Maharashtra: अजित पवार के साथ शरद पवार की मुलाकात, संजय राउत ने कहा- भ्रम पैदा करने की कोशिश...!
ऐसे समय में जब विपक्षी गुट I.N.D.I.A संयुक्त मोर्चा बना रहा है और मुंबई में अपनी अगली बड़ी बैठक की योजना बना रहा है, महाराष्ट्र में राजनीति गरमा रही है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन के एक प्रमुख सदस्य, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ शरद पवार की बैठकों से खुश नहीं हैं, उनके विद्रोह के कुछ हफ्तों बाद दिग्गज की पार्टी विभाजित हो गई।
ऐसे समय में जब विपक्षी गुट I.N.D.I.A संयुक्त मोर्चा बना रहा है और मुंबई में अपनी अगली बड़ी बैठक की योजना बना रहा है, महाराष्ट्र में राजनीति गरमा रही है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन के एक प्रमुख सदस्य, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ शरद पवार की बैठकों से खुश नहीं हैं, उनके विद्रोह के कुछ हफ्तों बाद दिग्गज की पार्टी विभाजित हो गई।
जबकि पवार ने इस बात पर जोर दिया है कि उनकी भाजपा के साथ हाथ मिलाने की कोई योजना नहीं है, उनके सहयोगी इन बैठकों से अपनी असहमति के बारे में कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शरद पवार की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, उनके भतीजे से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है। अनुभवी नेता पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, शरद पवार कह रहे हैं कि अजित पवार उनके भतीजे हैं और उनसे मिल सकते हैं। फिर उनके अनुयायी सड़कों पर क्यों लड़ रहे हैं? हमने ऐसा दिखावा नहीं किया है कि जब हमारे कार्यकर्ता लड़ते हैं तो हम दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ बैठते हैं।
टीम ठाकरे के नेता ने पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का "भीष्म पितामह" बताया और कहा कि, उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो। राउत ने आगे कहा कि, उन्होंने शरद पवार की अजित पवार से मुलाकात के बारे में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले से बात की है। राउत की यह टिप्पणी उनकी पार्टी के मुखपत्र सामना में यह कहे जाने के बाद आई है कि अजित पवार को बार-बार शरद पवार से मिलते देखना और बाद में इसे टालते नहीं देखना "मनोरंजक" है। इसमें कहा गया है, "ऐसी आशंका है कि बीजेपी के 'चाणक्य' अजित को वरिष्ठ पवार से मिलने के लिए भेजकर कुछ भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ऐसी बैठकें शरद पवार की छवि को खराब करती हैं और यह अच्छा नहीं है।
पवार ने इस बात पर जोर दिया है कि अजित पवार के साथ उनकी मुलाकात एक पारिवारिक मुलाकात है और उनकी खेमा बदलने की कोई योजना नहीं है। अपने भतीजे के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, "एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं कि मेरी पार्टी (एनसीपी) भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई भी जुड़ाव नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि कुछ "शुभचिंतक" उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। मुलाकात को लेकर मचे हड़कंप के बीच उन्होंने कहा, मैं आपको एक तथ्य बताना चाहता हूं कि वह मेरा भतीजा है। मेरे भतीजे से मिलने में क्या बुराई है? अगर परिवार का कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए?" इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर अजित पवार मुझसे मिलने आते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम गुप्त रूप से नहीं मिले।
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