मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से एनसीआर के 8 तथा 10 अन्य जनपदों के सम्बन्धित मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पराली प्रबंधन के सम्बन्ध में दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये किसानों को प्रेरित किया जाये
किसानों से पराली न जलाने की अपील की जाये
पराली जलाने पर किसान से जुर्माना वसूल किया जाये
जनपदों में पराली जलाने की घटनाओं पर रखी जाये कड़ी निगरानी
जनपद में पराली जलाने की घटनायें न होने दें
राजस्व ग्राम के लिये लेखपाल की तय की जाये जिम्मेदारी
ग्राम, न्याय पंचायत, विकास खण्ड, तहसील एवं जनपद स्तरीय टीमों का गठन कर जन जागरूकता एवं प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाये
लखनऊ, 13 अक्टूबर: प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से एनसीआर के 8 तथा 10 अन्य जनपदों के सम्बन्धित मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर पराली प्रबंधन के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये किसानों को प्रेरित करने पर बल दिया गया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को किसानों को पराली प्रबंधन के उपायों के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों से पराली न जलाने की अपील की जाए। वहीं इसके बाद भी अगर किसान पराली जलाते हैं, तो उनसे जुर्माना वसूल किया जाये और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाये।
उन्होंने कहा कि जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाये। राजस्व ग्राम के लिये लेखपाल की जिम्मेदारी तय की जाये कि वह अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनायें न होने दे। ग्राम न्याय पंचायत, विकास खण्ड, तहसील एवं जनपद स्तरीय टीमों का गठन कर जन जागरूकता एवं प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाये। जनपद में उपलब्ध एकल कृषि यंत्र एवं फार्म मशीनरी बैंक का प्रयोग फसल अवशेष प्रबंधन के लिये किया जाये।
उन्होंने कहा कि किसानों को बताया जाये कि पराली जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है। इससे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, साथ ही सांस संबंधी कई बीमारियां फैलती है। पराली या फसलों के अवशेष को वेस्ट डिकम्पोजर के माध्यम से खाद बनाकर उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया, आईईसी कार्यक्रमों तथा विभिन्न प्रचार माध्यमों से किसानों को जागरूक किया जाये। मंडी, सड़क किनारे, बाजार, स्कूल, पेट्रोल पंप, पंचायत भवन आदि स्थानों पर होर्डिंग्स लगवाये जायें। रेडियो पर जिंगल्स, टीवी पर ऑडियो-विज़ुअल क्लिप व टीवी पर स्क्रॉल संदेश का प्रसारण किया जाए। राज्य, जनपद, न्याय पंचायत स्तर भी जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाए। इसके अलावा ग्राम स्तरीय किसान पाठशालाओं में किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी दी जाये। कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पम्फलेट का वितरण व कृषि यन्त्रों का प्रदर्शन किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्मय से एनसीआर के अन्तर्गत आने वाले गाजियाबाद, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, शामली, बागपत, हापुड़, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बाराबंकी, रामपुर, एटा, इटावा, संभल व बरेली जनपद के सम्बन्धित मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी बैठक में उपस्थित थे।