शशांक शेखर त्रिपाठी की मांग नूपुर शर्मा प्रकरण में टिप्पड़ी करने ले जज के खिलाफ सरकार लाये महाभियोग

Varanasi उच्चतम न्यायालय के नूपुर शर्मा के संदर्भ में दिए गए बयान की निंदा करते हुए दोनों संबंधित जजों पर महाभियोग की मांग। प्रकाश नार्थ नूपुर शर्मा के विषय पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जो गैर वाजिब टिप्पणी की गई उस के संदर्भ में नूपुर नूपुर शर्मा की तरफ से अथवा विधि के मूल सिद्धांत की ओर से भी इन प्रश्नों पर गौर किया जाना संवैधानिक मूल्यों के अनुकूल होगा

शशांक  शेखर त्रिपाठी की मांग नूपुर शर्मा प्रकरण में टिप्पड़ी करने ले जज के खिलाफ सरकार लाये महाभियोग

 varanasi नूपुर शर्मा  विषय पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जो गैर वाजिब टिप्पणी की गई उस के संदर्भ में नूपुर नूपुर शर्मा की तरफ से अथवा विधि के मूल सिद्धांत की ओर से भी इन प्रश्नों पर गौर किया जाना संवैधानिक मूल्यों के अनुकूल होगा   
नूपुर शर्मा ..सुप्रीम कोर्ट ये पेटिसन लेकर गयी थी...कि उनके खिलाफ देश भर मे दर्ज FIR को एक जगह कर दिया जाये ताकि एक ही तथ्य या दर्ज मुकदमें का सामना कर सकें।
परंतु  जजो ने क्या किया ?
न्यायालय के सामने प्रश्न क्या था ?
क्या नूपुर शर्मा के विरुद्ध दर्ज विभिन्न FIR को एक जगह पर सुनवाई के लिए एकत्रित करना न्यायोचित है या नहीं ??
नूपुर शर्मा अपने को निर्दोष घोषित करवाने नहीं गयी थी ..न्यायालय ! क्लबिंग आफ FIR के लिये गयी थी ??
रंतु ..जजों ने क्या टिप्पणी करना शुरू कर दिया ?
उस टिप्पणी की सामने आये केस से क्या सुसंगतता है ?…
 Varanasi उच्चतम न्यायालय के नूपुर शर्मा के संदर्भ में दिए गए बयान की निंदा करते हुए दोनों संबंधित जजों पर महाभियोग की मांग

 नूपुर शर्मा के विषय पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जो गैर वाजिब टिप्पणी की गई उस के संदर्भ में नूपुर नूपुर शर्मा की तरफ से अथवा विधि के मूल सिद्धांत की ओर से भी इन प्रश्नों पर गौर किया जाना संवैधानिक मूल्यों के अनुकूल होगा

नूपुर शर्मा ..सुप्रीम कोर्ट ये पेटिसन लेकर गयी थी...कि उनके खिलाफ देश भर मे दर्ज FIR को एक जगह कर दिया जाये ताकि एक ही तथ्य या दर्ज मुकदमें का सामना कर सकें।
परंतु  जजो ने क्या किया ?
न्यायालय के सामने प्रश्न क्या था ?
क्या नूपुर शर्मा के विरुद्ध दर्ज विभिन्न FIR को एक जगह पर सुनवाई के लिए एकत्रित करना न्यायोचित है या नहीं ??
नूपुर शर्मा अपने को निर्दोष घोषित करवाने नहीं गयी थी ..न्यायालय ! क्लबिंग आफ FIR के लिये गयी थी ??
परंतु ..जजों ने क्या टिप्पणी करना शुरू कर दिया ?
उस टिप्पणी की सामने आये केस से क्या सुसंगतता है ??
देश से माफी मांगने की सलाह देना..और माफी मांग लेने से ...उन पर दर्ज मामले खत्म हो जायेंगे क्या ??
क्या जबाब है ??
न अपराध के दुष्प्रेरण के सिद्धांत की चर्चा ,  न प्रकोपन के सिद्धांत की चर्चा ..सीधे ..उदयपुर व अन्य जगह पर  हत्याओं व हिंसा के लिये नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहरा देना कौन सा न्यायिक/ विधिक सिद्धांत है ??
क्या कोई जांच रिपोर्ट ...कोई सबूत न्यायालय के सामने थे कि देश में होने वाली हिंसा में नूपुर शर्मा का हाथ था ??
गैर विधिक संकल्पनाओं पर न्यायालय अब निर्णय देंगे ??
विधिक सिद्धांतो पर निर्णय होगा कि हिंसक भीड़ के दबाब में ??
मामले को संवैधानिक पीठ में भेजा जाना चाहिए या विधान मंडल को हस्तक्षेप करना चाहिए ! माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा नूपुर शर्मा के संदर्भ में रिट याचिका से हटकर अपने संवैधानिक दायित्वों से इधर जाकर न्यायपालिका की गरिमा के प्रतिकूल व्यवहार माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा किया गया है यह किसी भी परिस्थिति में सभ्य समाज द्वारा स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है परिस्थितियां चाहे जो भी रही हो बयान चाहे जैसा भी दिया गया हो वह सही या गलत इस परिप्रेक्ष्य में मैं नहीं जाता हूं परंतु सैकड़ों हत्याओं को मात्र एक बयान से सही ठहराने की जो कुछ कुत्सित चेस्टा   माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई है उसकी मेरे द्वारा घोर निंदा की जाती है । तथा संबंधित जज के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही अमल में लाए जाने की मांग की जा रही है विदित हो कि माननीय उच्चतम न्यायालय के जज जे बी  पारदीवाला के पिता कांग्रेस से विधायक रहे और कांग्रेसी मानसिकता का परिचय देते हुए जज साहब ने भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत जाकर आदेश दिया है जो कि निंदनीय है


मिडिया में प्रेस  विज्ञप्ति भेजकर शशांक शेखरत्रिपाठी  ने यह जानकारी दी है | 

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