आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए केंद्र के 3 विधेयक: 'न्याय प्रदान करना, दंड देना नहीं...'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। अमित शाह ने लोकसभा में इन्हें पेश करते हुए कहा कि, यें बिल, भारतीय सुरक्षा संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं। नए विधेयकों के साथ, सरकार का लक्ष्य "न्याय सुनिश्चित करना है, सजा नहीं।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। अमित शाह ने लोकसभा में इन्हें पेश करते हुए कहा कि, यें बिल, भारतीय सुरक्षा संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं। नए विधेयकों के साथ, सरकार का लक्ष्य "न्याय सुनिश्चित करना है, सजा नहीं।"
शाह ने कहा कि, भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को आगे की जांच के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जाएगा।
'ध्यान न्याय दिलाने पर है, सज़ा देने पर नहीं'
गृह मंत्री शाह ने कहा कि, ''मौजूदा कानूनों का फोकस ब्रिटिश प्रशासन की रक्षा करना और उसे मजबूत करना था, विचार दंड देना था न कि न्याय देना। उनकी जगह लेकर तीन नए कानून लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की भावना लाएंगे।'' उन्होंने कहा कि, नए विधेयकों का उद्देश्य, "दंड देना नहीं, न्याय प्रदान करना होगा।" अपराध रोकने की भावना पैदा करने के लिए सजा दी जाएगी।”
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