गुजरात - हम आदिवासी है हमें छेड़ो मत 2024 में हम आपकी सरकार उखाड़ फेकेंगे!- यूसीसी मुद्दे पर भडके AAP विधायक

गुजरात में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा आक्रामक नजर आ रहे हैं। चैतर वसावा ने आदिवासियों को यूसीसी से बाहर रखने की मांग की गुजरात के आप नेता विधायक चैतर वसावा ने इस मामले में आदिवासी इलाकों में जागरूकता अभियान शुरू किया है। उन्होंने इस मामले में विरोध जताया और कहा, हम आदिवासी हैं, हमें मत छेड़ो, हम 2024 में तुम्हारी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।

गुजरात - हम आदिवासी है हमें छेड़ो मत 2024 में हम आपकी सरकार उखाड़ फेकेंगे!- यूसीसी मुद्दे पर भडके AAP विधायक

गुजरात में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा आक्रामक नजर आ रहे हैं। चैतर वसावा ने आदिवासियों को यूसीसी से बाहर रखने की मांग की
गुजरात के आप नेता विधायक चैतर वसावा ने इस मामले में आदिवासी इलाकों में जागरूकता अभियान शुरू किया है। उन्होंने इस मामले में विरोध जताया और कहा, हम आदिवासी हैं, हमें मत छेड़ो, हम 2024 में तुम्हारी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।

केंद्र सरकार के अलावा गुजरात में राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर काम कर रही है। सरकार ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। हालांकि, आदिवासी इलाकों में अभी से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इस मामले में गुजरात के आदिवासी नेता और विधायक चैतर वसावा ने विरोध जताया है।

चैतर वसावा ने कहा, लोकसभा को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम और आदिवासी समुदाय को निशाना बनाने वाली बीजेपी को हम बता रहे हैं कि इस देश में 47 आरक्षित लोकसभा सीटें हैं। 62 सीटों पर हमारा दबदबा है। ईस के अलावा 'गुजरात में 27, राजस्थान में 25, मध्य प्रदेश में 47 और महाराष्ट्र में 24 सीटें विधानसभा में है, पूरे देश में 487 सीटें आरक्षित हैं। अगर भाजपा सरकार ने यूसीसी को नहीं हटाया तो हम आने वाले दिनों में सभी सीटों पर लोकसभा में सफाया करने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।

यूसीसी से आदिवासियों को हो रहे नुकसान को लेकर उन्होंने मोर्चा खोलते हुए आगे कहा कि यूसीसी से आदिवासी समेत समाज बर्बाद होने वाले हैं। इसलिए आने वाले दिनों में हम सड़क पर उतरेंगे और विधानसभा का भी घेराव करेंगे। आने वाले समय में हम पूरी ताकत के साथ उतरेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि पंचायत सदस्य, विधायक समेत हमारी आरक्षित सीटें नहीं रहेंगी। जमीनों के मामले में कानून का संरक्षण भी खत्म हो जाएगा। ग्राम पंचायत में बैठने वाले पंच भी नष्ट हो जायेंगे। इस समान नागरिक संहिता के लागू होने से आदिवासी समाज की सारी मर्यादाएं नष्ट हो जाएंगी। कानून के तहत मिलने वाली सुविधाएं खत्म होने वाली है। सभी आदिवासी समाज को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए।

विधायक चैतर वसावा ने ट्वीट करते हुए कही य़ह बात 
संविधान में आदिवासीयों के क़ानून और मान्यताए अलग है! ईसलिए UCC लागु होने से आदिवासी अल्पसंख्यको और अन्य समुदायो को काफ़ी नुकसान हो सकता है!
भाजपा आदिवासी,दलितों और मुस्लिमो को इंसान ही नहीं मानती!
 जी हम आदिवासी है हमें छेड़ो मत 2024 में हम आपकी सरकार उखाड़ फेकेंगे!

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