वाराणसी, 24 जुलाई 2023: दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो (आईटीसीएक्स) 2023 का वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सफलतापूर्वक समापन हुआ।

varanasi;- दुनिया की अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम में 32 देशों और 250 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के लगभग 1098 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य मंदिर इकोसिस्टम के संगठन, प्रबंधन और प्रशासन का समर्थन और उत्थान करना है। हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित विभिन्न धर्मों के भक्ति संस्थानों के प्रतिनिधियों ने 37 सत्रों में भाग लिया, जिसमें 15 मुख्य भाषण, 10 मंदिर वार्ता और 10 से अधिक व्यावहारिक और सम्मेलन में विभिन्न नवाचारों के लॉन्च शामिल थे।

22 से 24 जुलाई तक वाराणसी में आयोजित दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो (आईटीसीएक्स) 2023 मंदिर इकोसिस्टम के लिए नवाचार की क्राँति लाने का माध्यम रहा   


वाराणसी, 24 जुलाई 2023: दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो (आईटीसीएक्स) 2023 का आज वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सफलतापूर्वक समापन हुआ।
दुनिया की अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम में 32 देशों और 250 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के लगभग 1098 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य मंदिर इकोसिस्टम के संगठन, प्रबंधन और प्रशासन का समर्थन और उत्थान करना है। हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित विभिन्न धर्मों के भक्ति संस्थानों के प्रतिनिधियों ने 37 सत्रों में भाग लिया, जिसमें 15 मुख्य भाषण, 10 मंदिर वार्ता और 10 से अधिक व्यावहारिक और सम्मेलन में विभिन्न नवाचारों के लॉन्च शामिल थे।


इसकी परिकल्पना टेम्पल कनेक्ट के संस्थापक गिरेश कुलकर्णी और प्रसाद लाड (अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो 2023 और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य) द्वारा की गई थी। टेम्पल कनेक्ट भारतीय मूल के मंदिरों से संबंधित जानकारी के दस्तावेजीकरण, डिजिटलीकरण और वितरण के लिए समर्पित एक अग्रणी मंच है। आईटीसीएक्स 2023 में श्री मोहन भागवत, प्रमुख- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस); श्री मिलिंद परांडे, महासचिव, विश्व हिंदू परिषद, और श्री सुधांधु त्रिवेदी, राष्ट्रीय प्रवक्ता- भारतीय जनता पार्टी और राज्यसभा सदस्य के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी हिस्सा लिया।


कार्यक्रम के अंतिम दिन, गिरेश कुलकर्णी के अवलोकन भाषण के बाद, दिन का सत्र विश्व हिंदू परिषद के महासचिव श्री मिलिंद परांडे के मुख्य भाषण के साथ शुरू हुआ। इसके साथ ही, सयाली लाड, संस्थापक और सीईओ, वोक्सारा ने मंदिर इकोसिस्टम में साइबर सर्विलांस और टेक्नोलॉजी पर एक विशेष सत्र का नेतृत्व किया। 
इसके बाद श्री सेल्वम अलघप्पन, कार्यकारी निदेशक, चेट्टीनाड हेरिटेज एंड वेलनेस रिसॉर्ट्स द्वारा टेम्पल टूरिज्म और श्री विश्राम देव द्वारा टेम्पल इंफ्रास्ट्रक्चर पर टेम्पल टॉक का आयोजन किया गया।
दोपहर में, मंदिर प्रशासन और प्रबंधन, राजस्थान के मंदिरों पर मुख्य भाषण दिया गया, जिसका नेतृत्व आईएएस प्रज्ञा केवलरमानी ने किया।
कार्यक्रम का समापन श्री गिरेश वी. कुलकर्णी द्वारा आईटीसीएक्स '23 के सारांश, श्री प्रसाद लाड, अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो और विधान परिषद के सदस्य, महाराष्ट्र सरकार के समापन नोट और इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन और एक्सपो की सह-संयोजक और शो निर्देशक मेघा घोष के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। 

प्रति सत्र उद्धरण:
सत्र 1: मंदिर इकोसिस्टम की शक्ति और विश्व हिंदू परिषद के महासचिव श्री मिलिंद परांडे द्वारा अयोध्या राम मंदिर के परिवर्तन का अवलोकन
जब 2019 में पहली बार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की घोषणा की गई, तो देशभर के कई हिंदू संगठनों ने अपार खुशी जाहिर करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की और इस ऐतिहासिक विकास में योगदान देने के लिए हाथ मिलाया। समय के साथ-साथ, कार्यकर्ताओं की कई टीमों ने देशभर में 5 लाख से अधिक गाँवों का दौरा किया और सिर्फ 46 दिनों के भीतर 12.75 करोड़ परिवारों से लगभग 3200 करोड़ रुपए एकत्रित किए। एक समुदाय के रूप में यह हमारे लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि रही है।
इस धन संग्रह के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, "हिंदू धन का उपयोग हिंदू उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए।"
निर्माण के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने आगे कहा, "निर्माण स्थल की जमीन को समतलीकरण और खुदाई करने के दौरान एक शिवलिंग, खंभे और टूटी हुई मूर्तियाँ मिलीं, जो यह दर्शाता है कि इतिहास में अलग-अलग समय में एक ही स्थान पर एक नहीं, बल्कि दो मंदिर मौजूद थे।

व्यापक शोध और विश्लेषण से संकेत मिलता है कि मंदिर के नीचे बहने वाली सरयू नदी की एक धारा के कारण ये मंदिर जमीन से नीचे चले गए थे। राम मंदिर की सुरक्षा के लिए, हमने मंदिर की संरचना में बाधा डालने वाले पानी की गति व शक्ति को नियंत्रित करने के लिए एक सुरक्षा दीवार का निर्माण किया है। इसके अलावा, निर्माण स्थल की भूमि में मुख्य रूप से रेत शामिल थी, इसलिए हमें वह सारी रेत भी खोदनी थी और एक कृत्रिम भूमि का निर्माण करना था, जो मंदिर के लिए काफी मजबूत और टिकाऊ थी। इस प्रक्रिया में, आईआईटी चेन्नई ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हम इसके लिए उनके आभारी हैं। हमें आप सभी को यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हम निर्माण कार्यक्रम से आगे चल रहे हैं और राम मंदिर 3-4 साल के भीतर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।"
सत्र 2: मंदिर इकोसिस्टम में साइबर सर्विलांस और टेक्नोलॉजी 
टेम्पल इकोसिस्टम में साइबर सर्विलांस और टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए वोल्कसारा की फाउंडर और सीईओ सयाली लाड ने कहा, "हम विकास और प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन साइबर युद्ध सबसे बड़ा युद्ध है, जो अभी हो रहा है और इसलिए, साइबर सिक्योरिटी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मंदिरों का मानना है कि भक्त परिवार के सदस्य हैं, और मंदिर परिसरों को इसी प्रकार संरक्षित करने की आवश्यकता है। चूँकि, हम रोबोट नहीं हैं, इसलिए मानवीय त्रुटियाँ भी हो सकती हैं। लेकिन इस प्रकार, एनालॉग कैमरों और एआई कैमरों को शामिल करने से काफी मदद मिल सकती है। केवल कैमरे स्थापित करना और कैमरा कक्ष स्थापित करना पर्याप्त नहीं होगा। ऐसे में, वीडियो मैनेजमेंट सिस्टम, एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो कैमरों को हमारी इच्छानुसार विशिष्ट कार्य करने में सहायता करता है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिनमें सर्विलांस कैमरे मदद कर सकते हैं, जैसे क्राउड मैनेजमेंट, सिक्योरिटी, एआई सर्विसेस, चेहरे की पहचान, महत्वपूर्ण विजन मैनेजमेंट, ऑनलाइन दर्शन व अन्य ये सभी चीजें सर्विलांस कैमरा से संभव हैं। हमारे पास भीड़ प्रबंधन के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी हैं। कार्बन मैनेजमेंट के मामले में, हम स्मार्ट पार्किंग सुनिश्चित करके, विशेष रूप से भारी ट्रैफिक वाले दिनों में, ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को संभालने के लिए, कैमरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त हम सौंदर्यीकरण और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट भी प्रदान कर रहे हैं।"
लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग के लिए भी एक अनूठे समाधान का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, "हर मंदिर सुंदर है, और इसे लाइटिंग शो द्वारा बढ़ाया व दर्शाया जा सकता है। इसे पत्थर की संरचनाओं, पेड़ों और दीवारों से लेकर किसी भी सतह पर लगाया जा सकता है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इसका सटीक उदाहरण है। यह उस स्थान को देखने में सुखद बनाने के लिए हमारी लाइटिंग और प्रोजेक्शन सिस्टम का उपयोग करता है।"
सत्र 3: समुद्र तटों से परे गोवा; इतिहास जागरूकता के लिए पुरातत्वविद् और भूमिज हेरिटेज कंसल्टेंसी की संस्थापिका और एक्सक्लेमेशंस गोवा में क्यूरेटर- सावनी शेट्टी द्वारा मंदिर के इतिहास की अंतर्दृष्टि

इतिहास जागरूकता के लिए भूमिज हेरिटेज कंसल्टेंसी की संस्थापिका और एक्सक्लेमेशन गोवा की क्यूरेटर- सवानी शेट्टी ने गोवा के मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी पर चर्चा की। उन्हें कहा, "जब मैं टेंपल कनेक्ट कन्वेंशन में शामिल हुई और मुझसे मेरे प्रतिनिधित्व के बारे में पूछा गया, तो मैं उस समय लोगों की आँखों में स्पष्ट रूप से आश्चर्य देख पा रही थी,

जब उन्हें पता चला कि मैं गोवा की आकर्षक भूमि से ताल्लुक रखती हूँ। गोवा को अक्सर अपने जीवंत आकर्षण के लिए जाना जाता है, जो धूप से चमचमाते समुद्र तटों और शानदार कार्निवल से हमेशा ही सजा होता है। गोवा का असली सार इसकी लोकप्रिय छवि से कहीं आगे तक फैला हुआ है।

यह सदियों पुराने मंदिरों के खजाने से सुशोभित शहर है, और साथ ही प्रत्येक मंदिर पैतृक इतिहास और पूजा की समृद्ध विरासत से भरा हुआ है। विविध आबादी से परिपूर्ण, गोवा में 65% से अधिक आबादी हिंदुओं की है, और उनके गहरे संबंध कुलदेवता और ईशदेवता प्रथाओं की पोषित परंपराओं में निहित हैं।

ये पवित्र अनुष्ठान अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं, जिससे लोगों को अपनी विरासत, पैतृक कहानियों और उनकी भक्ति के गवाह सदियों पुराने मंदिरों से दृढ़ता से जुड़े रहने की अनुमति मिलती है। गोवा के मंदिर हमारे पूर्वजों की अग्नि परीक्षा की गूँज को उजागर करते हैं। अग्नि परीक्षा के दौरान इसी धरती पर उन्होंने अपनी बहुमूल्य मान्यताओं की रक्षा करते हुए शरण माँगी थी। इस पवित्र भूमि में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक हस्ताक्षरित एमओयू के माध्यम से टेम्पल कनेक्ट और गोवा की सम्मानित सरकार के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा करते हुए मैं बेहद गर्वित और सम्मानित महसूस कर रही हूँ। मैं पूरे दिल से सभी से आग्रह करती हूँ कि वे सिर्फ इसके सुरम्य परिदृश्यों के लिए ही नहीं, बल्कि गहन विरासत से जुड़े पवित्र मंदिरों का पता लगाने के लिए भी गोवा की आत्मा-रोमांचक यात्रा जरूर करें।" 
सत्र 4: टेम्पल टूरिज्म श्री सेल्वम अलघप्पन, कार्यकारी निदेशक, चेट्टीनाड हेरिटेज एंड वेलनेस रिसॉर्ट्स द्वारा टेम्पल टॉक
चेट्टीनाड हेरिटेज एंड वेलनेस रिसॉर्ट्स के कार्यकारी निदेशक, श्री सेल्वम अलघप्पन ने कहा, "जहाँ बाकी सारी दुनिया अटैचमेंट की वकालत करती है, वहीं भारत ने दुनिया को साबित कर दिया है कि सच्ची शांति डिटैचमेंट में है। असल में, भारत वैश्विक स्तर पर अपनी आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है,

आप देखेंगे कि एप्पल के संस्थापक, स्टीव जॉब्स; हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स और ऑस्ट्रेलियाई विपक्षी दल की नेता जोडी मैके ने आध्यात्म के बारे में जानने और हमारे देश को उत्साहपूर्ण व अधिक संतुष्टिपूर्ण मानने के लिए भारत का दौरा किया है।

हमारे देश में बड़ी संख्या में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनका अपना अलग महत्व है। हम सिर्फ सात अजूबे ही क्यों कहते हैं, जबकि यहाँ बहुत सारे मंदिर अजूबे हैं। जीवंत आध्यात्मिकता और स्थापत्य, मंदिर पर्यटन को फलने-फूलने और दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी व मंदिर पर्यटन के लिए वैश्विक गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति को बढ़ाने हेतु, हमारे पर्यटन मानचित्र पर मंदिरों के समूहों को जोड़ना बेहद महत्वपूर्ण है।"


सत्र 5: श्री विश्राम देवजी, परियोजना प्रबंधन विशेषज्ञ और चिंचवुड देवस्तान, मंदिर के इंफ्रास्ट्रक्चर के पूर्व ट्रस्टी द्वारा मंदिर के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बातचीत

परियोजना प्रबंधन विशेषज्ञ और चिंचवुड देवस्तान के पूर्व ट्रस्टी श्री विश्राम देवजी ने कहा, "मैं अपने विचार साझा करने और अपनी समृद्ध धार्मिक विरासत को आगे बढ़ाने की अनुमति देने वाले इस अद्भुत इस मंच पर सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ।

भारत में मंदिर के इंफ्रास्ट्रक्चर और वास्तुकला में बदलाव को पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर, नए इंफ्रास्ट्रक्चर, चुनौतियों, अवसरों और केस स्टडीज में वर्गीकृत किया जा सकता है। हिंदू मंदिरों की विचारधारा और दर्शन ने नागर, द्रविड़, बादामी-चालुक्य, गडग और कलिंग जैसी विभिन्न मंदिर शैलियों को जन्म दिया है।

बुनियादी हिंदू मंदिरों में मंडपम, गवर और शिकरा शामिल हैं। हमारे पूर्वजों द्वारा सौंपी गई इन मूल मंदिर संरचनाओं का संरक्षण और सौंदर्यीकरण हमारी भावी पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है। श्रद्धालुओं को चरम भार का प्रबंधन करके और अग्निशामक यंत्रों, अलार्म और ड्रोन सुविधाओं के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करके पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना महत्वपूर्ण है,

जिसके लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास के माध्यम से टीम वर्क और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंधन की आवश्यकता होती है। भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयारी करना भी महत्वपूर्ण है। इन सबसे बढ़कर, हमारा ध्यान हमारे मंदिरों को उत्कृष्टता के साथ बनाए रखने और प्रभावी प्रबंधन प्रथाओं के माध्यम से गरिमा के साथ भक्तों की सेवा करने पर रहना चाहिए।"

सत्र 6: मंदिर प्रशासन एवं प्रबंधन, राजस्थान के मंदिर, प्रज्ञा केवलरमानी, आई.ए.एस. द्वारा मुख्य भाषण

प्रज्ञा केवलरमानी, आई.ए.एस., ने कहा, "मंदिर मनुष्य और परमात्मा को जोड़ते हैं। वे बौद्धिक, आध्यात्मिक, कलात्मक, सांस्कृतिक और सामाजिक तत्वों के भंडार हैं, जो हमें समृद्ध, प्रेरित, प्रबुद्ध और स्वस्थ करते हैं। ऐसे में, हमारे मंदिरों का संरक्षण, जीर्णोद्धार, संवर्धन और प्रचार-प्रसार करना महत्वपूर्ण है, फिर चाहे वे बड़े हों या छोटे; और राजस्थान का देवस्थान विभाग इस दिशा में कदम उठा रहा है। इसके अलावा, दुनिया भर के मंदिरों की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना और उन्हें आत्मसात करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जो बदले में स्थानीय छोटे मंदिरों को और भी अधिक बढ़ावा देने में सहायता कर सकता है। हमारे मंदिरों या ऊर्जा स्थानों के जीवंत रहने से, हम अपनी समृद्ध विरासत को उच्च स्तर पर बढ़ा सकते हैं।"
सत्र 7: विशेष सत्र: टेम्पल टॉक, नमामि गंगे परियोजना

नमामि गंगे परियोजना के वाराणसी के सह-संयोजक और श्री लाटभैरव भजन मंडल के सदस्य श्री शिवम कुमार अग्रहरि ने कहा, "नमामि गंगे कार्यक्रम', सिर्फ राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण को प्रभावी ढंग से कम करने ही नहीं, बल्कि इसका संरक्षण और कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक एकीकृत संरक्षण मिशन भी है। टेंपल कनेक्ट जैसे कन्वेंशन में उपस्थित होना मेरे लिए वास्तव में बेहद सम्मान की बात है।

नमामि गंगे में मेरी समर्पित टीम में, हमारे पास स्वच्छ भारत अभियान पहल में बेहद समर्पित उत्साही लोग हैं, जो बहुत सक्रिय हैं और पूजनीय गंगा नदी को स्वच्छ और शुद्ध करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से हमारे प्रयासों ने हमें कई सफल स्वच्छता अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे भगवान शिव की प्रिय नगरी काशी को शुद्ध करने में योगदान मिला है।

काशी का महत्व परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में इसकी भूमिका में निहित है। यहाँ संचालित प्रत्येक शुरुआती परियोजना एक शक्तिशाली उदाहरण के रूप में कार्य करती है, जो पूरे भारत में गुँजायमान होती है।"

उन्होंने आगे कहा, "काशी और गंगा के स्वच्छता अभियान से जुड़ने से शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक संतुष्टि की अवर्णनीय अनुभूति होती है। यह अनुभव अद्वितीय है, हमारे जीवन को समृद्ध और प्रबुद्ध करता है, और साथ ही हमारी यात्रा में एक गहरा उद्देश्य और स्पष्ट दिशा प्रदान करता है।" 

सत्र 8: वीएएमए के सह-संस्थापक आचार्य देव द्वारा डिजिटल पूजन की शक्ति पर प्रकाश डाला गया 
वीएएमए, एक वन-स्टॉप वर्चुअल प्लेटफॉर्म है, जो ज्योतिष, अंकज्योतिष, टैरो रीडिंग, मंदिर दर्शन से लेकर आध्यात्मिक सेवाओं की एक श्रृंखला तक आसान पहुँच प्रदान करता है। इसकी पेशकश सह-संस्थापक आचार्य देव द्वारा की गई थी। वीएएमए सिर्फ एक बटन के क्लिक पर दुनिया भर में भारतीय आध्यात्मिक सेवाओं को सुलभ बनाने की आवश्यकता को संबोधित करता है, फिर चाहे बात लाइव आरती की हो या फिर आपके दरवाजे पर प्रसाद पहुँचाने की। यह वस्तुतः भौगोलिक स्थिति की परवाह किए बिना प्रतिष्ठित पुजारियों द्वारा प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा आयोजित करता है। वीएएमए के सह-संस्थापक आचार्य देव ने कहा, "एक ग्राहक लॉग इन करता है, पूजा बुक करता है और पूजा को लाइव स्ट्रीम में देख सकता है। डिजिटलीकरण की शक्ति ज्योतिषियों के साथ-साथ मंदिरों को भी ऑनलाइन लाना है। पूरी दुनिया ऑनलाइन है और हम पिछले दो वर्षों से लोगों को वस्तुतः दर्शन और प्रदर्शन करने में मदद कर रहे हैं। दूर-दराज के अधिक भक्तों को मंदिरों से जोड़ने और उनके साथ संबंध स्थापित करने से मंदिर भी लाभान्वित होते हैं।"
सत्र 9: प्रशासन अधिकारी डॉ. आकाश किसवे द्वारा श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी के श्री साई प्रसादालय के बारे में बातचीत की गई
श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी ने दर्शकों को 7 एकड़ में फैले नए श्री साईं प्रसादालय से परिचित कराया, जिसका उद्घाटन वर्ष 2009 में किया गया था। प्रशासन अधिकारी डॉ. आकाश किसवे ने कहा, "जरूरतमंदों की मदद करने के लिए साईं बाबा के सिद्धांतों का पालन करते हुए, प्रसादालय का सिद्धांत हर दिन भक्तों को मुफ्त भोजन प्रदान करना है। इसका संचालन परिसर के भूतल पर किया जाता है। ऊपर की मंजिल पर, हमारे पास 300 लोगों के लिए एक वीआईपी अनुभाग है, जहाँ मात्र 50 रुपए में भोजन परोसा जाता है। कुल मिलाकर, यहाँ हर दिन 40,000 भक्त भोजन करते हैं। इतना ही नहीं, त्योहारों पर यह संख्या 80,000 से लेकर 90,000 तक पहुँच जाती है। प्रसाद के पैकेट 5 रुपए में बेचे जाते हैं। श्री साईं प्रसादालय की खासियत यह है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संचालित मुफ्त भोजन रसोई है। हमारे पास एक बायोगैस संयंत्र भी है, जहाँ भक्तों द्वारा छोड़ा हुआ भोजन नवीकरणीय ऊर्जा में बदल दिया जाता है। रसोई के भोजन का उपयोग दो ट्रस्ट अस्पतालों, एक वृद्धाश्रम और एक मूक-बधिर स्कूल में भर्ती मरीजों का पेट भरने के लिए भी किया जाता है।"
सत्र 10: "वर्ष में 3 दिन सूर्य की किरणें मूर्ति पर पड़ती हैं"; इस विषय पर राहुल जगताप, आईटी इंजीनियर, श्री महालक्ष्मी देवस्थानम, कोल्हापुर ने विशेष बातचीत की 
राहुल जगताप ने कहा, "मैं मंदिर संगठनों के लिए बनाए गए इस अभूतपूर्व मंच का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ। मैं यहाँ कोल्हापुर स्थित महालक्ष्मी देवस्थानम का गर्व से प्रतिनिधित्व करने के लिए आया हूँ और मुझे यह अवसर देने के लिए मैं श्री प्रसाद लाड और गिरेश कुलकर्णी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

इस कार्यक्रम की भव्यता हमारे भीतर आध्यात्मिक भावना का अलख जगाती है, जो हमें बताती है कि "हाँ, हम हिंदू हैं और हम कुछ भी कर सकते हैं। हम जहाँ भी जाएँगे, अपने लिए जगह बना लेंगे।" कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में वर्ष भर विभिन्न आयोजन होते हैं।

नवरात्रि के दौरान करीब 20 लाख लोग मंदिर आते हैं, लेकिन सबसे खास घटनाओं में से एक वह है, जब सूर्य की किरणें माताजी की मूर्ति पर पड़ती हैं। और ऐसा वर्ष में सिर्फ दो ही बार होता है।

पश्चिमी दीवार पर एक छोटी-सी खुली हुई खिड़की है, जिसके माध्यम से मार्च और सितंबर के आसपास तीन दिनों तक डूबते सूरज की रोशनी महालक्ष्मी के शरीर पर पड़ती है।

यह दृश्य वास्तव में अद्भुत है और देखने लायक है; और सैकड़ों वर्षों पहले किए गए पुरातत्व चमत्कार का परिणाम है। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि इस लुभावनी घटना का अनुभव करने के लिए कम से कम एक बार मंदिर दर्शन जरूर करें।"

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