नए वित्त वर्ष में हीरा निर्यात में 15 फीसदी तक की गिरावट आने का अनुमान
वैश्विक मंदी ने हीरे के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है
बीते वित्त वर्ष में हीरे के निर्यात में 8 से 10 फीसदी की कमी आई है और नए वित्त वर्ष यानी 2023-24 में देश से हीरे के निर्यात में 15 फीसदी की कमी आने की उम्मीद है। आईसीआरए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मंदी के परिणामस्वरूप नए वित्त वर्ष में हीरे का निर्यात 19-20 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है।
अपरिष्कृत पॉलिश किए गए हीरे की कीमतों में निरंतर असामान्य उतार-चढ़ाव हीरा उद्योग के लाभ मार्जिन पर दबाव डाल रहा है। खत्म हुए वित्त वर्ष में उद्योग का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन आधा प्रतिशत घटकर 5.50 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2024 में मार्जिन आधा प्रतिशत तक घटने की संभावना है, ऐसा रिपोर्ट में बताया गया है।
कार्यशील पूंजी चक्रों के नियंत्रण में रहने से सकल ऋण स्तर भी कम रहने की संभावना है। खत्म हुए वित्त वर्ष में भारत से तराशे गए हीरों का निर्यात 22 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। व्यापक आर्थिक चुनौतियों और दुनिया भर में अत्यधिक तरलता तनाव के परिणामस्वरूप निर्यात प्रभावित हुआ है।
खनन कंपनियों द्वारा अपरिष्कृत हीरों की कम आपूर्ति ने कीमतों को स्थिर रखा है, जिससे कटे और पॉलिश किए गए हीरों के व्यापारियों पर लागत का दबाव बढ़ गया है।
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