विद्यार्थी केन्द्रित शैक्षणिक परिवेश में शिक्षकों की भूमिका है महत्वपूर्ण:- प्रो० पी० के० मिश्रा।
वाराणसी, 2 अगस्त: एस०एम०एस० वाराणसी में सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस सात दिवसीय एफ०डी०पी० का मुख्य विषय एडवांस्ड एनालिटिकल टूल्स फॉर इफेक्टिव रिसर्च है। सात दिवसीय एफ.डी.पी. के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि आई०आई०टी० (बी०एच०यू०) के प्रोफेसर पी० के० मिश्रा व विशिष्ट अतिथि गुरु गोविंद सिंह इद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय की प्रो० पूजा खत्री उपस्थित थीं। अतिथियों का स्वागत करते हुए एस०एम०एस० वाराणसी के निदेशक प्रो. पी. एन. झा ने कहा कि इस सात दिवसीय एफ. डी. पी. को बेहतर शिक्षण व अनुसंधान के मद्देनजर तैयार किया गया है। इससे शिक्षकों को तेजी से बदलते शैक्षणिक परिदृश्य से तादात्म्य बैठाने में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि एक अच्छे शिक्षक को अध्यापन के साथ साथ शोध परक दृष्टि को भी विकसित करना चाहिए। एफ०डी०पी० के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए प्रो० झा ने कहा कि शोध में डेटा का सही तरह से उपयुक्त टूल के माध्यम से विश्लेषण करना अपरिहार्य है। इस एफ०डी०पी० से निःसंदेह शिक्षक और शोधार्थियों में शोध को सही दिशा में करने में मदद मिलेगी।
विद्यार्थी केन्द्रित शैक्षणिक परिवेश में शिक्षकों की भूमिका है महत्वपूर्ण:- प्रो० पी० के० मिश्रा।
वाराणसी, 2 अगस्त: एस०एम०एस० वाराणसी में सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस सात दिवसीय एफ०डी०पी० का मुख्य विषय एडवांस्ड एनालिटिकल टूल्स फॉर इफेक्टिव रिसर्च है। सात दिवसीय एफ.डी.पी. के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि आई०आई०टी० (बी०एच०यू०) के प्रोफेसर पी० के० मिश्रा व विशिष्ट अतिथि गुरु गोविंद सिंह इद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय की प्रो० पूजा खत्री उपस्थित थीं। अतिथियों का स्वागत करते हुए एस०एम०एस० वाराणसी के निदेशक प्रो. पी. एन. झा ने कहा कि इस सात दिवसीय एफ. डी. पी. को बेहतर शिक्षण व अनुसंधान के मद्देनजर तैयार किया गया है।
इससे शिक्षकों को तेजी से बदलते शैक्षणिक परिदृश्य से तादात्म्य बैठाने में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि एक अच्छे शिक्षक को अध्यापन के साथ साथ शोध परक दृष्टि को भी विकसित करना चाहिए। एफ०डी०पी० के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए प्रो० झा ने कहा कि शोध में डेटा का सही तरह से उपयुक्त टूल के माध्यम से विश्लेषण करना अपरिहार्य है। इस एफ०डी०पी० से निःसंदेह शिक्षक और शोधार्थियों में शोध को सही दिशा में करने में मदद मिलेगी।
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