उत्तर प्रदेश ने एयरटेल के एआई-पावर्ड नेटवर्क के साथ स्पैम कॉल और एसएमएस को हमेशा के लिए कहा अलविदा

उत्तर प्रदेश ने एयरटेल के एआई-पावर्ड नेटवर्क के साथ स्पैम कॉल और एसएमएस को हमेशा के लिए कहा अलविदा

उत्तर प्रदेश ने एयरटेल के एआई-पावर्ड नेटवर्क के साथ स्पैम कॉल और एसएमएस को हमेशा के लिए कहा अलविदा

- एयरटेल के सभी ग्राहकों के लिए निःशुल्क सेवा, सभी डिवाइसों पर स्वचालित रूप से की गई सक्रिय

वाराणसी: भारती एयरटेल ने अपनी एआई-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सिस्टम के जरिए उत्तर प्रदेश में अपने ग्राहकों को बड़ी राहत पहुंचाई है। लॉन्च के पहले 7 दिनों में ही, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने अपनी इस नई सेवा से उत्तर प्रदेश में 112 मिलियन संभावित स्पैम कॉल्स और 6 लाख एसएमएस की पहचान करने में सफलता हासिल की है।
यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त है और एयरटेल के सभी ग्राहकों के लिए इसे अपने आप एक्टिवेट कर दिया गया है। इसके लिए उन्हें न तो कोई अनुरोध करना पड़ेगा और न ही कोई एप डाउनलोड करने की जरूरत है।


 
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, भारती एयरटेल, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री सोवन मुखर्जी ने कहा, "आज के डिजिटल युग में, जहां धोखाधड़ी और ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं, स्पैम कॉल्स और संदिग्ध टेक्स्ट संदेशों का खतरा एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इन खतरों से निपटने के लिए एयरटेल ने उत्तर प्रदेश में अपने ग्राहकों के लिए एआई-पावर्ड सेवा पेश की है, जो उन्हें अनचाही परेशानियों से बचाने में सक्षम है। इस अत्याधुनिक तकनीक ने 55 मिलियन एयरटेल ग्राहकों को सशक्त बनाया है, जिससे वे शांति के साथ अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस सेवा के माध्यम से, एयरटेल ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति अपनी वचनबद्धता को और मजबूत किया है। यही विशेषता एयरटेल को राज्य के अन्य टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स से अलग बनाती है। इस एआई-पावर्ड सेवा को एयरटेल के सिस्टम में किसी ऐप डाउनलोड करने या जटिल सेटअप की जरूरत के बिना ही आसानी से जोड़ा गया है, ताकि उपयोगकर्ता इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें और इसका लाभ उठा सकें।"
एयरटेल के डेटा वैज्ञानिकों द्वारा इस एआई-सक्षम सेवा को बनाने में एक विशेष एल्गोरिद्म का उपयोग किया गया है, जो कॉल और एसएमएस को "सस्पेक्टेड स्पैम" के रूप में पहचानता है। नेटवर्क, एआई एल्गोरिद्म की मदद से, रियल-टाइम में यह मॉनिटर करता है कि किस नंबर से कॉल आ रही है या किसने संदेश भेजे हैं। इसके अलावा, यह कॉल और एसएमएस की संख्या और कितनी देर तक कॉल हुई, इन सबका भी विश्लेषण रखता है। जब यह जानकारी पहले से ज्ञात स्पैम पैटर्न से मिलती है, तो सिस्टम संभावित स्पैम कॉल्स और एसएमएस को सटीक ढंग से पहचान लेता है।
इस सुरक्षा तंत्र में दो स्तर हैं – एक नेटवर्क स्तर पर और दूसरा आईटी सिस्टम स्तर पर। हर एसएमएस या कॉल इस दोहरी सुरक्षा से गुजरती है। यह सॉफ़्टवेयर सिर्फ दो मिलीसेकंड में 1.5 बिलियन मैसेजेज और 2.5 बिलियन कॉल को प्रोसेस करता है, जो असल में एआई की क्षमता से 1 ट्रिलियन रिकॉर्ड्स को रियल टाइम में प्रोसेस करने के बराबर है।
साथ ही, यह समाधान ग्राहकों को एसएमएस के जरिए प्राप्त साइबरक्राइम को अंजाम देने के उद्देश्य से भेजे गए लिंक के बारे में भी सचेत करता है। इसके लिए, एयरटेल ने ब्लैकलिस्टेड यूआरएल का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया है और हर एसएमएस को रीयल-टाइम में एआई एल्गोरिद्म द्वारा स्कैन किया जाता है, ताकि यूजर अनजाने में भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बच सकें। यह समाधान आईएमईआई में बदलाव जैसी गड़बड़ियों का भी पता लगा सकता है, जो अक्सर धोखाधड़ी का संकेत होती हैं। इन सुरक्षा उपायों के जरिए, कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि उसके ग्राहकों को स्पैम और धोखाधड़ी से पूरी तरह सुरक्षा मिले।

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