चौथे G20 संस्कृति कार्य समूह बैठक से सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है

भारत की अध्यक्षता में जी20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक में जी20 सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मसौदा घोषणा पर चर्चा शुक्रवार को वाराणसी में संपन्न हुई।

चौथे G20 संस्कृति कार्य समूह   बैठक से  सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है
चौथे G20 संस्कृति कार्य समूह का वाराणसी में संपन्न
संस्कृति मंत्रियों की बैठक कल होगी
2014 से अब तक 400 से अधिक पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया है: श्री जी.के. रेड्डी
संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है: श्री जी.के. रेड्डी
संस्कृति कार्य समूह की चर्चाओं ने उन्नत सांस्कृतिक कूटनीति का मार्ग प्रशस्त किया है: श्रीमती मीनाक्षी लेखी
*वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर जी20 देशों की ऑर्केस्ट्रा
'सुर वसुधा' का होगा आयोजन*

भारत की अध्यक्षता में जी20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक में जी20 सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मसौदा घोषणा पर चर्चा शुक्रवार को वाराणसी में संपन्न हुई।
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत आयोजित सीडब्ल्यूजी ने अपने परिणाम दस्तावेज़ और अध्यक्ष के सारांश के माध्यम से वैश्विक नीति निर्धारण के केंद्र में संस्कृति की स्थिति पर जोर दिया। संस्कृति मंत्रियों की बैठक का आयोजन शनिवार को वाराणसी में होगा।
इससे पहले दिन में मीडिया से बात करते हुए 
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी.के. रेड्डी ने कहा कि वाराणसी में आयोजित संस्कृति बैठक ने सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी वैश्विक संबंधों पर चर्चा करने का अवसर पैदा किया है।
जी20 के तहत आयोजित संस्कृति कार्य समूह की बैठकों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पहली सांस्कृतिक समूह बैठक खजुराहो में, दूसरी भुवनेश्वर में, तीसरी हम्पी, कर्नाटक में और चौथी अब वाराणसी में आयोजित की गई थी।  उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी सांस्कृतिक मंत्रिस्तरीय घोषणा शनिवार को मंत्रिस्तरीय बैठक के अंत में की जाएगी।
श्री जी किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि इस वर्ष इस सांस्कृतिक कार्य समूह में विभिन्न कार्यक्रम और वेबिनार आयोजित किए गए।  इन वेबिनारों और कार्यक्रमों में विभिन्न जी20 देशों और आमंत्रित देशों के रिकॉर्ड 159 विशेषज्ञों के साथ-साथ अन्य हितधारकों ने भाग लिया।


उन्होंने यह भी कहा कि सभी के इनपुट के आधार पर घोषणा की जाएगी। भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी से सांस्कृतिक समूह की बैठक और घोषणा को देखना हमारे लिए एक यादगार क्षण है।
उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक 400 से अधिक पुरावशेषों को पुनः प्राप्त कर भारत लाया गया है।

इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री, सुश्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संगीत की सभी घरानों के कलाकार, कलाकृति, संग्रहालय, मंदिर और परंपराओं के कारण ही हम सभी वाराणसी में एकत्र हुए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने विभिन्न देशों के लोगों को करीब लाकर सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए सांस्कृतिक एकता की थीम पर एक डाक टिकट जारी किया जाएगा।


संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन ने कहा कि शनिवार को टीएफसी में एक भव्य सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम सुर वसुधा का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर 29 देशों के संगीतकार एक साथ आएंगे।
कार्य सत्र समाप्त होने के बाद प्रतिनिधियों ने क्रूज़ के माध्यम से गंगा नदी, घाट और भव्य गंगा आरती को देखा।  
इसके बाद प्रतिनिधियों ने प्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर रानी खानम द्वारा आयोजित मनमोहक सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा।  कथक नृत्य प्रस्तुति का उद्देश्य भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के सार को पकड़ना था। 

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