आज के समाज भगवान श्रीकृष्ण से सीख ले- बापू विशाल दास
वाराणसी - गुजरात के भावनगर जिले से आए हुए संत समाज के द्वारा साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम का आयोजन वाराणसी के माहेश्वरी भवन में किया गया कार्यक्रम में ज्ञानयज्ञ सद्गुरुआश्रम,भावनगर(गुजरात) से आए विशाल दास बापू ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाएँ समाज के हर वर्ग के लिए उपयुक्त हैं। श्री कृष्ण द्वारा प्रदत्त आध्यात्मिक मार्ग ने अनेक दुष्टों व विकारों से ग्रसित लोगों को ईश्वरीय गंतव्य तक ले जाने में सहयोग किया। ईश्वर दर्शन द्वारा वास्तविक धर्म को धारण करते हुए, मानव को वास्तविक धर्म से परिचित करवाया।
वाराणसी - गुजरात के भावनगर जिले से आए हुए संत समाज के द्वारा साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम का आयोजन वाराणसी के माहेश्वरी भवन में किया गया कार्यक्रम में ज्ञानयज्ञ सद्गुरुआश्रम,भावनगर(गुजरात) से आए विशाल दास बापू ने कथा का वाचन करते हुए कहा
कि भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाएँ समाज के हर वर्ग के लिए उपयुक्त हैं। श्री कृष्ण द्वारा प्रदत्त आध्यात्मिक मार्ग ने अनेक दुष्टों व विकारों से ग्रसित लोगों को ईश्वरीय गंतव्य तक ले जाने में सहयोग किया। ईश्वर दर्शन द्वारा वास्तविक धर्म को धारण करते हुए, मानव को वास्तविक धर्म से परिचित करवाया। उन्होंने ने बताया कि भगवान् श्री कृष्ण का जीवन कारागार में जन्म से लेकर अतिम समय तक कठिनाईयों से भरा था,
परन्तु वे विपरीत परिस्थितियों में डटे रहे संघर्षों के चलते उनके महान लक्ष्य से उन्हें च्युत नहीं कर पाई। इसी प्रकार मानव को भी श्री कृष्ण की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए, हर विकट परिस्थिति में अपने महान लक्ष्य से विचलित नहीं होना चाहिए। उपस्थित भक्तों व श्रद्धालुओं ने गुरु के भजन पर जमकर थिरके एवं कार्यक्रम को भक्तिमय कर दिया भागवत कथा में भगवान के जीवन लीला पर का सजीव चित्रण किया गया एक सप्ताह तक चलने वाले भागवत कथा पूर्णाहुति के बाद कार्यक्रम में आए सभी लोग अयोध्या, चित्रकूट, प्रयागराज जैसे पवित्र स्थलों के दर्शन का लाभ लेंगे। भागवत कथा में मुख्य रूप से डी सी पाल सेवानिवृत् तहसीलदार
जगदीशजी पालीवाल (उपाध्यक्षश्री, अखिल भारतीय पालीवाल ब्राह्मण संघ)वल्लभभाई धांधला (पंडितजी)
गौरीशंकरभाई रामशंकरभाई जोष शंभुभाई पंड्या
आचार्य मल्लिकाबहन पिनाकीनभाई नंदलालभाई भगवानभाई हरगोविंदभाई
वजेरामभाई लक्ष्मणभाई दवे
उमीयाशंकरभाई भुराभाई धांधला प्रद्युमनसिंह अगरसिंह राणा
हरपालसिंह नटुभा जाडेजा
इन्द्रजीतसिंह हरीसिंह झाला
ओधवजी प्रभाशंकरभाई पाल इश्वरभाई जेशंकरबारैया
भानुशंकर भुपतभाई भट्ट रहे
संचालन व व्यवस्था रवीन्द्रभाई जानी
अजीतसिंह सरवैया
पारसभाई जानी
हरेशभाई भलाणी ने संयुक्त रूप से किया
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