राममय हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम

राममय हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित हुए कार्यक्रम वेद पारायण से लेकर दीपोत्सव तक का हुआ आयोजन जब अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा था उस दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम भी कुछ समय के लिए अयोध्या नगरी बन गई थी|

राममय हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम

राममय हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम


 प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित हुए कार्यक्रम
 वेद पारायण से लेकर दीपोत्सव तक का हुआ आयोजन


 जब अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा था उस दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम भी कुछ समय के लिए अयोध्या नगरी बन गई थी| एक तरफ जहां श्री काशी विश्वनाथ धाम में वेद परायण का आयोजन किया गया था, जिसमें 21 ब्राह्मण और 51 बटुक द्वारा वेद पाठ किया जा रहा था उसी दौरान राम दरबार की झांकी सजाकर  संगीतमय सुंदरकांड का पाठ भी परिसर में चल रहा था| इस पूरे आयोजन के पश्चात परिसर में लगने वाले हर हर महादेव और जय श्री राम के नारे से पूरा परिसर अयोध्या नगरी बन गई थी| यही नहीं अयोध्या में चल रहे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी एलइडी टीवी पर किया जा रहा था, जिसे देख दर्शनार्थियों द्वारा हर हर महादेव के नारे लगाए जा रहे थे|

इस प्रसारण के बाद शंख ध्वनि और डमरू की गड़गड़ाहट से पूरा धाम गूंज उठा| परिसर में चल रहे विविध आयोजनों को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त भी पहुंचे थे| इन कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री श्री दयाशंकर मिश्र दयालु गुरु श्री नीलकंठ तिवारी जी महापौर श्री अशोक तिवारी आरएसएस के काशी प्रांत श्री रमेश जी मंडल आयुक्त श्री कौशल राज शर्मा मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा मंदिर न्यास के ट्रस्टी प्रो ब्रज भूषण ओझा, मंदिर के डिप्टी कलेक्टर श्री शंभू शरण बीजेपी के महानगर अध्यक्ष श्री विद्यासागर राय जी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत भगवान राम की आरती उतारी|

इस पूरे आयोजन के पश्चात परिसर में प्रसाद स्वरूप  3  लाख लड्डुओं का वितरण किया गया| संध्या काल में राष्ट्रीय संगीत अकादमी की ओर से नृत्य संगीत का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया| अकादमी की तरफ से कथक गीत संगीत आदि की विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई| कार्यक्रम का समापन पूरे धाम परिसर में दीप उत्सव से हुआ, जिसमें मंदिर के कर्मचारियों द्वारा लगभग 25000 दीपक जलाकर पूरे धाम को जगमगा दिया गया| इन दीपों के जगमगाहट से पूरे धाम में दिवाली जैसे उत्सव का अनुभव हो रहा था

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