मीजिल्स-रूबेला आउटब्रेक वाले क्षेत्रों में टीकाकरण पर होगा ज़ोर
वाराणसी, 10 जनवरी 2023 – जनपद में मीजिल्स-रूबेला (एमआर) सहित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा नौ जनवरी से 20 जनवरी तक चलाया जा रहा है । इसमें शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । पखवाड़े से पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मीजिल्स (खसरा) आउटब्रेक वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया है जहां खसरा ग्रस्त रोगी मिले हैं । इन क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये शत-प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण का कार्य पूरा किया जाएगा । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी ।

मीजिल्स-रूबेला आउटब्रेक वाले क्षेत्रों में टीकाकरण पर होगा ज़ोर
नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को लगेगी एमआर की अतिरिक्त डोज़
वाराणसी, 10 जनवरी 2023 – जनपद में मीजिल्स-रूबेला (एमआर) सहित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा नौ जनवरी से 20 जनवरी तक चलाया जा रहा है । इसमें शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । पखवाड़े से पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मीजिल्स (खसरा) आउटब्रेक वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया है जहां खसरा ग्रस्त रोगी मिले हैं । इन क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुये शत-प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण का कार्य पूरा किया जाएगा । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी ।
सीएमओ ने शहरी क्षेत्र के समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन क्षेत्रों में खसरा से ग्रसित बच्चे मिले हैं उन क्षेत्रों में अति प्राथमिकता के आधार शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जाए । इसके अलावा टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को जागरूक कर उनके बच्चों को छूटे हुये टीके से आच्छादित किया जाए । सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की है कि टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है । समय से बच्चों को सभी टीके लगवाएँ जिससे उन्हें भविष्य में होने वाली गम्भीर व जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि शहरी क्षेत्र में बड़ी बाजार, चौकाघाट, आदमपुरा, टाउनहॉल, कोनिया, राजघाट, रामनगर और लल्लापुरा क्षेत्र जहां खसरा के रोगी मिले हैं । इन क्षेत्रों में समस्त नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को एमआर की एक अतिरिक्त डोज़ अनिवार्य रूप से दी जाएगी । उन्होने बताया कि अगर किसी बच्चे का नौ माह पूर्ण हो रहा हो तो उसे नियमित रूप में एमआर-1 लगाई जाएगी ।
अगर किसी बच्चे को एमआर-1 की डोज दिए हुए चार सप्ताह या उससे अधिक समय बीत चुका है तो उसे सत्र पर एमआर अवश्य लगाई जाए। अगर किसी बच्चे का 16 से 24 माह पर एमआर-2 का समय हो रहा है तो उसे नियमित रूप में एमआर-2 की डोज देनी है। अगर किसी बच्चे को एमआर-2 की डोज दिए हुए चार सप्ताह या उससे ज्यादा समय बीत चुका हो और उसकी उम्र पाँच वर्ष से कम है तो उसे भी एक डोज एमआर की अनिवार्य रुप से दी जाएगी।
डॉ निकुंज ने बताया कि बच्चों के टीकाकरण के अलावा क्षेत्र के आसपास घरों में सर्वे कर सभी बच्चों की स्क्रीनिंग की जाएगी । इस दौरान किसी बच्चे में खसरा के संभावित लक्षण दिखते हैं तो उसे तत्काल उपचार किया जाएगा । ठीक होने के बाद सभी बच्चों को एमआर का टीका लगाया जाएगा । इसके साथ ही उन क्षेत्रों में बच्चों के नियमित टीकाकरण के लाभ के बारे में जागरूक भी किया जाएगा ।
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