जिला जज ने रामनगर स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर, राजकीय बालिका गृह एवं राजकीय पक्षातवर्ती देखरेख संगठन महिला एवं राजकीय बालगृह बालक का किया आकस्मिक निरीक्षण
वाराणसी। जनपद न्यायाधीश वाराणसी संजीव पांडेय ने मंगलवार को रामनगर स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर, राजकीय बालिका गृह एवं राजकीय पक्षातवर्ती देखरेख संगठन महिला एवं राजकीय बालगृह बालक का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय विजय कुमार विश्वकर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मनीष कुमार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं जिला प्रोवेशन अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला जज ने रामनगर स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर, राजकीय बालिका गृह एवं राजकीय पक्षातवर्ती देखरेख संगठन महिला एवं राजकीय बालगृह बालक का किया आकस्मिक निरीक्षण
बालकों को कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित कराकर उन्हें रोजगार उन्मुख बनाएं-संजीव पांडेय
18 वर्ष से अधिक उम्र की जो महिलाएं आवासित है, उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाए
वाराणसी। जनपद न्यायाधीश वाराणसी संजीव पांडेय ने मंगलवार को रामनगर स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर, राजकीय बालिका गृह एवं राजकीय पक्षातवर्ती देखरेख संगठन महिला एवं राजकीय बालगृह बालक का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय विजय कुमार विश्वकर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मनीष कुमार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं जिला प्रोवेशन अधिकारी उपस्थित रहे।
राजकीय संप्रेक्षण गृह में आवासित किशोरो से जनपद न्यायाधीश द्वारा बातचीत की गई तथा उनके आवासीय व्यवस्था, शिक्षण एवं कौशल प्रशिक्षण के संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गई तथा निर्देशित किया गया कि बालकों को कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित कराकर उन्हें रोजगार उन्मुख बनाएं। उन्होने राजकीय पश्चातवर्ती देखरेख संगठन महिला में निवासरत बालिकाओं/महिलाओं से वार्ता की तथा प्रभारी अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की जो महिलाएं आवासित है, उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाए तथा ऐसी एनजीओ का चयन करें, जो इन बालिकाओं/ महिलाओं को अपने यहां रोजगार देकर के इन्हें पुनर्वासित कर समाज के मुख्य धारा में ला सकें, जिससे कि यह महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। राजकीय बालगृह बालिका एवं राजकीय बल ग्रह बालक में 10 वर्ष से 18 वर्ष के बालकों एवं बालिकाओं से भी माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा वार्ता की गई तथा विद्यालय में चल रही उनकी शिक्षा व्यवस्था, संस्था में आवासीय व्यवस्था तथा उनके रहन-सहन आदि के संबंध में भी समीक्षा की गई। उन्होने निर्देश दिए गए के सभी बालकों को शिक्षा व्यवस्था एवं प्रशिक्षण से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जाएं।
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