भारतीयों को 5जी की सौगात संचार क्रांति के नए युग की शुरुआत, 5जी हुआ लांच

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में संचार क्रांति के नए युग की शनिवार को विधिवत शुरुआत कर दी। उन्होंने देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी। इससे सीमलेस कवरेज, हाई डाटा रेट, लो लेटेंसी और अत्यधिक विश्वनीय संचार प्रणाली की सुविधा मिलेगी। इससे गांव-गांव तक जहां इंटरनेट के साथ-साथ टेलीमेडिसिन की सुविधा पहुंचेगी, वही स्मार्ट फॉर्मिग को भी आशातीत बढ़ावा मिलेगा।

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में संचार क्रांति के नए युग की शनिवार को विधिवत शुरुआत कर दी।

उन्होंने देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी।

इससे सीमलेस कवरेज, हाई डाटा रेट, लो लेटेंसी और अत्यधिक विश्वनीय संचार प्रणाली की सुविधा मिलेगी।

इससे गांव-गांव तक जहां इंटरनेट के साथ-साथ टेलीमेडिसिन की सुविधा पहुंचेगी,

वही स्मार्ट फॉर्मिग को भी आशातीत बढ़ावा मिलेगा।
    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारती एयरटेल द्वारा प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 5जी मोबाइल सेवा लांच करने के अवसर पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे।

उन्होंने लोगो को सम्बोधित करते हुए डिजिटल इंडिया के फिफ्थ जनरेशन से देश व काशी को जोड़ने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 5जी के आने से कार्य की रफ्तार में गुणात्मक सुधार होगा। उन्होंने टीवी सीरियल महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि उसके शुरू में जो संबोधन होता था कि 'मैं समय हूं' का तात्पर्य होता था कि जो समय के साथ चलता है,

वही जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। उन्होंने विशेष रूप से जोड़ देते हुए कहा कि हमने टेक्नोलॉजी की ताकत को कोरोना काल में देखा और महसूस किया।

उस दौरान डीबीटी के माध्यम से लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसा पहुंचाकर मदद पहुंचाई गई। इतना ही नहीं इस दौरान लगभग 2 वर्षों तक छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन कार्य भी ऑनलाइन डिजिटली मोबाइल के माध्यम से होता रहा। कोरोना कॉल के दौरान शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी संस्थानों में कार्यों को डिजिटली ऑनलाइन संचालित की गई।

कोरोना कॉल के दौरान आरटी पीसीआर टेस्ट की बहुत सुविधा नहीं थी। लेकिन इसके लिए पहले मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया और उनके माध्यम से ऑनलाइन काफी लोगों को प्रशिक्षित किया गया।

जिसका परिणाम रहा कि चार लाख से अधिक प्रति दिवस आरटी पीसीआर टेस्ट प्रदेश में होने लगा। प्रदेश में दो करोड़ युवाओं को मोबाइल फोन दिए जाने का कार्य किया जा रहा है। जिससे वे डिजिटली पढ़ाई पूर्ण कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन भारत की अर्थ व्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर करने का है। उन्होंने कहा कि 5जी की लांचिंग से ग्राम सचिवालय को फाइबर ऑप्टिकल से शत-प्रतिशत जोड़ा जाएगा और इससे ग्रामवासियों के ऑनलाइन कार्य वहीं पर संपन्न हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि 5जी से जीडीपी में वृद्धि होगी। यदि 10 फ़ीसदी लोग इसका प्रयोग करते हैं, तो जीडीपी में 1 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इसका 30 से 80 फ़ीसदी लोग प्रयोग करते हैं तो देश की जीडीपी कितनी होगी, इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर का इकोनामी बनने की दिशा में अग्रसर होगा। प्रदेश सरकार एयरटेल संस्था को पूरी तरह सहयोग प्रदान करेगी। 
        इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के डिजिटल परिवर्तन और कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए 5जी सेवाओं को डिजिटली बटन दबाकर शुरू की। बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जल्द से जल्द 5जी सर्विस को पेश किया जाएगा।

साथ में ये भी जानकारी दी थी कि 4G स्पीड की तुलना में 5जी (5G Speed) 10 गुना तेज होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि 5G कनेक्टिविटी लोगों के 'संवाद' करने के तरीके को बदल देगी। अगली पीढ़ी की यह तकनीक तेज स्पीड और कम समय में इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी।
         5जी के लांचिंग के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के एक छात्रा खुशी से वर्चुअली वार्ता कर 5जी से होने वाले लाभ के बाबत जानकारी ली। प्रधानमंत्री से वार्ता कर खुशी के खुशी का ठिकाना ना रहा।

'संवाद' करने के तरीके को बदलेगा 5जी
        इसमें कोई संदेह नहीं है कि 5जी कनेक्टिविटी लोगों के 'संवाद' करने के तरीके को बदल देगी। अगली पीढ़ी की यह तकनीक तेज स्पीड और कम समय में इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी, वहीं इससे पहले सिर्फ ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड पर ही ऐसी स्पीड मिलती थी जो अन्य दूसरे उपकरणों को भी तेज स्पीड से कनेक्टिविटी मुहैया करती थी।

योजना से जुड़ेगें 13 शहर
       5जी नेटवर्क की आसान और सुचारु तैनाती के लिए छोटे सेल, बिजली के खंभे, स्ट्रीट फर्नीचर तक पहुंच आदि का प्रावधान है। सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और पहले चरण के दौरान 13 शहरों को 5जी इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी। इसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं।
        5जी भारत में नई संभावनाओं को लेकर आया हैं। जो देश में उपयोगकर्ताओं को ज्यादा लाभान्वित करेगा। वहीं इसके आने से हाई-स्पीड सर्फिंग और बेहतर कनेक्टिविटी के अलावा, नई तकनीक स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से आगे बढ़ाएगा।

इसके साथ ही देश में बेरोजगारी या बेरोजगार लोगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा। इतना ही नहीं, 5जी के आने के साथ, हम मौजूदा टायर थ्री शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलते हुए देख पाएंगे. यह लोगों और व्यवसायों को तेजी से विकसित होने में भी सहायता करेगा। वहीं निकट भविष्य में, 5जी उन्नत डिजिटल अर्थव्यवस्था की बदौलत नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का भी फायदा मिलेगा। तो आइए समझते हैं कि 5G भारत में और क्या फायदे लाएगा।

5जी आने से स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को लाभ
        5जी नेटवर्क चिकित्सा क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों में उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को फैलाने में मदद करेगा। वहीं डॉक्टर अपने स्थान से ही रोगियों से सीधा जुड़ सकेंगे, साथ ही डॉक्टर सर्जनों को दूरस्थ सर्जरी करने में भी सक्षम बनाएंगे। इसके अलावा, स्मार्ट चिकित्सा उपकरण जैसे कि वियरेबल्स इमरजेंसी की स्थिति में रोगियों को जल्दी सलाह दे सकेंगे।

5जी की नई तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स को भी अपग्रेड करेगी। उन्नत 5जी राउटर से एक घर में स्मार्ट डिवाइसेज और अन्य दूसरे उपकरणों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा। यह रिमोट मॉनिटरिंग, स्मार्ट एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और टेलीहेल्थ जैसे क्षेत्रों में भी बहुत मददगार साबित हो सकता है। वहीं स्मार्ट आरएफआईडी सेंसर और जीपीएस की मदद से किसान पशुओं को भी ट्रैक कर सकते हैं।

हेल्थ सेक्टर के लिए वरदान साबित होगी 5जी सर्विसेज
       कोविड के दौरान हम सब ने टेलीमेडिसिन के महत्व को समझा और उसके उपयोग को करीब से देखा। लेकिन टेलीमेडिसिन की अपनी सीमाएं हैं, जिसमें डॉक्टर और मरीज केवल एक दूसरे को केवल देख सकते हैं। इलाज में डॉक्टर की मरीज के सामने एक बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है, जो रोगी को कहीं न कहीं शीघ्र स्वस्थ होने में बड़ी भूमिका अदा करता है।

 यह कमी बहुत हद तक 5जी के आने से पूरी हो सकेगी। जी, सही पढा आपने, ऐसा संभव है कि डॉक्टर अपनी क्लिनिक में या अस्पताल में बैठे हुए भी मरीज के निकट होंगे। हाल-फिलहाल में 5 जी को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। हर किसी के जेहन में सिर्फ यही सवाल है कि 5जी टेक्नोलॉजी तेज लगभग 100 गुना डेटा स्पीड के अलावा क्या देने जा रही है? 5जी की शुरुआत होने से जिस क्षेत्र में सबसे बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे, वो है हेल्थकेयर सेक्टर।

हेल्थकेयर सेक्टर में न केवल मरीजों के इलाज में 5जी बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा बल्कि इस सेक्टर से जुड़ी अन्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा का स्वरूप भी 5जी के चलते संवरेगा। बता दें,

हाल ही में हुई नीलामी में रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क ने 5 जी का स्पेक्ट्रम खरीदा है। 5जी सेवा को ये कंपनियां एक के बाद एक शुरू करेंगी।

आज दूर-दराज के क्षेत्र में प्राथमिक व सामुदायिक केंद्रों से जब गम्भीर स्थिति वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या आती है, उस केंद्र से हायर सेंटर की दूरी और हायर सेंटर में बेड खाली है या नहीं। कल्पना कीजिये कि हायर सेंटर ले जाये बिना ही वहां के डॉक्टर्स को मरीज के स्वास्थ्य से सम्बंधित रियल टाइम डेटा मिलता रहे और वे प्राथमिक व सामुदायिक केंद्र के डॉक्टरों को इलाज के लिए जरूरी निर्देश देते रहें जबतक कि मरीज की स्थिति स्थिर न हो और वह बेड खाली होने पर बिना किसी खतरे के हायर सेंटर तक की दूरी तय कर सके। इसके लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की जरूरत होगी। कोविड के समय से जिस तरह से सरकारें हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही हैं, उससे इन केंद्रों के इन आवश्यक उपकरणों से लैस होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। वर्तमान में कई गीगाबाइट या टेराबाइट का मेडिकल डाटा ट्रांसफर होने में बहुत ज्यादा समय लगता है, जिससे मरीज की वर्तमान नाजुक हालत की जानकारी मिलने में दूर बैठे डॉक्टर को समय लगता है, जबकि इधर मरीज के लिए एक-एक सेकंड कीमती होता है। 5जी के आने के बाद दूर दराज इलाकों में स्थित छोटे स्वास्थ्य केंद्रों से हायर सेंटर्स तक टेक्स्ट और इमेजेज या वीडियो के फॉर्म में डेटा चुटकियों में ट्रांसफर किया जा सकेगा, जिससे मरीज की रियल टाइम हालत के बारे में डॉक्टर को जानकारी मिल सकेगी। यह बात तो हुई डेटा ट्रांसफर की, कल्पना कीजिये कि उसी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज बिस्तर पर पड़ा डॉक्टर के पास पहुंच जाए या हायर सेंटर का डॉक्टर मरीज के सामने हो। यह भी संभव होगा 5जी के लागू होने पर 5G-संचालित होलोग्राम तकनीक द्वारा। असलियत में जो डॉक्टर और मरीज एक दूसरे से कई किलोमीटर दूर होंगे लेकिन फिर भी 5जी के जरिये एक दूसरे के सामने।
         ब्रिटेन के ब्रिस्टल में तो इससे भी एक कदम आगे बढ़कर 5जी तकनीक का उपयोग किया गया। ब्रिस्टल नदी के किनारे हारबर साइड में शाम के समय अक्सर लोगों के नदी में गिरकर मौत की आगोश में समा जाने की घटनाएं होती थीं। उस स्थान पर सिटी कॉउंसिल ने 5जी नेटवर्क से जुड़े थर्मल कैमरे लगाने का फैसला लिया जो मोशन डिटेक्ट कर सकते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति नदी में गिरता, थर्मल कैमरे मोशन को डिटेक्ट कर अलार्म बजा देते हैं,

जिससे रेस्क्यू टीम न केवल समय रहते उस व्यक्ति को डूबने से बचाती है बल्कि उस व्यक्ति को जरूरत के मुताबिक आवश्यक चिकित्सा भी मुहैया करा दी जाती है। इसी तरह के हालात की कल्पना कीजिये कि मरीज किसी दुर्घटना या आपात स्थिति के चलते एम्बुलेंस में है और उसके लिए एक एक पल कीमती है। वर्तमान में एम्बुलेंस में पैरा मेडिक्स और बुनियादी सुविधाएं होती हैं, जिनकी मरीज की मदद करने की एक सीमा है। 5जी लागू होने के बाद उसी एम्बुलेंस से मरीज की हालत की रियल टाइम जानकारी अस्पताल में बैठे डॉक्टर को मिल रही होगी, जिसकी एनालिसिस कर वो परिस्थिति के अनुसार पैरामेडिक्स को निर्देश दे रहे होंगे।

ऐसे में इस बात का इंतजार नहीं करना होगा कि मरीज अस्पताल पहुंचे तभी उसका वास्तविक इलाज शुरू हो बल्कि एम्बुलेंस में ही उसे जरूरी इलाज मिलना शुरू हो चुका होगा। ऐसे में रियल टाइम जानकारी मिलने के चलते अस्पताल में बैठे डॉक्टर्स की टीम मरीज की स्थिति के अनुसार उसके पहुंचने से पहले ही आवश्यक तैयारियां कर चुके होंगे। इस महत्वपूर्ण तथ्य को इसी बात से समझा जा सकता है कि एम्बुलेंस में पहुंचते ही मरीज सीधे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में होगा, जो उसकी जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है।

हाल ही में एयरटेल ने अपोलो हॉस्पिटल्स और सिस्को के साथ मिलकर 5जी कनेक्टेड एम्बुलेंस का प्रदर्शन किया। यह एम्बुलेंस अत्याधुनिक 5जी-कनेक्टेड एम्बुलेंस लेटेस्ट चिकित्सा उपकरण, रोगी निगरानी एप्लीकेशन्स और टेलीमेट्री उपकरणों से सुसज्जित है जो रोगी के स्वास्थ्य डेटा को वास्तविक समय में अस्पताल तक पहुंचाती है।

इसके अलावा, यह एम्बुलेंस ऑनबोर्ड कैमरा, कैमरा-आधारित हेडगियर और पैरामेडिक स्टाफ के लिए बॉडी कैम से भी लैस है। यह सभी उपकरण अल्ट्रा-फास्ट और लो लेटेंसी एयरटेल 5जी नेटवर्क से जुड़े रहते हैं। "5जी एक परिवर्तनकारी तकनीक है और स्वास्थ्य सेवा 5जी के लिए सबसे आशाजनक उपयोग के मामलों में से एक है। अध्ययनों से पता चलता है कि अस्पताल के लिए बढ़ी हुई यात्रा की दूरी मृत्यु दर के बढ़ते जोखिमों का कारण बनी हुई है। एम्बुलेंस के 5 जी से जुड़े होने पर यह अस्पताल की लगभग सारी सुविधाएं एम्बुलेंस में ही मुहैया कराएगा। 5जी के साथ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस भी अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा, जो डॉक्टर्स को मरीज के क्लीनिकल डायग्नोसिस में लगने वाले समय को बचाएगा ताकि डॉक्टर्स मरीज को उचित इलाज मुहैया कराने के अपना ध्यान केंद्रित कर सकें।इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन में भी 5जी की भूमिका बेहद अहम होने वाली है। 5जी के जरिये मेडिकल शिक्षा संस्थान अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज को एक दूसरे से साझा कर एक दूसरे के पूरक बन सकेंगे।

इससे न केवल सभी मेडिकल संस्थानों के छात्रों की सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसर्स तक पहुंच होगी बल्कि छात्र भी एक दूसरे के साथ रियल टाइम संवाद स्थापित कर एक दूसरे का ज्ञान वर्धन कर सकेंगे।
       
5जी ऐक्सेस करने के लिए नही लेना होगा नया सिम
          
           भारत मे 5जी सेवाएं जल्द शुरू होने वाली हैं। ऐसे में टेलीकॉम यूज़र्स के मन मे कई सवाल हैं जिनका वे जवाब जानना चाहते हैं। इनमें से सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब फिर 4जी की तरह 5जी शुरू होने पर नया सिम लेना होगा। एयरटेल ने 5जी के लिए उस टेक्नोलॉजी को चुना है, जिसके एयरटेल के ग्राहकों को अपना सिम नहीं बदलना होगा और वे अपने वर्तमान सिम पर ही 5जी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। "ज्यादातर एक साल से ज्यादा पुराने स्मार्टफोन में 5G चिपसेट नहीं होता है।  हालाँकि, भारत मे उपलब्ध नए स्मार्टफोन्स में ज्यादातर 5जी सक्षम हैं।  यदि आप एक नया स्मार्टफोन खरीद रहे हैं, तो जांच लें कि यह 5जी सक्षम है या नहीं। फोन की 5G सेटिंग चालू करें। अपने फ़ोन पर 5जी सक्षम करने के लिए, सेटिंग टैब पर जाएं और कनेक्शन या मोबाइल नेटवर्क पर जाएं।  आपको 4जी या एलटीई के अलावा 5जी चुनने का विकल्प दिखेगा।  उस मोड का चयन करें और आप 5जी सेवाओं का उपयोग करने के लिए तैयार हैं।"


         कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र 'दयालु', पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, शतरूद्र प्रकाश, विधायक सुनील पटेल, पूर्व विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, भारती एयरटेल के राकेश मित्तल वाइस चेयरमैन, शाश्वत शर्मा डायरेक्टर कंज्यूमर बिजनेस, सुनील तलदार डायरेक्टर मार्केट ऑपरेशंस सहित एडीजी जोन, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन कर लिया बाबा का आशीर्वाद


        तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन कर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों एवं श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक दशा में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया करायी जाय।

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