जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से नार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये क्या आदेश दे दिया

लखनऊ, 8 अगस्त। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनप्रतिनिधियों (संसद सदस्यों और विधानमंडल सदस्यों) के कॉल न उठाने वाले अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए उन्हें संसद एवं विधानमंडल सदस्यों के प्रति शिष्टाचार और अनुमन्य प्रोटोकॉल के अनुपालन का आदेश दिया है। शासन की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के कॉल उठाने या किसी विशेष परिस्थिति में कॉल न उठा पाने पर मैसेज के साथ बाद में उन्हें कॉल बैक करने की हिदायत दी है। ऐसा न करने वाले अधिकारियों पर सुसंगत प्राविधानों के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से नार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को  ये क्या आदेश दे दिया

जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से नार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को  ये क्या आदेश दे दिया जनप्रतिनिधियों की कॉल का जवाब नहीं देने वाले अधिकारियों पर योगी सरकार सख्त

-योगी सरकार की ओर से जारी हुआ संसद एवं विधानमंडल सदस्यों के प्रति शिष्टाचार और अनुमन्य प्रोटोकॉल के अनुपालन का आदेश 

-आदेश के अनुसार, प्रदेश के सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के मोबाइल का देंगे जवाब, फोन न उठा पाने पर करना होगा कॉल बैक 

-सभी अधिकारियों को संसद व विधान मंडल सदस्यों के मोबाइल नंबर अपने फोन में सेव करने का भी आदेश  

-आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले अधिकारियों पर प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी कार्रवाई

 

लखनऊ, 8 अगस्त। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनप्रतिनिधियों (संसद सदस्यों और विधानमंडल सदस्यों) के कॉल न उठाने वाले अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए उन्हें संसद एवं विधानमंडल सदस्यों के प्रति शिष्टाचार और अनुमन्य प्रोटोकॉल के अनुपालन का आदेश दिया है।

शासन की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के कॉल उठाने या किसी विशेष परिस्थिति में कॉल न उठा पाने पर मैसेज के साथ बाद में उन्हें कॉल बैक करने की हिदायत दी है। ऐसा न करने वाले अधिकारियों पर सुसंगत प्राविधानों के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

शासन की ओर से अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर अपने फोन में सेव करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सदन में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष एक सदस्य ने इस बात को उठाया था, जिस पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आश्वासन दिया था कि

इस पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसी क्रम में शासन की ओर से देर शाम सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव को इस संबंध में समस्त अधीनस्थ अधिकारियों से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।  

जनप्रतिनिधियों से मिल रही शिकायत 
आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के प्रति प्रोटोकॉल के अनुपालन में अनेक आदेशों के बावजूद इसका पालन नहीं किया जा रहा है।

जनप्रतिनिधियों की ओर से मिल रही शिकायतों के संदर्भ में जारी आदेश में निर्देश दिया गया है कि समस्त विभागों के मंडलीय एवं जनपदीय अधिकारियों को आदेशित किया जाए कि उनके द्वारा अपने क्षेत्र के सांसद एवं विधानमंडल के सदस्यों के सीयूजी नंबर या उनके द्वारा नोट कराए गए

अन्य मोबाइल नंबर को अनिवार्य रूप से अपने मोबाइल में सेव किया जाए तथा किसी महत्वपूर्ण बैठक या न्यायालय के समक्ष होने की स्थिति में उनकी कॉल आने पर रिसीव न कर पाने की स्थिति में जानकारी होने पर मैसेज के साथ ही उन्हें कॉलबैक किया जाना सुनिश्चित किया जाए। 

आदेश न मानने वाले अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई 
आदेश में ये भी कहा गया है कि इसका अनुपालन नहीं करने पर शासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने पर और उन्हें कॉल बैक न करने की स्थिति में प्राविधानों के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

इसमें ये भी निर्देश दिया गया है कि जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर सेव किए जाने की सूचना प्रत्येक अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी अपने प्रभारी अधिकारी को एवं प्रभारी अधिकारी जिलाधिकारी को देंगे। जिलाधिकारी अपने जनपद की संकलित सूचना मंडलायुक्त को एवं मंडलायुक्त अपनी सूचना शासन में संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव को देंगे।

संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव व सचिव प्राप्त सूचना संकलित कर उसकी एक प्रति संसदीय शिष्टाचार व पत्राचार अनुभाग को उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी अपने जनपद में संबंधित जनप्रतिनिधि (संसद सदस्य व विधान मंडल सदस्य) के मोबाइल नंबर कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करेंगे।

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