देव दीपावली तक प्रदूषण मुक्त वातावरण में पर्यटक कर सकेंगे गंगा में नौका विहार
वाराणसी, 6 अक्टूबर। वाराणसी में हो रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के विकास के कार्यों के चलते यहां पर्यटकों की आमद में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। वाराणसी आने वाले सैलानी यहां गंगा में बड़ी संख्या में नौका विहार का भी लुत्फ उठाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की निगरानी में गंगा में चलने वाली डीजल बोट को सीएनजी में तब्दील किया जा रहा है।
देव दीपावली तक प्रदूषण मुक्त वातावरण में पर्यटक कर सकेंगे गंगा में नौका विहार
- सभी डीजल चलित नौकाएं हो जाएंगी सीएनजी में परिवर्तित
- 80 प्रतिशत डीज़ल बोट को सीनजी में किया जा चुका है तब्दील
वाराणसी, 6 अक्टूबर। वाराणसी में हो रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के विकास के कार्यों के चलते यहां पर्यटकों की आमद में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। वाराणसी आने वाले सैलानी यहां गंगा में बड़ी संख्या में नौका विहार का भी लुत्फ उठाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की निगरानी में गंगा में चलने वाली डीजल बोट को सीएनजी में तब्दील किया जा रहा है। इस परियोजना से गंगा में बोटिंग करने वाले पर्यटकों को तेज आवाज और जहरीले धुंए का सामना नही करना पड़ेगा और घाट भी प्रदूषण मुक़्त होंगे। इसके लिए नमो घाट पर दुनिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी बनाया गया है, जो बाढ़ के दौरान भी तैरता हुआ काम करता है।
वाराणसी में डीजल व पेट्रोल से चलने वाली 80 प्रतिशत बोट को अबतक सीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है, जिसकी लगात करीब 29.7 करोड़ रुपये आई है। बची हुई 20 प्रतिशत बोट को देव दीपावली के पहले सीएनजी में परिवर्तित कर लिया जाएगा। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि सीएनजी से चलनी वाली बोट इको फ्रेंडली और करीब 50 प्रतिशत किफ़ायती होती है। डीजल या पेट्रोल इंजन वाली छोटी बड़ी नाव पर करीब 2 से ढाई लाख़ की लागत आती है। गेल इंडिया कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी प्रोजेक्ट के तहत इस काम को करा रही है।
मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि वाराणसी में डीजल से चलने वाली करीब 657 बोट हैं। पीएम ने 7 जुलाई को काशी के दौरे में गंगा नदी में 500 सीएनजी नावों का शुभारंभ किया था। बोट में सीएनजी भरवाने के लिए नमो (खिड़किया) घाट पर पानी में तैरते हुए जेटी पर दुनिया का पहला सीएनजी फिलिंग स्टेशन बनाया गया है। इसकी ख़ासियत ये है की बाढ़ और तेज बहाव में भी नहीं बहेगा, बल्कि पानी के साथ अपने को एडजस्ट कर लेता है।
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