ लोगों ने कपसेठी थाना क्षेत्र के भीखमपुर  गांव में संजय कुमार सिंह नामक व्यक्ति की जमीन को कब्जा कर लिया था जिसको राजस्व विभाग के टीम ने जांच करो कब्जा को हटाने का आदेश दिया था

लेकिन मौके पर भारी पुलिस फोर्स ना होने के कारण राजस्व विभाग की टीम वास्तविक मालिक को कब्जा दिलाने में अक्षम साबित हुई थी इसी से क्षुब्ध होकर पीड़ित संजय कुमार सिंह ने अपनी जमीन पाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था

माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर से कहा था कि राजस्व की टीम वास्तविक मालिक संजय कुमार सिंह को कब्जा दिलाने का काम करें उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने पहुंची राजस्व की टीम का नेतृत्व नायब तहसीलदार प्राची केसरवानी कर रही थी इस दौरान मौके पर मौजूद गांव की एक नाबालिक ने नायक तहसीलदार से उच्च न्यायालय के आदेश की कॉपी उपलब्ध कराने की बात कही तो नायब तहसीलदार नाराज हो गई और उन्होंने नाबालिक को थप्पड़ रसीद कर दिया

उसके बाद वहां का माहौल काफी गर्म हो गया और ग्रामीण उत्तेजित हो गए फिर किसी तरह पुलिसकर्मियों ने नायक तहसीलदार को बचाते हुए उनका गांव से बाहर लाया और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर तत्काल माहौल को ठंडा किया तो वहीं दूसरी तरफ कपसेठी पुलिस ने 100 से ज्यादा अज्ञात और कुछ नाम जद करते हुए मुकदमा पंजीकृत कर लिया और विवेचना शुरू की उसके बाद मौके पर पहुंची नायब तहसीलदार नहीं गई प्रभारी निरीक्षक कपसेठी को तहरीर दे मुकदमा दर्ज कराने की अपील की

जिस पर प्रभारी निरीक्षक कपसेठी ने कहा कि इस घटना का एक मुकदमा पंजीकृत हो चुका है उसी में आपके मुकदमे को भी समायोजित कर लिया जाएगा और एक घटना की दो f.i.r. नहीं हो सकती इसके बाद प्रभारी निरीक्षक से नाराज नायब तहसीलदार प्रार्थना पत्र देकर वहां से चली गई

इसके बाद नायब तहसीलदार और पुलिसिया उत्पीड़न से त्रस्त ग्रामीणों ने दूसरे दिन पूर्व विधायक और मंत्री अजय राय के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिलकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की जिलाधिकारी संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दे दिया है अब देखना आया है कि एक नाबालिक बिटिया के साथ में दुर्व्यवहार को जिला प्रशासन किस तरह संज्ञान में लेकर कार्यवाही करता है
वही  राजस्व  टीम का नेतृत्व कर रही नायब तहसीलदार  प्राची केसरवानी  का आरोप है कि थानाध्यक्ष मुकदमा लिखने से किया इनकार 3 घंटा थाने पर बैठने के बाद वापस आई नायब तहसीलदार

वाराणसी संवाददाता नेहा दिवेदी 

 नायब तहसीलदार सेवापुरी प्राची केसरवानी थाना कपसेठी  भू माफियाओं के खिलाफ मुकदमा लिखवाने गई थाना अध्यक्ष मुकदमा लिखने से किया इनकार नायब तहसीलदार प्राची केसरवानी 3 घंटा थाना कपसेठी पर बैठी रही एस सो एक न सुना उनका कहा कि इसमें से कुछ नाम निकाल दीजिए तो मैं मुकदमा लिख दूंगा ।

नाम वही था जो युवा का संचालन करता करता है सचिन और अनुराग को बचाने के लिए थाना अध्यक्ष अपनी नौकरी भी दांव पर लगाने के लिए तैयार हैं वही थाना अध्यक्ष का कारनामा देखिए कि जब नायक तहसीलदार थाने पर पहुंचती है तो भूमाफियाओं को फोन करके कपसेठी बुला लिए

50 ओके संख्या में कपसेठी थाने के अगल-बगल सचिन सिंह अनुराग सिंह लेकर घूमने लगे इतना ही नहीं उसमें से कुछ के ऊपर मुकदमा भी कायम किया गया है उसके बाद भी थाना अध्यक्ष उन सबको बैठाने का कार्य न करके मैडम को दिखवाने  का कार्य पुलिस कर रही है

साथ बदतमीजी किया गया था भू माफियाओं के द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में नायब तहसीलदार सेवापुरी थाना अध्यक्ष कपसेठी में फोर्स के साथ कब्जा दिलाने ग्राम सभा भीषमपुर में पहुंचे वहां पर दबंग की किस्म के भूमिया सचिन सिंह अनुराग सिंह दिवाकर गौतम सुनील सिंह संदीप सिंह तमाम साथियों के साथ मेरे ऊपर और नायब तहसीलदार के ऊपर हमला बोल दिए

थाना अध्यक्ष महोदय केवल खड़ा होकर देखते रहे ।नायब तहसीलदार द्वारा बार-बार कहा गया की इन लोगों को ले चल के थाने पर बठाइए फिर भी थाना अध्यक्ष द्वारा कुछ भी नहीं किया गया ऊपर से भू माफियाओं का सहयोग करते मिले खड़ा होकर के तोड़फोड़ करवा  दिये नायब तहसील द्वारा जो सामान रखवाया गया था उसको बाहर फेंकवा दिए मोटरसाइकिल तोड़ दिए बोलेरो कुच दिए

साइकिल तोड़ दिए पुलिस द्वारा केवल मुख दर्शक बनकर खड़ी रही क्योंकि पुलिस जुए के पैसे में हिस्सेदारी है हमें न्यायालय पर विश्वास है मेरे साथ न्याय होगा उप जिला अधिकारी महोदय ने आश्वासन दिया है कि

माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में बहुत जल्द ही पुलिस बल के साथ पीएससी लेकर माननीय न्यायालय के आदेश का पालन कराया जाएगा सुजीत सिंह ने कहा की हमारा परिवार पूरा डरा हुआ सहमा हुआ है क्योंकि आज के 1 5 साल पहले सचिन सिंह उर्फ रिंकू सुनील सिंह अवैध असलहा से फायरिंग करते हुए लहराते हुए भय  फैलाने का कार्य करते हैं उसमें भी इन लोगों के खिलाफ थाना कपसेठी में 307 और विभिन्न धाराओं में मुकदमा कायम किया गया था पुलिस के कार्रवाई पर यह लोग जेल भी गए थे ।

 सचिन अनुराग कई मामलों में पुलिस द्वारा पकड़े गए थे  पर कार्रवाई नहीं किया गया पैसा के बल पर इनके ऊपर मुकदमा नहीं लिखा जाता है।आज फिर हम लोगों को डर लग रहा है कि कभी न कभी हमारे किसी भाई का यह लोग हत्या कर देंगे क्योंकि अवैध असलहा सचिन सुनील अनुराग दिवाकर गौतम जितेंद्र सिंह संदीप सिंह लेकर कल भी लहरा रहे थे  माननीय  उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने में सहयोग करें ।

सचिन सिंह उर्फ रिंकू इनका बहुत लंबा जुआ का टीम है इनके टीम में अनुराग सिंह तमाम साथियों को लेकर जुआ खिलाने का कार्य करते हैं और जमीन का कहीं भी मामला रहता है तो वहां यह लोग एक झुंड बनाकर पहुंचकर धमकाते कर पैसा ऐठने का काम करते हैं

अनुराग सिंह अभी एक पटेल का जमीन जुआ खेला करके जबरदस्ती ले जाकर के उसकी जमीन चन्द पैसों में रजिस्ट्री करवा लिए । जबकि अनुराग सिंह का कोई बिजनेस भी नहीं है केवल एक छोटी सी चाय पान की दुकान है उसके बाद गुंडई के बल पर करोड़ों का संपत्ति अर्जित किए हैं

कम से कम अपने मकान में एक करोड़ रूपया के लगभग लगवा कर बनवाए हैं  30 लाख की गाड़ी से चलता है एक चाय पान के दुकान से सचिन और अनुराग का थाना कपसेठी द्वारा में आवा भगत किया जाता है क्योंकि जुआ का अर्जित पैसा थाना कपसेठी का भी हिस्सा बना है ।


तो दूसरी तरफ नायब तहसील दार के खिलाफ अपनी बात को लेकर ग्रामीण पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अजय राय  केव नेतृत्व में जिलाधिकारी से मुलाकात की  और आरोप लगाया की पूर्व विधायक एवं प्रांतीय अध्यक्ष श्री अजय राय के नेतृत्व में भीखमपुर गांव की बिटिया के पीड़ित परिजनों ने जिलाधिकारी से की भेंट, जिलाधिकारी महोदय ने दिया शीघ्र न्याय का भरोसा


पिछले दिनों आठ अगस्त को वाराणसी के भीखमपुर गांव में आबादी की जमीन को जबरिया कब्जा दिलाने के नाम पर राजातालाब तहसील की नायब तहसीलदार प्राची केशरवानी द्वारा गांव की बिटिया शाल्वी सिंह  के साथ किए गए बर्ताव को लेकर  न सिर्फ भीखमपुर गांव में बल्कि अगल बगल के गांवों में भी जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है । इस गंभीर प्रकरण को लेकर आज पूर्व विधायक एवं प्रांतीय अध्यक्ष अजय रायजी के नेतृत्व मे बिटिया शाल्वी सिंह और  भीखामपुर गांव के सैकड़ों लोगों ने कचहरी स्थित जिलाधिकारी महोदय से मिलकर इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच किए जाने और बिटिया शाल्वी सिंह समेत सैकड़ों गांव वासियों पर दर्ज बेबुनियाद और झूठे मुकदमे को वापस लेने की मांग की गई । जिलाधियारी महोदय ने कांग्रेस नेता एवं प्रांतीय अध्यक्ष श्री अजय राय को भरोसा दिया कि यह मामला मेरे संज्ञान में है और मैं इस पूरे प्रकरण की जांच कर पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाऊंगा । जिलाधिकारी महोदय ने स्वीकार किया कि बिटिया शाल्वी सिंह से जुड़ा वायरल वीडियो मेरे संज्ञान में है । किसी भी लोक सेवक को सार्वजनिक जीवन में इस तरह के व्यवहार से बचना चाहिए । इस बीच छात्रा शाल्वी सिंह ने जिलाधिकारी को इस पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार कर विवरण सुनाया और कहा कि - मैं नीट की तैयारी करने वाली एक बेहद सामान्य परिवार की छात्रा हूं। मेरे माता पिता बड़ी मेहनत से मुझे पढ़ा रहे हैं। जिस जमीन के कब्जे लेकर यह सारा कुछ हुआ वह वस्तुतः मेरे परिवार का है । बिना कोर्ट के आदेश की कोई कॉपी दिए नायब तहसीलदार प्राची केशरवानी उसे कब्जा दिलाने जबरदस्ती करने लगीं, मेरे द्वारा आर्डर की कापी मांगने पर उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, यह बेहद दुखद बात है । आखिर मैंने क्या अपराध किया, जिसकी वजह से उन्होंने मुझसे ऐसा बुरा व्यवहार किया 

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