घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रोक लगाए सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना,
वाराणसी ;- ग्राहकों के हक का सिलेंडर व्यावसायियों और असामाजिक तत्वों के पास जा रहा है। ग्राहकों के अधिकार वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है, जब कि व्यावसायिक सिलेंडर पर 18 प्रतिशत । घरेलू सिलेंडर व्यावसायिक उपयोग के लिए लेने पर सीधे 13 प्रतिशत जीएसटी की चोरी होती है। इस प्रकार से जीएसटी की चोरी करके सरकार को करोड़ों रूपयें का चुना लगाया जा रहा है। जिसे तुरंत रोकने की जरूरत है।
वाराणसी दि. 16.01.2024 ग्राहक दक्षता कल्थान फॉउडेशन यह हमारी संयमसेवी संस्था है। जो की ग्राहको के हीत, मान-समान और सुरक्षा के लिए जनजागृती करती है। महाराष्ट्र राज्य में घरेलू सिलेंडरो का अवैध इस्तेमाल पर बड़े पैमाने पर रोख लगाने हेतू हमारी संस्था को सफलता मिल रही है। इसी के चलते यहा जबलपूर मध्यप्रदेश में ऐसे ही ज्यंलत और रोजाना अपने जीवन में उपयोगी आने वाले घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिश्वानों पर रोक लगाए, सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना इस विषय पर में ग्राहक दक्षता कल्यान फॉउडेशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन ओळंके विस्तार से वार्ता करते है।
व्यावसायिक सिलेंडरों के अनाप शनाप दाम बढ़ने के कारण व्यायसायिक प्रतिष्ठानों ने 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर का उपयोग शुरू कर दिया है। कई जगह पर तो सीधे 19 किलो के व्यावसायिक सिलेंडर में 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडरों की गैस पलटी की जा रही है। इतना ही नहीं तों वाहनों में भी अब घरेलू सिलेंडरों की भी उपयोग हो रहा है, जो कि एक गंभीर समस्या है। सिलेंडरों के अवैध उपयोग से किसी दिन बड़ा धमाका होने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बाजार में थोड़े से अधिक पैसे देने पर घरेलू सिलेंडर आसानी से ब्लैक में मिल जाता है। कुछ गॅस एजन्सीयां तो डमी ग्राहकों के नाम पर तेल कंपनियों से ज्यादा सिलेंडर खरीदकर कालाबाजारी कर रहे हैं। थोडे से अधिक पैसे देकर सिलेंडरों को अपने पास जमा कर उसे अधिक पैसे में बाजार में बचने के लिए एकत्र किया जाता है, इसके उपर भी किसी नियंत्रको का ध्यान नही जा रहा है। फलस्वरूप एक ओर सिलेंडरों के दाम तेजी से इजाफा हो रही है और जिससे गैस के दाम में बढ़ने के कारण सामान्य और गरीब लोग संभल कर गॅस सिलेंडर का उपयोग कर रहे है। फिलहाल एक परिवार दो से तीन माह तक एक सिलेंडर का उपयोग कर रहे है। तेल कंपनियों ने मार्केटिंग का नया पैंतरा अपनाकर ग्राहको के नाम पर ऑटो बुकींग करके डिलरो के माध्यम से उनके घर तक पहुँचाना शुरू कर दिया है।
सिलेंडर बुक न करने के कारण ग्राहक वह सिलेंडर नहीं लेते, और ऐसे ही सिलेंडरों को ब्लैक में बेचा जाता है। इस तरीके से गैस एजेन्सियाँ सिलेंडर की कालाबाजारी कर रहे हैं। थोडे से पैसे के लिए एलपीजी गॅस वाहनों में भर कर कुछ लोग अपनी और दुसरों की जान को धोखे में डाल रहे हैं। एक टिल्लू पंप और सामान्य पाइप की मदद से एलपीजी गॅस वाहनों में डाली जाती है। सबसे गंभीर बात यह है की, कितनी गॅस भरी गई है यह देखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक
[1/18, 12:45] DDU S.B.Singh: काटे का इस्तेमाल भी किया जाता है। व्यावसायिक सिलेण्डरों की तुलना में घरेलू सिलपॅडरो के दाम कम होते है। लेकिन भविष्य में वाहनों में घरेलू सिलेंडर की एलपीजी भरना महंगा हो सकता है। घरेलू सिलेंडर घर पर खाना बनाने के उद्देश्श्य से तैयार किए जाते हैं। फीर भी घरेलू, सिलेंडरो का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर उपयोग हो रहा है। शहर में वितरको व्दारा दुपयों वाहन से घरेलू सिलेंडर को ग्राहको तक पहुंचाया जा रहे है। जो की नियम का उलघन है। घरेलू सिलेंडर घर पर खाना बनाने के उद्देश्श्य से तैयार किए जाते हैं। फीर भी घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर उपयोग हो रहा है।
LPG वाहन धारक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से विनंती: पेट्रोल, डिजल और अन्य इंधन से
कीफायती और प्रदूक्षण विरहीत इंधन है। जिस वजह से ज्यादातर पब्लीक यातायात के वाहान LPG इंधन पर है। परतु हमरी LPG वाहन धारको से बिनंती है की वे अधिकृत Auto LPG पंप से ही अपने वाहनो में LPG भराऐ। और जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर LPG सिलेंडर की उपयोग है वहा पर 19 kg व्यावसायिक 18 प्रतिशत GST के पक्के बिलवाले LPG सिलेंडर का ही इस्तेमाल करें।
सिलेंडर
कई गैस एजन्सीया ग्राहक को LPG से भरे सिलेंडर का वजन और खली सिलेंडर का वजन भी तोलकर नही देते। ग्राहको ने वजन कर के लिया भी तो उनको गैस कम मिल रहा है। ऐसे में ग्राहक अगर शिकायत करे तो उन्हें डराया जाता। इस वजह से ग्राहाक भी शिकायत नहीं करता। जिस का फायदा गैस डीलेवरी करने वाले हॉकर और गैस वितरक करके कालाबाजारी कर रहे है। इस मुदों पर विधिक मापविज्ञान नियंत्रक ने ध्यान देकर उचित कार्यवाही करनी चाहीए ।
गॅस सिलेंडर लेते वक्त की सावधानियाँ:-
• घरेलू सिलेंडर लेते वक्त उसकी सील साबूत है, यह सुनिश्चित कर लें।
खाली और भरे हुए सिलेंडर का वजन जांच लें।
सिलेंडर लीक तो नहीं है को चेक कर लें ।
वाराणसी ;- सिलेंडर उठाने के लिए दी गई जगह पर तीन पट्टीयों होती है। जिनमे से एक पट्टी पर सुरक्षा जांच का वर्श लिखा होता है। उदा. A-30,B-30,C-30,D-30 (A-Jan to March, B-April to June, C-July to Sep, D- Oct to Dec)
सरकार को करोड़ों रुपयों का चुनाः-
वाराणसी ;- ग्राहकों के हक का सिलेंडर व्यावसायियों और असामाजिक तत्वों के पास जा रहा है। ग्राहकों के अधिकार वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है, जब कि व्यावसायिक सिलेंडर पर 18 प्रतिशत । घरेलू सिलेंडर व्यावसायिक उपयोग के लिए लेने पर सीधे 13 प्रतिशत जीएसटी की चोरी होती है। इस प्रकार से जीएसटी की चोरी करके सरकार को करोड़ों रूपयें का चुना लगाया जा रहा है। जिसे तुरंत रोकने की जरूरत है।
[1/18, 12:45] DDU S.B.Singh: जांच करके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए। साथ ही राज्य के सभी (OCL, BPCL, HPCL कंपनियों की एजेंसियों का बर्ड पार्टी ऑडिट किया जाना चाहिए। IOCL, BPCL, HPCL कंपनियों के ग्राहकों का हर साल केवायसी की प्रकिया किया जाना चाहिए। जिन ग्राहकों ने केवायसी किया है, उनके पंजिकृत मोबाईल नंबर पर बुकींग करने के बाद ओटीपी आने चाहिए। सिलेंडर डिलिवरी करते वक्त ओटीपी डालने पर ही बिल जनरेट हो, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। डिलिवरी ऑबॅटिकेषन कोड (डीएसी) लागू करके इसका सख्ती से पालन होना जरूरी है। या फीर जिस तरह से आपूर्ती विभाग व्दारा बायोमैटीक प्रणाली से अनाज का वितरण हो रहा है, ठिक उसी तरह घरेलू सिलेंडर का वितरण करणे की प्रणली तयार की जाये। सरकार ने इस ओर ध्यान दिया गया तो निर्दोश ग्राहको की बली नहीं चढ़ेगी।
कठोर सजा का प्रावधान हो : घरेलू सिलेंडर का दुरूपयोग करने पर जीवनावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 के अनुसार मामला दर्ज करके 6 माह की जेल या 20 हजार रूपये जुर्माने का प्रावधान है। अवैध रूप से सिलेंडर का उपयोग रोकने के लिए प्रमुख पुलिस अधिकारी, आपूर्ती अधिकारी, सरकारी तेल कपंनी के बिकी अधिकारी, उपप्रादेशीक परीवहन अधिकारी, उपनियंत्रक, साय्यक नियंत्रक अधिकारी के पास अधिकार है। इसके बावजुद घरेलू सिलेंडरो के दुरुपयोग के मामले को रोकने में सफलता नहीं मिल रही है, बल्कि इसके विपरीत ये मामले बढ ही रहे है। सरकारी राजस्व की, जन सामान्य की संपत्ती का नुकसान हो रहा है। इसका ध्यान रखना चाहिए। अतः हमारी माँग है कि अवैध सिलेंडरो के उपयोग पर 5 वर्ष की जेल और 1 लाख रूपये जुर्माने का कठोर प्रावधान हो। जिससे घरेलू सिलेंडरों का दुरूपयोग करने वालों में डर पैदा हो।
नागरिकों से अपील-हमारी नागरिकों से यही अपील है की हमें तुरंत जागरूक होना होगा। नागरिकों को ऑटोरिक्शा, कार या अन्य वाहनों में अवैध रूप से घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग करने वालों को इसका नुकसान बताने होंगे। कोई भी अनियमितता होती देखें तो पुलिस व अन्न आपूर्ती विभाग को सुचित करें। तभी हम किसी बडी हानि को टाल सकते है। जागरूक नागरिक इसमें बड़ी संख्या में सहभागी हो सकते हैं। इस पत्रपरिषद में शुभम रंगारी और
घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रोक लगाए सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना,
वाराणसी दि. 16.01.2024 ग्राहक दक्षता कल्यान फॉउडेशन यह हमारी संयमसेवी संस्था है। जओ की ग्राहकों के हीत, मान-समान और सुरक्षा के लिए जनजागृती करती है। महाराष्ट्र राज्य में घरेलू सिलेंडरों का अवैध इस्तेमाल पर बड़े पैमाने पर रोख लगाने हेतू हमारी संस्था को सफलता मिल रही है। इसी के चलते यहा जबलपूर मध्यप्रदेश में ऐसे ही ज्वंलत और रोजाना अपने जीवन में उपयोगी आने वाले घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनों और व्यावसायिक प्रतिश्ठानों पर रोक लगाए, सरकार को करोडो का नुकसान और धमाका होने कि संभावना इस विषय पर में ग्राहक दक्षता कल्यान फॉउडेशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन सोळंके विस्तार से वार्ता करते है।
व्यावसायिक सिलेंडरों के अनाप शनाप दाम बढ़ने के कारण व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडर का उपयोग शुरू कर दिया है। कई जगह पर तो सीधे 19 किलो के व्यावसायिक सिलेंडर में 14.2 किलो के घरेलू सिलेंडरों की गैस पलटी की जा रही है। इतना ही नही तो बाहनों में भी अब घरेलू सिलेंडरों की भी उपयोग हो रहा है, जो कि एक गंभीर समस्या है। सिलेंडरों के अवैध उपयोग से किसी दिन बड़ा धमाका होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बाजार में योडे से अधिक पैसे देने पर घरेलू सिलेंडर आसानी से ब्लैक में मिल जाता है। कुछ गॅस एजन्सीयां तो डमी ग्राहकों के नाम पर तेल कंपनियों से ज्यादा सिलेंडर खरीदकर कालाबाजारी कर रहे हैं। योडे से अधिक पैसे देकर सिलेंडरों को अपने पास जमा कर उसे अधिक पैसे में बाजार में बचने के लिए एकत्र किया जाता है, इसके उपर भी किसी नियंत्रको का ध्यान नहीं जा रहा है। फलस्वरूप एक ओर सिलेंडरों के दाम तेजी से इजाफा हो रही है और जिससे गैस के दास से बढ़ने के कारण सामान्य और गरीब लोग संभल कर गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे है। फिलहाल एक परिवार दो से तीन माह तक एक सिलेंडर का उपयोग कर रहे है। तेल कंपनियों ने मार्केटिंग का नया पैंतरा अपनाकर ग्राहको के नाम पर ऑटो बुकींग करके डिलरो के माध्यम से उनके घर तक पहुँचाना शुरू कर दिया है।
सिलेंडर बुक न करने के कारण ग्राहक वह सिलेंडर नहीं लेते, और ऐसे ही सिलेंडरों को ब्लैक में बेचा जाता है। इस तरीके से गैस एजेन्सियाँ सिलेंडर की कालाबाजारी कर रहे हैं। थोडे से पैसे के लिए एलपीजी गॅस वाहनों में भर कर कुछ लोग अपनी और दूसरों की जान को धोखे में डाल रहे हैं। एक टिल्लू पंप और सामान्य पाइप की मदद से एलपीजी गॅस वाहनों में डाली जाती है। सबसे गंभीर बात यह है की, कितनी गॅस भरी गई है यह देखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक काटे का इस्तेमाल भी किया जाता है। व्यावसायिक सिलेण्डरों की तुलना में घरेलू सिलण्डरो के दाम कम होते हैं। लेकिन भविष्य में वाहनों में घरेलू, सिलेंडर की एलपीजी भरना महंगा हो सकता है। घरेलू सिलेंडर घर पर खाना बनाने के उद्देश्श्य से तैयार किए जाते हैं। फीर भी घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर उपयोग हो रहा है। शहर में वितरको कारा दुपयों वाहन से घरेलू सिलेंडर को ग्राहको तक पहुंचाया जा रहे है। जो की नियम का उलपन है। घरेलू सिलेंडर घर पर खाना बनाने के उद्देश्य से तैयार किए जाते हैं। फीर भी घरेलू सिलेंडरों का इस्तेमाल अनियंत्रित वाहनो और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर उपयोग हो रहा है।
LPG वाहन धारक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से विनंती पेट्रोल, डिजल और अन्य इंधन से कीफायती और प्रदूक्षण विरहीत इंधन है। जिस वजह से ज्यादातर पब्लीक यातायात के वाहान LPG इंधन पर है। परतु हमरी LPG वाहन धारको से विनंती है की वे अधिकृत Auto LPG पंप से ही अपने वाहनों में LPG भराऐ। और जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर LPG सिलेंडर की उपयोग है वहा पर 19 kg व्यावसायिक 18 प्रतिशत GST के पक्के बिलवाले LPG सिलेंडर का ही
इस्तेमाल करे। सिलेंडर को तौल कर नहीं दीया जाताः-
कई गैस एजन्सीया ग्राहक को LPG से भरे सिलेंडर का वजन और खली सिलेंडर का वजन भी तोलकर नहीं देते। ग्राहको ने वजन कर के लिया भी तो उनको गैस कम मिल रहा है। ऐसे में ग्राहक अगर शिकायत करे तो उन्हे डराया जाता। इस वजह से ग्राहाक भी शिकायत नहीं करता। जिस का फायदा गैस डीलेवरी करने वाले हॉकर और गैस वितरक करके कालाबाजारी कर रहे है। इस मुदों पर विधिक मापविज्ञान नियंत्रक ने ध्यान देकर उचित कार्यवाही करनी चाहीए।
गैस सिलेंडर लेते वक्त की सावधानियाँ:-
• घरेलू सिलेंडर लेते बक्त उसकी सील साबूत है, यह सुनिश्चित कर लें।
• खाली और भरे हुए सिलेंडर का वजन जांच लें।
• सिलेंडर लीक तो नहीं है को चेक कर लें ।
सिलेंडर उठाने के लिए दी गई जगह पर तीन पट्टीयों होती है। जिनमे से एक पट्टी पर सुरक्षा जांच का वर्श लिखा होता है। उदा.A-30,B-30,C-30,D-30 (A-Jan to March, B-April to June, C-July to Sep, D- Oct to Dec)
सरकार को करोड़ों रूपयों का चुनाः-
ग्राहकों के हक का सिलेंडर व्यावसायियों और असामाजिक तत्वों के पास जा रहा है। ग्राहकों के अधिकार वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगती है, जब कि व्यावसायिक सिलेंडर पर 18 प्रतिशत । घरेलू सिलेंडर व्यावसायिक उपयोग के लिए लेने पर सीधे 13 प्रतिशत जीएसटी की चोरी होती है। इस प्रकार से जीएसटी की चोरी करके सरकार को करोड़ों रूपये का चुना लगाया जा रहा है। जिसे तुरंत रोकने की जरूरत है।
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