आयुर्वेद कॉलेज के निदेशक ने प्रोन्नत में कर दिया भ्र्ष्टाचार , जूनियर को बना दिया सीनियर , और करदिया प्रोफ़ेसर
liveupweb उत्तर प्रदेश योगी सरकार की योगी सरकार एक तरफ तो भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है इसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश आयुर्वेद निदेशक द्वारा जारी प्रोन्नत सूची में देखने को मिला है जब अपने पसंद के केवल एक रीडर को प्रोफेसर के रूप में प्रोन्नत कर दिया गया है
liveupweb उत्तर प्रदेश योगी सरकार की योगी सरकार एक तरफ तो भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है इसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश आयुर्वेद निदेशक द्वारा जारी प्रोन्नत सूची में देखने को मिला है जब अपने पसंद के केवल एक रीडर को प्रोफेसर के रूप में प्रोन्नत कर दिया गया है
शेष कई योग्य और प्रदेश के आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से अन्य सभी विभागों में रीडर को नियमतः प्रोफेसर पद पर प्रोन्नत करना चाहिए यहाँ यह भी देखने को मिल रहा है कि जिनका प्रोन्नत किया गया हैं उनके साथ समान नियुक्त तिथि और उनसे वरिष्ट रीडरो को प्रोन्नति नहीं दी गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया आयुर्वेद कॉलेजों में रीडर से प्रोफेसर प्रोन्नत के मामले में धांधली का मामला आया सामने
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार को लिखे पत्र में आयुर्वेद कॉलेज के रीडरों स्पष्ट शिकायत किया है कि आयुर्वेद कॉलेज के रीडर से प्रोफेसर प्रोन्नति में निदेशालय द्वारा धांधली करते हुए भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण पेश किया गया है
निदेशक आयुर्वेद द्वारा 12 मई को जारी प्रोन्नत सूची में सूची में एक ही बात दिमाग का बोलबाला नजर आया है और धांधली का आलम यह रहा कि योग्य रीडरों को प्रोन्नत न देते हुए अयोग्य और जूनियर रीडरों को प्रोफेसर बना दिया गया जिसको लेकर योग्य शिक्षकों में काफी रोष और गुस्सा है रूम में
उत्तर प्रदेश योगी सरकार की योगी सरकार एक तरफ तो भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है इसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश निदेशक द्वारा जारी प्रोन्नत सूची में देखने को मिला है जब अयोग्य रीड रोको प्रोफेसर के रूप में प्रोन्नत कर दिया गया है| अब देखना है कि आयुष मंत्रालय के राजयमंत्री स्वतंत्र प्रभार इस पुरे मामले पर क्या कार्यवाई करते है वैसे इसप्रकारन की पूरी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचने के लिए भी प्रभावित शिक्षक जुटे हुए है
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