केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 'पुलिस स्मृति दिवस' के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की
इस अवसर पर अपने संबोधन की शुरूआत आज़ादी से अब तक देश की आंतरिक और सीमाओं की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से कहा कि आज भारत दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसकी नींव में शहीदों का बलिदान है और ये देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा। श्री शाह ने कहा कि किसी भी देश की आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा एक सजग पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है। देश की सेवा में लगे सभी कर्मियों में से सबसे कठिन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की होती है, दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, त्यौहार हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मी को अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौका नहीं मिलता।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज 'पुलिस स्मृति दिवस' के उपलक्ष्य पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की
किसी भी देश की आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा एक सजग पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है
मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को बरकरार रखते हुए सख्त कानून बनाये हैं और पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए ‘पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन’ की स्थापना करके विश्व का सर्वश्रेष्ठ आतंकवादरोधी बल बनने की दिशा में काम किया है
पिछले एक दशक में आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद और नस्लीय हिंसा में 65% की कमी आई है
हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आमूलचूल रूप से बदलने के लिए मोदी सरकार 3 नए क्रिमिनल लॉ ला रही है
अंग्रेज़ों के समय के कानूनों की जगह लेने वाले इन 3 नए कानूनों में भारतीयता भी होगी और संविधान की स्पिरिट से हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा भी होगी
पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन, 3 नए कानूनों और ICJS के माध्यम से Criminal Justice System में पारदर्शिता और स्पीड लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सफल होंगे
आज भारत दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, इसकी नींव में वीर शहीदों का बलिदान है और ये देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज 'पुलिस स्मृति दिवस' के उपलक्ष्य पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अऩेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन की शुरूआत आज़ादी से अब तक देश की आंतरिक और सीमाओं की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से कहा कि आज भारत दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसकी नींव में शहीदों का बलिदान है और ये देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा। श्री शाह ने कहा कि किसी भी देश की आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा एक सजग पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है।
देश की सेवा में लगे सभी कर्मियों में से सबसे कठिन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की होती है, दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, त्यौहार हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मी को अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि देश की लंबी भू-सीमा पर जीवन के स्वर्णिम वर्ष अपने परिवार से दूर रहकर देश की सुरक्षा में बिताने और वीरता, शौर्य और बलिदान देकर देश को सुरक्षित रखने का काम हमारे सभी पुलिसबल करते हैं।
श्री शाह ने कहा कि चाहे आतंकवादियों का मुकाबला करना हो, अपराध रोकना हो, भीड़ के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखना हो, आपदाओं औऱ दुर्घटनाओं के समय आम नागरिकों की सुरक्षा करनी हो या कोरोनाकाल जैसे कठिन समय के दौरान पहली पंक्ति में रहकर नागरिकों की सेवा करना हो, हमारे पुलिसकर्मियों ने हर मौके पर अपने आप को साबित किया है। 01 सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक पिछले 1 साल में 188 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
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