बैंक अफसर बनकर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले तीन शातिर साइबर अपराधी दिल्ली से गिरफ्तार

बैंक अफसर बनकर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले तीन शातिर साइबर अपराधी दिल्ली से गिरफ्तार

वाराणसी। अच्छी पालिसी देने व इनकम टैक्स से बचने के नाम पर इन्श्योरेंस पालिसी की धोखाधड़ी करनेवाले तीन हाईप्रोफाइल अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को साइबर क्राईम थाने की पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद तीनों वाराणसी लाकर अपने कार्यालय में मीडिया के सामने खुलासा किया। पुलिस ने इनके पास से एक कार, भारी मात्रा में चेक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड आदि बरामद हुए है। तीनों शातिर अपराधियों में रियाज मूल रूप से न्यू दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस गली नम्बर छह, मो. अरशद अंसारी तीमारपरु थाना क्षेत्र के वजीराबाद के अपोजिट रामघाट का और रजनीश सिंह दक्षिणी दिल्ली के प्रहलादपुर पुल का निवासी है।

बताया जाता है कि शिवपुर थाना क्षेत्र के तरना निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस को बताया कि अपने को एसबीआई का अधिकारी बताकर एक व्यक्ति ने उनसे सम्पर्क किया। बताया कि आपके एसबीआई लाईफ इंश्योरेंस पालिसी के बारे में उसे बराबर जानकारी मिलती रहती है। इसके बाद उसने अच्छी पालिसी देने व इनकम टैक्स से बचने के उपाय बताए। इसके बाद उसने अपने दिल्ली के पते पर सात लाख 345 रूपये का चेक मंगवा लिया। शैलेंद्र ने रूपये भेज दिए और जब उन्हें जालसाजी का अहसास हुआ तो साइबर थाने में शिकायत की। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। मामले की जांच एसआई सतीश सिंह व हेड कांस्टेबल रविकांत जायसवाल को सौंपी गई। इसके बाद इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, सीडीआर एनालिसिस व अन्य साइबर तकनीकी का साक्ष्यों का संकलन किया गया। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। 

ऐसे करते थे साइबर अपराध

पुलिस ने बताया कि बताया कि पुलिस टीम ने रियाज खान बीटेक मेस डिप्लोमा धारक है। जबकि मो. अरशद अंसारी स्नातक है ओर रजनीश कुमार सिंह इंन्श्योरेंस बेचनेवाली कम्पनी में काम करता था। रजनीश मेट्रोमनी व शादी डाट काम में टेलीकालर के रूप में काम कर चुका है। इनको इंश्योरेंस सेक्टर का अच्छा अनुभव था। कम्पनियों में इन्हें अच्छा पैसा मिलता नही था। इसलिए इन तीनों ने जालसाजी का काम करने की सोची। इसके अलए इन्होंने बदरपुर में सिब्बल सिनेमा के पास किराये का कमरा लेकर फर्जी काल सेंटर शुरू किया। इससे पहले वह तीनों दूसरे जगह काल सेंटर चलाते थे। गिरोह कूटरचित दस्तावजे से किसी के नाम पर सिम लेकर काल करके कोरियरवालों को गुमराह कर गलत नाम पते पर चेक मंगा लेते थे। इसके बाद फर्जी नाम व पते पर खेले गये खातों में पैसा प्राप्त करते थे। उन पैसों से आफिस का खर्च, नेक्सान के इएमआई, काल सेंटर में काम करनेवाली लड़कियों को वेतन आदि देने के बाद बचे रूपये आपस में बांट लेते थे। 

काल सेंटर में काम करनेवाली लड़कियों को इसकी भनक तक नही लग पाती थी। उनको पता होता था कि वह बैंकिंग व इंश्योरेंस का काम करती है। जालसाजों ने बताया कि हम तीनों ने साजिश के तहत शैलेंद्र से सात लाख रूपये मंगवाए। उस चेक को जम्मू कशमीर बैंक में डालकर सारा पैसा एटीएम से निकाल लिया। इस दौरान मो. अरशद अंसारी खुद को किरन राव बताकर व रियाज खान विकास वर्मा बनकर बात करता था। इन्हें गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, एसआई सतीश सिंह, हेड कांस्टेबल श्यामलाल गुप्ता, आलोक कुमार सिंह, गोपाल चौहान, रविकांत जायसवाल, कांस्टेबल विजय कुमार, चंद्रशेखर यादव, अनिल कुमार, मनीष सिंह आदि रहे।

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