VDA का एक और कारनामा ट्विन टावर के बाद रत्नाकर पैलेस पहले अवैध निर्माण , फिर सीज , फिर ध्वस्तीकरण , नतीजा निल बटा सन्नाटा
वाराणसी। भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की सपना संजोने वाली योगी सरकार को विकास प्राधिकरण के कारनामो से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है। आये दिन विकास प्राधिकरण के अलग-अलग कारनामे देखने को मिलते है, एक तरफ भूमाफिया जबरदस्ती अवैध निर्माण कराने में सफल हो जाता है तो दूसरी तरफ होटल माफिया अवैध निर्माण पर बेखौफ होटल संचालित करता है और विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी कानून का पाठ पढ़ाने व आदेश निर्देश निर्गत करने तक सीमित रहते हैं, ऐसी ही बानगी सोनारपुरा-शिवाला मार्ग स्थित अवैध निर्माण में देखने को मिल रहा है, जिससे आमजनो में जबरदस्त रोष व्याप्त है।
सीज अनधिकृत निर्माण में संचालित है होटल, विकास प्राधिकरण मूकदर्शक
वाराणसी। भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की सपना संजोने वाली योगी सरकार को विकास प्राधिकरण के कारनामो से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है। आये दिन विकास प्राधिकरण के अलग-अलग कारनामे देखने को मिलते है, एक तरफ भूमाफिया जबरदस्ती अवैध निर्माण कराने में सफल हो जाता है तो दूसरी तरफ होटल माफिया अवैध निर्माण पर बेखौफ होटल संचालित करता है और विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी कानून का पाठ पढ़ाने व आदेश निर्देश निर्गत करने तक सीमित रहते हैं, ऐसी ही बानगी सोनारपुरा-शिवाला मार्ग स्थित अवैध निर्माण में देखने को मिल रहा है, जिससे आमजनो में जबरदस्त रोष व्याप्त है।
विकास प्राधिकरण के कायदे-कानून व आदेश-निर्देश को दरकिनार कर अवैध निर्माण पर संचालित रत्नाकर पैलेस नामक होटल व रेस्टोरेंट को विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी एस.डी. गुप्ता ने मार्च 2016 में सीज कर दिया,
परन्तु होटल माफिया ने जोनल अधिकारी द्वारा जारी आदेश निर्देश को दरकिनार कर बेखौफ होटल का संचालन कर विकास प्राधिकरण को खुली चुनौती दे रहा है और भ्रष्ट नौकरशाह तमाशबीन बने हुए है। पूर्व में भी विकास प्राधिकरण ने शिवाला स्थित लबे सड़क किनारे बन रहे व्यवसायिक मकान की अवैध निर्माण को स्थगित रखने की पूरी कवायद किया था परन्तु कामयाबी न मिलने पर व्यवसायिक मकान को सीज कर दिया था। लेकिन होटल माफियाओं पर विकास प्राधिकरण की कार्यवाही का कोई असर नही हुआ और आज भी जिम्मेदार अफसारान तमाशबीन बने हुए हैं।
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