बुधवार का व्रत करने से धन की कमी होती है दूर
बुधवार व्रत के पारण समय आप दही , हरी मूंग की दाल ,या कोई भी हरी चीज से बनी वस्तु खा सकते हैं।
बुधवार का दिन गणेशजी भगवान को समर्पित होता है। बुधवार का व्रत करने से धन की कमी दूर होती है और घर में सब शुभ ही होता है और क्यों न हो आख़िरकार गणेशजी खुद रिद्धि -सिद्धि के स्वामी है। धर्म ग्रंथों के अनुसार किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से इस व्रत की शुरुआत करना उचित माना जाता है। अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु इस व्रत को 7 या 21 की संख्या में करना चाहिए। आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे के बुधवार का व्रत करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए।
बुधवार का व्रत करने से जीवन में धन की कमी दूर होती है और सुखों की प्राप्ति होती है। बुध को माल और व्यापारियों का स्वामी माना जाता है। इसलिए अगर व्यापर में परेशानियां आ रही है तो इस व्रत को करने से फायदा होगा और परेशानियां भी दूर होगी।
बुधवार व्रत के नियम :
बुधवार का व्रत कभी भी पितृ पक्ष से शुरू नहीं करना चाहिए। इस व्रत की शुरुआत हमेशा शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से ही करना चाहिए।
मनोकामना पूरी होने के बाद आखिरी व्रत वाले दिन विधि वत पूजा कर उद्यापन करना चाहिए।
इस दिन व्रत रखने वालों को नमक ग्रहण नहीं करना चाहिए। आप चाहे तो फलाहार लें सकते हैं और शाम को पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें।
बुधवार के दिन हरे रंग का महत्व होता है। इस दिन पूजा में हरे रंग के कपडे पहने और हरे रंग की चीजों का दान करें।
बुधवार व्रत करने की विधि :
बुधवार के दिन व्रत करने वालों को सुबह प्रातः काल स्नानादि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें। गणेशजी की पूजा करें। उन्हें रोली , मोली , अक्षत , जनेऊ , दूर्वा ,फूल , वस्त्र अर्पित करें। भगवान को मोदक , लडडू का भोग अवश्य लगाएं। बुधवार व्रत की कथा अवश्य सुने। उसके बाद बुधदेव का स्मरण करके बुध यंत्र की पूजा करे। जल में हरी इलायची और कपूर मिलाकर बुध देवता को अर्ध्य दें।
What's Your Reaction?