मेरे कामों की परीक्षा है विकसित भारत संकल्प यात्रा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

वाराणसी, 17 दिसंबर। विकसित भारत संकल्प यात्रा मेरे कामों की परीक्षा है। सरकार की ओर से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक हमें लाभार्थियों के जरिए मिल रहा है, इससे संतोष तो मिलता ही है, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ता है। विकसित भारत संकल्प यात्रा भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने का बीज है, जो अगले 25 साल में वटवृक्ष बनकर तैयार हो जाएगा। भारत विकसित हो जाएगा तो तमाम मुसीबतों का नामो निशान नहीं होगा। हम मुसीबतों से मुक्त हो जाएंगे।

मेरे कामों की परीक्षा है विकसित भारत संकल्प यात्रा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मेरे कामों की परीक्षा है विकसित भारत संकल्प यात्रा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

- वाराणसी में प्रधानमंत्री ने विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम को किया संबोधित 

- बोले प्रधानमंत्री - विकसित भारत का बीज है ये संकल्प यात्रा, 25 साल में बन जाएगा वटवृक्ष 

- कहा- योजनाओं के लाभार्थियों को सुनकर बढ़ता है आत्मविश्वास 

- महादेव के आशीर्वाद से देश के काम में कभी पीछे नहीं रहूंगा : मोदी 

वाराणसी, 17 दिसंबर। विकसित भारत संकल्प यात्रा मेरे कामों की परीक्षा है। सरकार की ओर से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक हमें लाभार्थियों के जरिए मिल रहा है, इससे संतोष तो मिलता ही है, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ता है। विकसित भारत संकल्प यात्रा भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने का बीज है, जो अगले 25 साल में वटवृक्ष बनकर तैयार हो जाएगा। भारत विकसित हो जाएगा तो तमाम मुसीबतों का नामो निशान नहीं होगा। हम मुसीबतों से मुक्त हो जाएंगे। ये बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को यहां कटिंग मेमोरियल ग्राउंड में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा (शहरी क्षेत्र) के दौरान कही। उन्होंने काशीवासियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि मैं आपके सेवक के नाते तो कार्य करूंगा ही, मगर आपने जो देश का काम दिया है उसमें भी महादेव के आशीर्वाद से कभी पीछे नहीं रहूंगा। 

विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के सांसद के नाते मेरा भी दायित्व बनता है कि मुझे भी इस कार्यक्रम में आपके सेवक के रूप में आपकी हिस्सा लेना चाहिए। हमारे देश में सरकारें बहुत आई, योजनाएं भी बहुत बनीं, बातें भी बड़ी-बड़ी हुईं। मगर सोचने वाली बात यह है सरकार जो योजना बनाती है, जिसके लिए बनाती है और जिस लक्ष्य के लिए बनाती है क्या वो बिना किसी परेशानी के सही समय पर लाभार्थियों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लिए जनता को सरकार के नहीं बल्कि सरकार को जनता के पास पहुंचना होगा। इसी संकल्प के साथ विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरे देश में चलाई जा रही है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए हमने तय किया कि सरकार लाभार्थियों से जाकर मिलेगी और उनसे उनके अनुभव पूछेगी। इससे हमारे कामों का हिसाब-किताब भी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ये संकल्प यात्रा एक प्रकार से मेरी कसौटी और परीक्षा भी है कि मैंने जो कहा और जो कार्य कर रहा हूं, उसके बारे में जनता क्या कह रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्हें योजनाओं के लाभार्थियों से आशीर्वाद तो मिलता है ही, मगर सरकारी अफसरों का भी आत्मबल बढ़ता है। सरकारी कागजों पर दस्तखत करके योजनाएं लागू करना सरकारी काम होता है मगर जब उस योजना से किसी गरीब को फायदा मिलता है तो अफसर को भी आत्मसंतोष मिलता है। कागज पर काम सरकारी काम है मगर उसके फीडबैक से सरकारी अफसरों को अपने काम का संतोष होने लगा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर 140 करोड़ देशवासी इस संकल्प से भर जाएं कि अब देश को आगे ले जाना है, हर एक की जिंदगी बदलनी है। तो अगले 25 साल में देश विकसित भारत बनके रहेगा। हम आज जो बीज बो रहे हैं, वो अगले 25 साल में वटवृक्ष बन जाएगा। देश विकसित भारत बन जाएगा। इस वट वृक्ष की छाया आपके ही बच्चों को मिलेगी। इसके लिए संकल्प लेना होगा, मन बनाना होगा। मन बन जाएगा तो मंजिल दूर नहीं। विकसित भारत संकल्प यात्रा हम सबका बहुत बड़ा संकल्प है, जिसे हमें सिद्ध करना है। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र दयालू सहित तमाम गणमान्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में योजनाओं के लाभार्थी मौजूद रहे।

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