स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु होने के लिए योग का एक डोज प्रतिदिन आवश्यक है,योग उपचारात्मक औषधि-डॉ रणधीर सिंह

स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु होने के लिए योग का एक डोज प्रतिदिन आवश्यक है,योग उपचारात्मक औषधि-डॉ रणधीर सिंह

रोहनिया-जक्खिनी स्थित राजकीय महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला "वर्तमान जीवन शैली एवं योग "का आयोजन किया गया।

जिसके दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर उमाशंकर गुप्ता द्वारा मुख्य वक्ता डॉ रणधीर सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इस कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता डॉ रणधीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष,शारीरिक शिक्षा विभाग डॉ राम मनोहर लोहिया पीजी कॉलेज भैरव तालाब ने कहा कि आज वर्तमान जीवन शैली ने मनुष्य को कमजोर कर दिया है तथा मानव शरीर को रोग एवं बीमारियों का भंडार गृह बना दिया है।आज आवश्यकता है कि छात्र छात्राएं अपने प्रतिदिन के क्रियाकलापों में योग को सम्मिलित करें।सभी के स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु होने के लिए योग का एक डोज आवश्यक है।आज योगाभ्यास प्राचीनतम क्रिया एवं आधुनिकतम तथा दुष्प्रभाव रहित औषधि बन गया है योग को हम उपचारात्मक औषधि के रूप में बखूबी प्रयोग कर सकते है।कार्यक्रम का संचालन डॉ आभा गुप्ता ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ के.के.उजाला के द्वारा किया गया। 
इस अवसर पर महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक डॉ अजय कुमार वर्मा, डॉ कामना सिंह, डॉ शरद कुमार, डॉ आनंद सिंह, डॉक्टर संतोष कुमार आदि समस्त प्राध्यापक,  प्राध्यापिका तथा कर्मचारी गण उपस्थित रहे ।

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