योगी सरकार अब छात्र-छात्राओं को बना रही एसपीसी
वाराणसी, 21 नवंबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्र छात्राओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने तथा सामाजिक पहलुओं और कुरीतियों को समझने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम चला रही है। सरकार अब छात्र छात्राओं को स्टूडेंट पुलिस कैडेट बना रही है। प्रयास ये है कि ड्रग्स, एब्यूज, बाल यौनाचार तथा अन्य गंभीर अपराध एवं बुराइयों के बारे में किशोरवय के विद्यार्थियों में जागरूकता लाई जा सके।
योगी सरकार अब छात्र-छात्राओं को बना रही एसपीसी
- वाराणसी में इस सत्र में 930 छात्र- छात्राएं स्टूडेंट पुलिस कैडेट बनकर होंगे तैयार
- आईपीसी, सीआरपीसी की तकनीकी बारीकियों से रूबरू हो रहे हैं किशोर
- थानों समेत सभी सरकारी कार्यालयों में ले जाकर वहां की कार्यप्रणाली से परिचित हो रहे स्टूडेंट्स
- समाज में फैली बुराइयों से बचते हुए दूसरों को इससे कैसे रखे दूर, इसकी भी मिल रही ट्रेनिंग
वाराणसी, 21 नवंबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्र छात्राओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने तथा सामाजिक पहलुओं और कुरीतियों को समझने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम चला रही है। सरकार अब छात्र छात्राओं को स्टूडेंट पुलिस कैडेट बना रही है। प्रयास ये है कि ड्रग्स, एब्यूज, बाल यौनाचार तथा अन्य गंभीर अपराध एवं बुराइयों के बारे में किशोरवय के विद्यार्थियों में जागरूकता लाई जा सके। साथ ही इनके माध्यम से आने वाली पीढ़ी एक सशक्त समाज का निंर्माण कर सके। इसके लिए पुलिस और शिक्षा विभाग वाराणसी के स्कूलों में प्रशिक्षण का कार्यक्रम चला रहा है।
वाराणसी में एसपीसी की नोडल अधिकारी और एडिशनल सीपी महिला सुरक्षा ममता रानी ने बताया कि किशोरावस्था के विद्यार्थियों को सुरक्षा और शांति के प्रति जागरूक कर उनमे आत्म बल पैदा करने के उद्देश्य से एसपीसी प्रोग्राम संचालित है। जिलाधिकारी वाराणसी की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्य समिति के द्वारा प्रत्येक माह इसकी समीक्षा की जाती है। इसमें विद्यार्थियों को बाह्य और आंतरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। थानों समेत लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में ले जाकर वहां की कार्य प्रणाली से बच्चों को रूबरू कराया जा रहा है। भ्रष्टाचार, अपराध, बाल अपराध, यौनाचार समेत आईपीसी, सीआरपीसी के बारे में बच्चों को बताया जाता है। साथ ही आत्मरक्षा के गुर सिखाये जा रहे हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि स्टूडेंट पुलिस कैडेट के लिए कक्षा 8 और 9 के ही बालक बालिकाओं को रखा गया है। प्रत्येक विद्यालय से 30-30 छात्र-छात्राओं को लिया गया है। इस योजना में सरकार की ओर से 50 हज़ार की राशि प्रत्येक विद्यालय को मिलती है। विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ ही विशेषज्ञों द्वारा स्कूलों में भी विभिन्न सामजिक विषयों का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पहले चरण में शहर और ग्रामीण क्षेत्रो के 31 विद्यालयों के 930 छात्र-छात्राएं स्टूडेंट पुलिस कैडेट बनकर तैयार होंगे। ये योजना 2019 से शुरू हुई थी, जो कोरोना महामारी के कारण रुक गई थी, अब ये पुनः शुरू हो गई है।
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