ग्राम/शहरी स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर, नौनिहाल हो रहे निहाल उन्हें मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवायें

ग्राम/शहरी स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर, नौनिहाल हो रहे निहाल उन्हें मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवायें

ग्राम/शहरी स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर, नौनिहाल हो रहे निहाल
उन्हें मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवायें
एक दिवसीय कार्यशाला में जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों को किया गया प्रशिक्षित 


वाराणसी, 28 अक्टूबर 2024 
सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर बुधवार व शनिवार को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत छाया एकीकृत ग्राम/शहरी स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस  सत्र आयोजित किये जा रहे हैं। इन सत्रों पर गर्भवती व बच्चों के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन परामर्श, पोषण व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां, माताओं संग बैठकें आदि स्वास्थ्य लाभ की सेवायें प्रदान की जा रही हैं। इसी विषय पर जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सीएमओ  डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।  


सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्राम/शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रों पर ही बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच सुविधायें, परिवार नियोजन परामर्श आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, पोषण सहित मातृ एवं शिशु देखभाल के प्राविधान के लिए एक पहुंच (आउटरीच) गतिविधि है जिसमें प्रशिक्षित एएनएम के द्वारा गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण, एएनसी के शीघ्र पंजीकरण, नियमित एएनसी, पोषण संबंधी सेवायें जैसे बच्चों का वजन, लंबाई और गर्भावस्था के दौरान देखभाल, रेफरल आदि के लिए नियमित सूचना, शिक्षा व संचार (आईइसी) व व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। 


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ ए के मौर्या ने बताया कि छाया एकीकृत ग्राम/शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता  एवं पोषण दिवस में एएनएम द्वारा अपने सत्र पर आने वाले सभी लाभार्थियों को सभी प्रकार की सेवाएं एक ही दिन एक ही जगह पर उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था की गई है। जहाँ गर्भवती को पोषण आहार, देखभाल, गर्भावस्था के खतरे के संकेत, लाभप्रद स्वास्थ्य योजनाओं और संस्थागत प्रसव के बारे में परामर्श व शिक्षित किया जा रहा है। कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र के लिए रेफर किया जाता है। किसी गर्भवती या धात्री को यदि जरूरत होती है तो उन्हें भी सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया जाता है। इसके साथ ही मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। डीआइओ ने बताया कि यू/वीएचएसएनडी सत्र, जहां प्रशिक्षित एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वास्थ्य सुविधायें और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के सहयोग से पोषण व स्वास्थ्य संबंधी सेवायें प्रदान की जा रही हैं। वहीँ यू-विन एप पर डाटा फीडिंग के साथ ही ई-कवच और आरसीएच पोर्टल पर भी नियमित फीडिंग की जा रही है। इस कार्यशाला में प्रत्येक ब्लॉक से एमओआईसी, यूनिसेफ के डीएमसी,  बीपीएम तथा बीसीपीएम ने प्रतिभाग किया।

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