मणिपुर हिंसा पर ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू का छलका दर्द, पीएम मोदी से की यह अपील

ओलिंपिक मेडल विनर मीराबाई चानू ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने गृह राज्य मणिपुर में दो समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने की अपील की। मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष हो रहा है और अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। चानू, जो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि, पूर्वोत्तर राज्य के एथलीट संघर्ष से प्रभावित हुए हैं क्योंकि वे मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रशिक्षण नहीं ले सकते हैं।

मणिपुर हिंसा पर ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू का छलका दर्द, पीएम मोदी से की यह अपील

ओलिंपिक मेडल विनर मीराबाई चानू ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने गृह राज्य मणिपुर में दो समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने की अपील की। मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष हो रहा है और अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। चानू, जो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि, पूर्वोत्तर राज्य के एथलीट संघर्ष से प्रभावित हुए हैं क्योंकि वे मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रशिक्षण नहीं ले सकते हैं।

चानू ने कहा कि, मणिपुर में संघर्ष को तीन महीने पूरे होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक शांति नहीं लौटी है। इस संघर्ष के कारण कई खिलाड़ी प्रशिक्षण नहीं ले पाए हैं और छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हुई है। कई लोगों की जान चली गई है और कई घर बर्बाद हो गए हैं। चानू ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में यह बात कही है। चानू ने अपील करते हुए कहा कि, मैं प्रधान मंत्री और गृह मंत्री से अपील करना चाहती हूं कि वे जल्द से जल्द इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद करे और मणिपुर के सभी लोगों को बचाएं और उस शांति को वापस लाएं जो पहले थी।

टोक्यो ओलंपिक में 49 किलोग्राम वजन वर्ग में रजत पदक जीतने वाली चानू ने कहा कि, वह वहां से बहुत दूर रहने के बावजूद अपने गृह राज्य की स्थिति के बारे में सोचने से खुद को नहीं रोक सकीं। उन्होंने कहा, "मेरा घर मणिपुर में है, हालांकि मैं आगामी विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों की तैयारी के लिए फिलहाल अमेरिका में प्रशिक्षण ले रही हूं। भले ही मैं मणिपुर में नहीं हूं, लेकिन मैं हमेशा सोचती थी कि यह संघर्ष कब खत्म होगा।"

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा हुईं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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