Maharashtra: रेलवे ने कहा- कांस्टेबल ने छिपाई थी बीमारी की बात, बाद में बयान लिया वापस
मुंबई जाने वाली ट्रेन में कथित तौर पर अपने वरिष्ठ और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने वाले आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह के मानसिक स्वास्थ्य पर बात करते हुए रेलवे ने बुधवार को कहा कि, उन्होंने और उनके परिवार ने अपने चिकित्सा संबंधी मुद्दों को पहले गुप्त रखा था। लेकिन बाद में चल रही जांच का हवाला देते हुए बयान वापस ले लिया।
मुंबई जाने वाली ट्रेन में कथित तौर पर अपने वरिष्ठ और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने वाले आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह के मानसिक स्वास्थ्य पर बात करते हुए रेलवे ने बुधवार को कहा कि, उन्होंने और उनके परिवार ने अपने चिकित्सा संबंधी मुद्दों को पहले गुप्त रखा था। लेकिन बाद में चल रही जांच का हवाला देते हुए बयान वापस ले लिया।
रेल मंत्रालय ने आगे कहा कि, वर्तमान में बीमारी का इलाज चेतन सिंह ने अपने व्यक्तिगत स्तर पर कराया है और यह आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं है। उन्होंने और उनके परिवार ने इसे गुप्त रखा था। आरपीएफ अधिकारी भी अन्य रेलवे अधिकारियों की तरह नौकरी के लिए अपनी फिटनेस का परीक्षण करने के लिए हर पांच साल में आवधिक चिकित्सा परीक्षा (पीएमई) से गुजरते हैं। बयान में कहा गया कि, पिछले पीएमई में ऐसी कोई चिकित्सीय बीमारी/स्थिति का पता नहीं चला था।
लगभग दो घंटे बाद, रेलवे ने प्रेस सूचना ब्यूरो की वेबसाइट से बयान हटा दिया और अधिकारियों ने कहा कि विज्ञप्ति वापस ले ली गई है। इन पहलुओं पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति पहले ही गठित की जा चुकी है। इसीलिए विज्ञप्ति वापस ले ली गई, रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीड़िया को बताया।
मंगलवार को, पश्चिम रेलवे के मुख्य पीआरओ के कार्यालय ने कहा कि, सिन्हा ने स्पष्ट किया कि उन्हें गलत तरीके से उकसाया किया गया था और इस आशय का कोई बयान नहीं दिया गया है कि… (सिंह) मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे। मामले की जांच पड़ताल चल रही है।
बता दें कि, सोमवार तड़के, आरपीएफ कांस्टेबल सिंह, जो एस्कॉर्ट ड्यूटी पर थे, उन्होंने कथित तौर पर जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ एएसआई टीकाराम मीना और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यात्रियों की पहचान बिहार के मधुबनी के असगर अब्बास अली, महाराष्ट्र के पालघर में नालासोपारा से अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (64) और हैदराबाद के नामपल्ली से सैयद सैफुल्लाह (43) के रूप में की गई थी।
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